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Sansad Vande Mataram Discussion Live: वंदे मातरम पर चर्चा में प्रियंका ने सरकार घेरा; राजनाथ ने बताया इतिहास
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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: निर्मल कांत
Updated Mon, 08 Dec 2025 05:46 PM IST
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खास बातें
Parliament Live: आज संसद के शीतकालीन सत्र का आठवां दिन है। राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर संसद में विस्तार से चर्चा होगी। इस गीत के ऐतिहासिक महत्व पर लोकसभा में होने वाली चर्चा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। राज्यसभा में इस पर मंगलवार को चर्चा होगी, जिसकी शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। आज की कार्यवाही शुरू होने पर राज्यसभा में पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल को श्रद्धांजलि दी गई। लोकसभा में प्रश्नकाल के बाद पीएम मोदी ने वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर अपना वक्तव्य रखा। अमर उजाला के इस लाइव ब्लॉग में पढ़िए संसद की कार्यवाही से जुड़े तमाम अपडेट्स
लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा
- फोटो : संसद टीवी वीडियो ग्रैब
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लाइव अपडेट
05:10 PM, 08-Dec-2025
रक्षा मंत्री ने पंडित नेहरू और कांग्रेस पर तुष्टीकरण के आरोप लगाए
कम्युनिस्ट विचारधारा से जन्मे वामपंथी चरमपंथ के कारण न जाने कितनी पीढ़ियां बर्बाद हो गईं। देश के कई हिस्से विकास में पीछे रह गए। पहले की सरकारें नक्सलवाद या वामपंथी उग्रवाद की इस समस्या का समाधान नहीं ढूंढ सकीं। पीएम मोदी ने इसका समाधान खोजा और आज उनके नेतृत्व में वामपंथी चरमपंथ अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है।राजनाथ सिंह ने कहा, ये कितनी बड़ी विडंबना है कि जिस कम्युनिस्ट विचारधारा ने कई देशों में सत्ता पाने की हिंसा का रास्ता चुना, उसे खतरा न मानकर वसुधैव कुटुंबकम की भावना में विश्वास रखने वाली विचारधारा को खतरा माना गया। ये कोई मामूली सोच नहीं, बल्कि ऐसा पूर्वाग्रह था, जिससे तुष्टीकरण की राजनीति को जन्म मिला और कुछ पड़ोसी देशों से आए अल्पसंख्यक समुदाय के शरणार्थियों को दशकों तक अपने अधिकारियों से वंचित रखा गया। इसी के कारण मुस्लिम महिलाओं से समान अधिकार छीने गए। इसी तुष्टीकरण की राजनीति के कारण देश का विभाजन हुआ और आज पश्चिम बंगाल के अनेक परिवारों को पलायन करना पड़ रहा है।
04:55 PM, 08-Dec-2025
राजनाथ सिंह ने पंडित नेहरू का जिक्र कर 'कम्युनिस्ट' शब्द पर जोर दिया
लोकसभा में राजनाथ सिंह
- फोटो : संसद टीवी वीडियो ग्रैब
राजनाथ सिंह ने दावा किया कि अगर किसी को प्रमाण चाहिए तो वे इस किताब का ब्योरा और प्रमाण देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से नेहरू जी ये देखने के लिए जीवित नहीं रहे कि उसी दक्षिणपंथी लोगों ने संविधान के मूल्यों के अनुरूप काम किया है। हमने संविधान के मूल्यों की अवहेलना कभी नहीं की।
04:45 PM, 08-Dec-2025
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वंदे मातरम को देश की आत्मा का गीत बताया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के राष्ट्रगीत- वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान इस रचना को देश की आत्मा का गीत बताया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम और आनंदमठ कभी भी इस्लाम विरोधी नहीं रहे। आनंदमठ के प्रसंगों को रेखांकित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि ये देश के इतिहास और वर्तमान दोनों से जुड़ा है। उन्होंने बंकिम चंद्र चटोपाध्याय की रचना का मूल्यांकन करने की बात कहते हुए कहा, वंदे मातरम की मूल रचना में भारत की विशेषताओं को दिखाया गया है। उन्होंने कहा, वंदे मातरम से जिन पंक्तियों को हटाया गया उन्हें केवल जिन्ना के नजरिए से देखने पर ही सांप्रदायिक और राजनीतिक कहा जा सकता है।राजनाथ सिंह ने बंगाल की संस्कृति का जिक्र करते हुए वंदे मातरम की पंक्तियों की व्याख्या भी की। उन्होंने कहा कि बंकिम चंद्र चटोपाध्याय की इस रचना में कहीं भी मूर्ति पूजा पर जोर नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम को तुष्टीकरण के लिए इस्तेमाल किया गया। राजनाथ सिंह ने वर्तमान सरकार के नारे- सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास का जिक्र करते हुए कहा, हमने इसी भावना से काम किया है। हालांकि, आजादी के आंदोलन के दौरान कांग्रेस के कुछ तथाकथित सेक्युलर लोगों की बेचैनी इतनी बढ़ गई थी कि उन्होंने भारतीय संस्कृति, परंपरा और महान सभ्यता से जुड़ी बातें उन्हें सांप्रदायिक दिखती थीं। वंदे मातरम भी इसी का शिकार बन गया।
