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Office Romance: दफ्तर में 'दिल्लगी' कितना सुरक्षित? काम के बीच प्यार तलाश रहे लोग जान लें

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला Published by: शिवानी अवस्थी Updated Thu, 04 Dec 2025 02:00 PM IST
सार

Office Romance  in India: सवाल है कि लोग अपनी निजी जिंदगी को कामकाज के साथ कैसे मिक्स कर रहे। यानी काम के बीच लोग दफ्तर में प्यार या डेटिंग क्यों और कैसे कर लेते हैं? ऑफिस रोमांस कितना सुरक्षित है और इसका असर आपके करियर पर कैसा पड़ सकता है?

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India Ranks Second In office romances Know Reason And How To Balance
दफ्तर में प्यार कितना सुरक्षित - फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
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Office Romance: इंसान अपने दिन का आधे से ज्यादा वक्त दफ्तर में बिताता है। यहां फाइलों, डेडलाइन और टार्गेट पूरा करने की जल्दबाजी में ठहराव तब आता है, जब ''दफ्तर वाला प्यार" उमड़ता है। दफ्तर वाला प्यार यानी ऑफिस रोमांस आजकल का तेजी से फैल रहा चलन बन गया है। हालांकि रिश्ते की गर्माहट करियर को जला न दें, इसका ध्यान रखना, खासकर भारत जैसे देश में बेहद जरूरी है। अब तो अंग्रेजों को पीछे छोड़ भारतीय ऑफिस रोमांस के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। 

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एक हालिया ग्लोबल सर्वे के मुताबिक,ऑफिस रोमांस के मामलों में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है और पहले नंबर पर मैक्सिको है। डाटा के मुताबिक, 40% भारतीय कर्मचारी मानते हैं कि उन्होंने किसी सहकर्मी को डेट किया है या कर रहे हैं। इस तरह का प्यार अब ऑफिस कैफे, मीटिंग रूम और कॉफी मशीनों के आसपास खुलकर पनप रहा है। सवाल है कि लोग अपनी निजी जिंदगी को कामकाज के साथ कैसे मिक्स कर रहे। यानी काम के बीच लोग दफ्तर में प्यार या डेटिंग क्यों और कैसे कर लेते हैं? ऑफिस रोमांस कितना सुरक्षित है और इसका असर आपके करियर पर कैसा पड़ सकता है?
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बढ़ता इमोशनल कनेक्शन

सर्वे के मुताबिक, महिलाओं की तुलना में पुरुष इन रिश्तों को स्वीकार करने में अधिक खुले नजर आए। वहीं युवा कर्मचारी थोड़े सतर्क रहे, उन्हें भय है कि करियर पर असर न पड़े। पर सच यह है कि हम अपने दिन का आधा से ज़्यादा हिस्सा ऑफिस के लोगों के साथ बिताते हैं। काम की साझेदारी धीरे-धीरे भावनाओं की साझेदारी बन जाती है। आज का भारत रिश्तों की नई परिभाषा लिख रहा है, जहां साथी सिर्फ घर के आसपास, काॅलेज या सोशल मीडिया पर ही नहीं, कान्फ्रेंस कॉल और प्रोजेक्ट फाइलों के इर्द-गिर्द में भी मिल जाते हैं।

लंबे समय तक साथ रहने से सहकर्मियों के बीच एक दूसरे के करीब आने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा मिलकर काम करने से और तनावपूर्ण माहोल का सामने करने से लोग भावनात्मक रूप से एक दूसरे से जुड़ जाते हैं। वहीं बहुत से लोग पार्टनर की तलाश के लिए पर्याप्त समय नहीं निकाल पाते, इसलिए वे दफ्तर के भीतर ही साथी तलाश लेते हैं।


दफ्तर वाले प्यार की चुनौतियां

  • काम पर ध्यान कम

दफ्तर में डेटिंग कर रहे हैं तो पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन लगभग एक हो जाता है। काम के घंटों के दौरान और बाहर दोनों जगह रिश्ते के बारे में सोचना पड़ता है। इस कारण काम पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है।

  • रिश्ते पर गपशप

आपका रिश्ता दफ्तर की दीवारों के बीच सबको नजर आता है। सहकर्मी आपके संबंधों के बारे में बात कर सकते हैं। इससे कपल पर दबाव बन सकता है और काम का माहौल तनावपूर्ण हो सकता है।

  • ब्रेकअप के बाद एक्स से बात

एक बड़ी चुनौती ये आती है कि ब्रेकअप हो जाने की स्थिति में एक्स कपल को एक ही जगह पर काम करना पड़ता है जो कई बार असहज हो सकता है। उन्हें लगातार एक दूसरे से बातचीत करनी पड़ सकती है।

  • पक्षपात का आरोप

अगर कोई ऐसे व्यक्ति को डेट कर रहा है जिससे सीनियर-जूनियर का रिश्ता है, जो दूसरे पक्षपात का शक करने लगते हैं, जिसका असर करियर पर पड़ता है।


दफ्तर वाला प्यार कैसे संभालें?

  • सीमाएं तय करें।
  • पेशेवर व्यवहार बनाए रखें।
  • रिश्तों को सोशियल मीडिया से दूर रखें।
  • सार्वजनिक स्नेह न दिखाएं।
  • ब्रेकअप की स्थिति में सम्मान बनाए रखें।
     
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