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International Literacy Day 2020: क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस? जानिए इसका महत्व और इतिहास

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सोनू शर्मा Updated Tue, 08 Sep 2020 12:05 PM IST
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International Literacy Day 2020 History significance and theme of the year
विश्व साक्षरता दिवस 2020 - फोटो : Pixabay

आज अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जा रहा है। हर साल आठ सितंबर को दुनियाभर में इसे मनाया जाता है। इसे मनाने की शुरुआत साल 1966 में हुई थी, जब यूनेस्को ने शिक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने और दुनियाभर के लोगों का इस तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए हर साल आठ सितंबर को 'विश्व साक्षरता दिवस' मनाने का फैसला किया था। चूंकि इस बार दुनियाभर में कोरोना महामारी फैली है, इसलिए इस बार साक्षरता दिवस की थीम 'साक्षरता शिक्षण और कोविड -19: संकट और उसके बाद' पर रखी गई है। आइए जानते हैं इस दिवस के बारे में खास बातें, जैसे कि- इसे क्यों मनाया जाता है, इसका महत्व क्या है और इससे समाज में क्या बदलाव आया है। 

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International Literacy Day 2020 History significance and theme of the year
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : Pixabay

कब आया अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का विचार? 

  • इसे मनाने की घोषणा भले ही 26 अक्तूबर 1966 को हुई हो, लेकिन सबसे पहले इसका विचार ईरान के तेहरान में शिक्षा से जुड़े मंत्रियों के विश्व सम्मेलन के दौरान आया था। यह सम्मेलन साल 1965 में हुआ था, जिसमें निरक्षरता को खत्म करने के लिए दुनियाभर में एक जागरूकता अभियान चलाने पर चर्चा की गई थी। 
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International Literacy Day 2020 History significance and theme of the year
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : Pixabay

क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस? 

  • अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य व्यक्तिगत, सामुदायिक और सामाजिक रूप से साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालना है। इस दिवस के माध्यम से दुनियाभर में लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है, ताकि वो अपने आने वाले कल को बेहतर बना सकें। 
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प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : Pixabay

साक्षरता के मामले में भारत कहां? 

  • राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों पर आधारित एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साक्षरता दर 77.7 फीसदी है। अगर देश के ग्रामीण इलाकों की बात करें तो वहां साक्षरता दर 73.5 फीसदी है जबकि शहरी इलाकों में यह आंकड़ा 87.7 फीसदी है। साक्षरता के मामले में देश का शीर्ष राज्य केरल है, जहां 96.2 फीसदी लोग साक्षर हैं। वहीं आंध्र प्रदेश इस मामले में सबसे निचले पायदान पर है। वहां की साक्षरता दर महज 66.4 फीसदी ही है। 
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प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : Pixabay

पहले के मुकाबले भारत में काफी बढ़ी है साक्षरता दर

  • अगर हम आजादी से वर्तमान साक्षरता दर का आंकलन करें तो स्थिति थोड़ी बेहतर नजर आती है। आजादी के बाद से देश में साक्षरता दर में 57 फीसदी की वृद्धि हुई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश शासन के दौरान देश में सिर्फ 12 फीसदी लोग ही साक्षर थे। 
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