04:40 PM, 08-Dec-2025
बिहार के RJD सांसद अभय कुमार सिन्हा ने भी चर्चा में भाग लिया
बिहार की औरंगाबाद लोकसभा सीट से निर्वाचित राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सांसद अभय कुमार सिन्हा ने भी वंदे मातरम पर चर्चा में भाग लिया। उन्होंने कहा कि बिहार की धरती पर आज भी स्वतंत्रता आंदोलन की धड़कनों को महसूस किया जा सकता है।04:40 PM, 08-Dec-2025
केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रियंका से सवाल पूछा
केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रियंका गांधी के भाषण के अंशों पर सवाल किया। उन्होंने कहा, कांग्रेस सांसद को ये सिद्ध करना चाहिए कि 'बंकिम चंद्र चटर्जी ने 1875 में वंदे मातरम के केवल दो स्टैंजा लिखे और सात साल के बाद 1882 में बाकी पांच स्टैंजा लिखे' ये तथ्य इन्होंने कहां से लिए हैं।04:32 PM, 08-Dec-2025
वंदे मातरम पर चर्चा: प्रियंका बोलीं- राष्ट्रगीत देश की रगों में, सरकार ध्यान भटकाना चाहती है
वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार ध्यान भटकाना चाहती है। सत्ताधारी पक्ष के बताना चाहिए कि वे इतने अहंकारी क्यों हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा दिखावे की राजनीति करती है। चुनाव से चुनाव तक सियासत करने वाली ये पार्टी बेरोजगारी, युवाओं के मुद्दे और महंगाई जैसे विषयों पर चर्चा क्यों नहीं करनी चाहती। उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए सवाल किया कि खुद को महापुरुषों से बड़ा बताना क्या उनका अपमान नहीं है? प्रियंका ने कहा कि कांग्रेस के अधिवेशन में वंदे मातरम गाया जाता है।विज्ञान, इसरो, डीआरडीओ और एम्स जैसी संस्थाओं के योगदान का जिक्र करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि अगर इन्होंने ये नहीं बनाया होता तो भारत विकसित कैसे बनता। उन्होंने राष्ट्रनिर्माण में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के योगदान को रेखांकित करते हुए सरकार को सलाह भी दी। प्रियंका ने कहा, नेहरू जी को जितनी भी गालियां देनी हैं, जितने अपमान करने हैं उसकी एक सूची बना लेनी चाहिए।
सत्ताधारी खेमे की तरफ से बीते दिनों जारी की गई एक सूची का जिक्र करते हुए प्रियंका ने कहा स्पीकर की अनुमति से जितने भी घंटे की चर्चा जरूरी हो, हम बहस कर लेंगे। एक बार चर्चा के बाद इस अध्याय को बंद कर देना चाहिए। फिर बेरोजगारी और ऐसे तमाम जरूरी मुद्दों पर संसद में चर्चा की जाएगी।
प्रियंका ने सत्ताधारी दल और स्पीकर ओम बिरला की तरफ से टोके जाने पर कहा कि बिना तथ्यों के हम पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि संसद में इस बात पर चर्चा क्यों नहीं हो रही है कि महिलाओं की परिस्थितियों को सुधारने के लिए ठोस कदम कैसे उठाए जाएंगे। कांग्रेस सांसद ने कहा कि प्रदूषण, पेपरलीक जैसे मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जाता। हिम्मत है तो भविष्य से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करें। अपने वक्तव्य के अंतिम हिस्से में प्रियंका ने कहा कि भाजपा इवेंट मैनेजमेंट की राजनीति करती है।
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04:15 PM, 08-Dec-2025
प्रियंका गांधी बोलीं- प्रधानमंत्री मोदी का आत्मविश्वास घटने लगा है
प्रियंका गांधी, कांग्रेस सांसद
- फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
04:07 PM, 08-Dec-2025
लोजपा सांसद के बाद प्रियंका गांधी ने भी वंदे मातरम पर चर्चा में भाग लिया
वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान प्रियंका गांधी
- फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
03:56 PM, 08-Dec-2025
बिहार के खगड़िया से निर्वाचित लोजपा सांसद ने भी चर्चा में भाग लिया
बिहार के खगड़िया से निर्वाचित लोजपा सांसद राजेश यादव ने भी चर्चा में भाग लिया। उन्होंने काव्य के अंदाज में वंदे मातरम की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस चर्चा के लिए वे सरकार का धन्यवाद करना चाहते हैं। सरकार गौरवशाली अतीत को युवाओं के सामने लाने का काम कर रही है।03:35 PM, 08-Dec-2025
हिमाचल से निर्वाचित सांसद अनुराग ठाकुर ने भी चर्चा में भाग लिया
हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर लोकसभा सीट से निर्वाचित भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने भी वंदे मातरम पर चर्चा में भाग लिया। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए आज की चर्चा ऐतिहासिक दस्तावेज की तरह बनकर उभरेगी। उन्होंने कहा कि ये कोई धार्मिक गीत नहीं, ये राष्ट्र की आत्मा और भारत के गौरव का गीत है। ये देश की संस्कृति और विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए काव्यात्मक लहजे में कहा, 'वंदे मातरम सिर्फ गीत नहीं, राष्ट्रीय प्रेम की रीत है, इसलिए कांग्रेस इससे भयभीत है।'
वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की गैरहाजिरी का जिक्र करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा, जब चर्चा शुरू हुई तो प्रधानमंत्री सदन में थे। जिस परिवार को दशकों तक देश में नेतृत्व करने का मौका मिला, उसके दो सदस्य सदन में मौजूद ही नहीं रहे। इतना भय। पंडित नेहरू जी ने वंदे मातरम में काट-छांट करने के बाद देश को बांट दिया था। उन्होंने दो स्टैंजा तक सीमित कर दिया था। राहुल जी ने केवल एक लाइन गाने को मजबूर कर दिया था। आज जब चर्चा हुई तो दोनों गायब ही हो गए। बकौल अनुराग ठाकुर, संसद के बाहर गलियारों में ऐसी चर्चा हो रही है कि प्रियंका जी पिछले पांच दिनों से पूरा वंदे मातरम याद करने की कोशिश कर रही हैं, मैंने सुना है कि वे बगैर पढ़े सदन में पूरा वंदे मातरम गाने वाली हैं। इसका भी इंतजार रहेगा।
गीता, बाइबल और कुरान जैसा पवित्र है वंदे मातरम
वंदे मातरम के काटे गए हिस्सों और इसके संक्षिप्त इतिहास का जिक्र करते हुए ठाकुर ने कहा, बंकिम चंद्र चटोपाध्याय ने इसकी रचना कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में नवमी तिथि को की थी। अनुराग ठाकुर के मुताबिक वंदे मातरम उतना ही पवित्र है, जितना, गीता, बाइबल और कुरान की पंक्तियों को माना जाता है। बंगाल के साहित्यकार और इस्लामिक विद्वान रियाजुल करीम नाम के शख्स का जिक्र करते हुए ठाकुर ने कहा, उन्होंने अपने लेख में ये बात खुद कही है कि वंदे मातरम में ऐसी क्षमता है, मानो इसके उद्घोष से मुर्दों में भी जान आ जाए।
अपने वक्त्व के अंतिम हिस्से में अनुराग ठाकुर ने एक सवाल भी किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, अगर 1896 में कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में वंदे मातरम इस्लाम विरोधी नहीं था तो बाद में कैसे हो गया? उन्होंने कई वर्षों के ऐतिहासिक तथ्यों का उल्लेख करते हुए पूछा कि किस मानसिकता के कारण आज इसका विरोध हो रहा है?
वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की गैरहाजिरी का जिक्र करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा, जब चर्चा शुरू हुई तो प्रधानमंत्री सदन में थे। जिस परिवार को दशकों तक देश में नेतृत्व करने का मौका मिला, उसके दो सदस्य सदन में मौजूद ही नहीं रहे। इतना भय। पंडित नेहरू जी ने वंदे मातरम में काट-छांट करने के बाद देश को बांट दिया था। उन्होंने दो स्टैंजा तक सीमित कर दिया था। राहुल जी ने केवल एक लाइन गाने को मजबूर कर दिया था। आज जब चर्चा हुई तो दोनों गायब ही हो गए। बकौल अनुराग ठाकुर, संसद के बाहर गलियारों में ऐसी चर्चा हो रही है कि प्रियंका जी पिछले पांच दिनों से पूरा वंदे मातरम याद करने की कोशिश कर रही हैं, मैंने सुना है कि वे बगैर पढ़े सदन में पूरा वंदे मातरम गाने वाली हैं। इसका भी इंतजार रहेगा।
गीता, बाइबल और कुरान जैसा पवित्र है वंदे मातरम
वंदे मातरम के काटे गए हिस्सों और इसके संक्षिप्त इतिहास का जिक्र करते हुए ठाकुर ने कहा, बंकिम चंद्र चटोपाध्याय ने इसकी रचना कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में नवमी तिथि को की थी। अनुराग ठाकुर के मुताबिक वंदे मातरम उतना ही पवित्र है, जितना, गीता, बाइबल और कुरान की पंक्तियों को माना जाता है। बंगाल के साहित्यकार और इस्लामिक विद्वान रियाजुल करीम नाम के शख्स का जिक्र करते हुए ठाकुर ने कहा, उन्होंने अपने लेख में ये बात खुद कही है कि वंदे मातरम में ऐसी क्षमता है, मानो इसके उद्घोष से मुर्दों में भी जान आ जाए।
अपने वक्त्व के अंतिम हिस्से में अनुराग ठाकुर ने एक सवाल भी किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, अगर 1896 में कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में वंदे मातरम इस्लाम विरोधी नहीं था तो बाद में कैसे हो गया? उन्होंने कई वर्षों के ऐतिहासिक तथ्यों का उल्लेख करते हुए पूछा कि किस मानसिकता के कारण आज इसका विरोध हो रहा है?