Karwa Chauth 2025: देशभर में दिखाई दिया चांद, अर्घ्य देकर पूरा हुआ सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ
Khaas Baatein: Karwa Chauth 2025 Vrat Parana Live: आज रात देशभर में चांद के निकलने के साथ ही करवा चौथ के त्योहार का समापन हो चुका है। सुहागिन महिलाओं ने निर्जला व्रत रखते हुए चांद को अर्घ्य देकर व्रत को पूरा किया। इसके साथ ही चंद्रदेव से पति की लंबी आयु की कामना करते हुए प्रार्थना की और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
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करवा चौथ व्रत पूरा और अब मनाया जाएगा ये दूसरा बड़ा त्योहार
करवा चौथ के बाद अब संतान की लंबी आयु आयु के लिए कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर अहोई व्रत रखा जाएगा। इस व्रत में महिलाएं संतान के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए अहोई माता का पूजन करती हैं। अहोई अष्टमी 13 अक्तूबर को मनाई जाएगी।साल 2026 में कब मनाया जाएगा करवा चौथ
इस साल का करवा चौथ अब पूरा हो चुका है। हर वर्ष यह त्योहार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। अब साल 2026 में करवा चौथ 29 अक्तूबर को मनाया जाएगा।Chandra Darshan Vrat Paran: चंद्रमा के दर्शन के साथ व्रत का हुआ पारण
करवा चौथ का पावन व्रत देशभर में चंद्रमा के दर्शन के साथ ही श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हो गया। पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए रखा गया यह निर्जला उपवास, जैसे ही रात को चंद्रमा निकला, पूरे भक्तिभाव के साथ पूर्ण किया गया।
सुबह सूर्योदय से शुरू हुए इस कठिन व्रत के दौरान लाखों सुहागिनों ने बिना पानी पीए दिनभर उपवास रखा। शाम होते-होते सभी की नजरें आसमान पर टिकी थीं, और जैसे ही चांद ने दर्शन दिए, हर घर और मंदिर में उत्सव जैसा माहौल बन गया।
दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, जयपुर और कोलकाता सहित देश के विभिन्न हिस्सों से चांद दिखने की खबरें आईं, और इसी के साथ व्रती महिलाओं ने अर्घ्य देकर अपने व्रत का पारण किया। श्रद्धा, प्रेम और समर्पण से भरा यह पर्व एक बार फिर पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
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Karwa Chauth 2025 Chandra Dev Arghya Mantra: चंद्र देव को अर्घ्य देते समय करें किन मंत्रों का जप?
- ॐ द्युतिलकाय नमः
- ॐ द्विजराजाय नमः
- ॐ ग्रहाधिपाय नमः
- ॐ ग्रसितार्काय नमः
- ॐ ग्रहमंडलमध्यस्थाय नमः
- ॐ मेरुगोत्रप्रदक्षिणाय नमः
- ॐ दांताय नमः
- ॐ महेश्वरप्रियाय नमः
- ॐ वसुसमृद्धिदाय नमः
- ॐ विवस्वन्मंडलाग्नेयवासाय नमः
- ॐ दिव्यवाहनाय नमः
- ॐ चतुराय नमः
- ॐ चतुरश्रासनारूढाय नमः
- ॐ अव्ययाय नमः
- ॐ कर्कटप्रभुवे नमः
- ॐ करुणारससंपूर्णाय नमः
- ॐ प्रियदायकाय नमः
- ॐ अत्यंतविनयाय नमः
- ॐ आत्रेयगोत्रजाय नमः
- ॐ नयनाब्जसमुद्भवाय नमः
- ॐ कुंदपुष्पोज्वलाकाराय नमः
- ॐ धनुर्धराय नमः
- ॐ दंडपाणये नमः
- ॐ दशाश्वरथसंरूढाय नमः
- ॐ श्वॆतगंधानुलेपनाय नमः
- ॐ श्वेतमाल्यांबरधराय नमः
- ॐ सितभूषणाय नमः
- ॐ सितांगाय नमः
- ॐ सितच्छत्रध्वजोपेताय नमः
- ॐ सनकादिमुनिस्तुताय नमः
- ॐ सर्वज्ञाय नमः
- ॐ सर्वागमज्ञाय नमः
- ॐ साधुवंदिताय नमः
- ॐ स्ॐयजनकाय नमः
- ॐ सकलार्तिहराय नमः
- ॐ भुवनप्रतिपालकाय नमः
