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World Toilet Day 2025: 19 नवंबर को क्यों मनाया जाता है विश्व शौचालय दिवस? जानें इतिहास, महत्व और थीम
लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिवानी अवस्थी
Updated Tue, 18 Nov 2025 03:07 PM IST
सार
World Toilet Day 2025 : विश्व शौचालय दिवस मनाने की जरूरत कब और क्यों महसूस की गई, इस दिन को पहली बार कब मनाया गया और कैसे विश्व शौचालय दिवस मनाया जाता है, ये जानना इस दिन के महत्व को बढ़ा सकता है। आइए जानते हैं विश्व शौचालय दिवस का इतिहास, महत्व और थीम।
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विश्व शौचालय दिवस 2025
- फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
World Toilet Day 2025 : स्वच्छता, गरिमा और स्वास्थ्य विशेषाधिकार नहीं, बल्कि मूल अधिकार हैं। इस अधिकार की याद दिलाने, उसे जन-चेतना की प्राथमिकता बनाने के लिए हर साल 19 नवंबर को दुनिया विश्व शौचालय दिवस मनाती है। यह दिन याद दिलाता है कि आधुनिकता, विकास, डिजिटल इंडिया की दौड़ में भी दुनिया के करोड़ों लोग आज सुरक्षित शौचालय से वंचित हैं। हालांकि विश्व शौचालय दिवस मनाने की जरूरत कब और क्यों महसूस की गई, इस दिन को पहली बार कब मनाया गया और कैसे विश्व शौचालय दिवस मनाया जाता है, ये जानना इस दिन के महत्व को बढ़ा सकता है। आइए जानते हैं विश्व शौचालय दिवस का इतिहास, महत्व और थीम।
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पहली बार विश्व शौचालय दिवस कब मनाया गया?
साल 2001 में सिंगापुर के स्वच्छता सुधारक जैक सिम (Jack Sim) ने विश्व शौचालय संगठन (WTO) की स्थापना की। उन्होंने दुनिया भर में टॉयलेट और सैनिटेशन पर बातचीत को शर्म का नहीं, समाधान का हिस्सा बनाया। बाद में 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 19 नवंबर को आधिकारिक तौर पर विश्व शौचालय दिवस (World Toilet Day) घोषित किया।
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19 नवंबर को ही क्यों मनाते हैं शौचालय दिवस?
इसे नवंबर महीने की 19 तारीख को मनाने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि विश्व शौचालय संगठन की वर्षगांठ 19 नवंबर को ही मनाई जाती है। उस साल WTO की 12वीं वर्षगांठ थी। ये दिन इसलिए चुना गया ताकि दुनिया याद रखें कि स्वच्छता की लड़ाई एक लंबे आंदोलन का परिणाम है।
कैसे शुरू हुआ शौचालय के लिए वैश्विक अभियान?
साल 2001 में जैक सिम ने वर्ल्ड टॉयलेट ऑर्गनाइजेशन बनाई। उसके बाद साल 2012 तक दुनिया भर में ओपन डिफिकेशन, शौचालय स्वच्छता, महिलाओं की सुरक्षा और पानी-बचाओ अभियानों पर 200 से ज्यादा प्रोजेक्ट पर काम हुआ।
वर्ष 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसे आधिकारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय दिवस का दर्जा दिया। वहीं साल 2020 के बाद यह सतत विकास लक्ष्य का मुख्य स्तंभ बन गया। आज लगभग 150 से अधिक देशों में स्वच्छता के सबसे बड़े वैश्विक अभियान के तौर पर विश्व शौचालय दिवस मनाया जाता है।
विश्व शौचालय दिवस का मकसद
विश्व शौचालय दिवस का मकसद सिर्फ शौचालय बनाना नहीं, बल्कि हाइजीन को आदत, स्वच्छता को संस्कृति और सुरक्षा को अधिकार बनाना है। दुनिया की कई रिपोर्टें आज भी चौंकाती हैं कि करोड़ों लोग अभी भी घर में शौचालय नहीं रखते। लाखों महिलाएं असुरक्षित जगहों पर शौच जाने को मजबूर हैं और अस्वच्छ शौचालय से हर साल लाखों बच्चे डायरिया जैसी बीमारियों से मरते हैं।
विश्व शौचालय दिवस 2025 की थीम
विश्व शौचालय दिवस 2025 बदलती दुनिया में स्वच्छता पर केंद्रित (Sanitation In A Changing World) है, जिसका टैगलाइन है, "हमें हमेशा शौचालय की आवश्यकता होगी।"
शौचालय दिवस का महत्व
ये दिवस हमें याद दिलाता है कि शौचालय स्वास्थ्य, सुरक्षा और सम्मान का आधार है। महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा सीधे टॉयलेट उपलब्धता से जुड़ी है। सैनिटेशन की कमी गरीबी, बीमारी और सामाजिक असमानता बढ़ाती है। स्वच्छता का सवाल सिर्फ सुविधा का नहीं, मानवाधिकार का है।