- ॐ भव्याय नमः
- ॐ भूच्छायाच्छादिताय नमः
- ॐ निरामयाय नमः
- ॐ निर्विकाराय नमः
- ॐ निराहाराय नमः
- ॐ निस्सपत्नाय नमः
- ॐ जगदानंदकारणाय नमः
- ॐ जगत्प्रकाशकिरणाय नमः
- ॐ भवबंधविमोचनाय नमः
- ॐ भक्तिगम्याय नमः
- ॐ भायांतकृते नमः
- ॐ सागरोद्भवाय नमः
- ॐ सर्वरक्षकाय नमः
- ॐ सामगानप्रियाय नमः
- ॐ भक्तदारिद्र्यभंजनाय नमः
- ॐ भद्राय नमः
- ॐ मुक्तिदाय नमः
- ॐ भुक्तिदाय नमः
- ॐ मुक्तिदाय नमः
- ॐ भक्तानामिष्टदायकाय नमः
- ॐ सुरस्वामिने नमः
- ॐ सुधामयाय नमः
- ॐ जयफलप्रदाय नमः
- ॐ जयिने नमः
- ॐ शुभ्राय नमः
- ॐ शुचये नमः
- ॐ क्षयवृद्धिसमन्विताय नमः
- ॐ क्षीणपापाय नमः
- ॐ क्षपाकराय नमः
- ॐ नित्यानुष्ठानदाय नमः
- ॐ अमर्त्याय नमः
- ॐ मृत्युसंहारकाय नमः
- ॐ कामदायकाय नमः
- ॐ कामकृताय नमः
- ॐ कालहेतवे नमः
- ॐ कळाधराय नमः
- ॐ देवभोजनाय नमः
- ॐ द्युचराय नमः
- ॐ प्राकाशात्मने नमः
- ॐ स्वप्राकाशाय नमः
- ॐ अष्टदारुकुठारकाय नमः
- ॐ अनंताय नमः
- ॐ अष्टमूर्तिप्रियाय नमः
- ॐ शिष्टपालकाय नमः
- ॐ पुष्टिमते नमः
- ॐ दुष्टदूराय नमः
- ॐ दोषाकराय नमः
- ॐ विदुषांपतये नमः
- ॐ विश्वेशाय नमः
- ॐ वीराय नमः
- ॐ विकर्तनानुजाय नमः
- ॐ ज्योतिश्चक्रप्रवर्तकाय नमः
- ॐ जयोद्योगाय नमः
- ॐ जितेंद्रियाय नमः
- ॐ साधुपूजिताय नमः
- ॐ सत्पतये नमः
- ॐ सदाराध्याय नमः
- ॐ सुधानिधये नमः
- ॐ निशाकराय नमः
- ॐ ताराधीशाय नमः
- ॐ चंद्राय नमः
- ॐ शशिधराय नमः
- ॐ श्रीमते नमः
- ॐ द्विभुजाय नमः
- ॐ औदुंबरनागवासाय नमः
- ॐ उदाराय नमः
- ॐ रोहिणीपतये नमः
- ॐ नित्योदयाय नमः
- ॐ मुनिस्तुत्याय नमः
- ॐ नित्यानंदफलप्रदाय नमः
- ॐ सकलाह्लादनकराय नमः
- ॐ पलाशसमिधप्रियाय नमः।
Karwa Chauth Vrat Parana: करवा चौथ पर न दिखे चांद तो कैसे करें पारण?
Karwa Chauth Vrat Parana: करवा चौथ व्रत का पारण कैसे करें?
- पूजा की थाली में जल, दीपक, छलनी और बाकी पूजन सामग्री रखें।
- चांद निकलने पर छत या खुले आकाश के नीचे जाएं और चंद्रोदय की दिशा में मुंह करें।
- चंद्रमा को अर्घ्य दें ।
- अर्घ्य देते समय चंद्र देव के नामों का मंत्र जप करें और श्रद्धा से पूजा करें।
- छलनी में दीपक रखकर पहले चंद्रमा को देखें, फिर उसी छलनी से पति के दर्शन करें।
- पति से आशीर्वाद लें और उनके हाथों से मिठाई या कुछ मीठा खाकर व्रत खोलें।
- बड़ों के चरण स्पर्श करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
- व्रत के बाद सात्विक भोजन ही करें, तामसिक चीजों से परहेज रखें।
- अपनी सामर्थ्य अनुसार अन्न, धन या वस्त्र का दान करें और जरूरतमंदों को भोजन कराएं।
करवा चौथ के पारण में क्या खाना चाहिए
करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखने के बाद चांद के दर्शन करते हुए व्रत को पूरा करती हैं। पति के हाथों से पानी ग्रहण करने के बाद कुछ हल्का भोजन लेना चाहिए। जैसे नारियल पानी, दलिया और खिचड़ी आदि।करवा चौथ पर न हो चांद के दर्शन तो करें ये काम
- करवा चौथ पर अपने शहर में चंद्रमा न दिखाई देने पर मित्र या किसी रिश्तेदार की सहायता से वीडियो कॉल पर उनके शहर में निकले चांद का दर्शन कर व्रत का पारण कर सकती हैं।
- धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक पानी से भरे कलश या थाली में चांद का प्रतिबिंब बनाकर आप व्रत का पारण कर सकती हैं।

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