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मध्यप्रदेश: अघोषित बिजली कटौती को लेकर सरकार की कार्रवाई, 217 कर्मचारी बर्खास्त, 142 निलंबित

न्यूज डेस्क, अमर उजाला Published by: Shilpa Thakur Updated Sun, 21 Apr 2019 11:09 AM IST
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217 power workers sack and 142 suspended in MP
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : File Photo

मध्यप्रदेश में अघोषित बिजली कटौती को लेकर बिजली कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की गई है। सरकार ने शनिवार को 387 अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इनमें 217 को नौकरी से निकाल दिया गया है और 142 को निलंबित किया गया है। वहीं लापरवाही बरतने वाले 28 कर्मचारियों को नोटिस दिए गए हैं।


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मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि बिजली के मामले में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। 

कई जिलों से आई थी शिकायत

इस मामले में आगर, शाजापुर, हरदा, सीधी, खंडवा, बालाघाट सहित कई अन्य जिलों से शिकायक आई थी कि उनके क्षेत्र में अघोषित बिजली कटाैती की जा रही है। इस मामले पर जब संज्ञान लिया गया तो पता चला कि अनेक कर्मचारी जानबूझकर काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ फिर कार्रवाई की गई। 

यहां खंडवा जिले में भी बिजली कटौती के कारण सहायक यंत्री, सर्कल इंचार्ज, परीक्षण सहायक और चार लाइनमैन को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा आठ आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है।

खेल और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने शनिवार को इंदौर स्थित बिजली कंपनी के मुख्यालय पहुंचकर एमडी से मुलाकात की। यहां उन्होंने अधीक्षण यंत्री और कार्यपालन यंत्रियों को भी तलब किया। उन्होंने कहा कि बिजली कटौती के कारण सरकार बदनाम नहीं होनी चाहिए।

पटवारी ने आगे कहा कि प्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं है, उसके बावजूद भी कटौती क्यों हो रही है? लाइन खराब होने पर सुधार क्यों नहीं हो रहा है? उन्होंने कहा कि काम नहीं करने वाले अफसरों और कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी जाए। कोई भी खराबी हो तो उसे तुरंत ठीक किया जाना चाहिए।

मुख्य सचिव मोहंती ने सभी कलेक्टर को निर्देश देते हुए कहा है कि बिजली को गंभीरता से लिया जाए। साथ ही ये सुनिश्चित किया जाए कि इससे पानी की आपूर्ति प्रभावित नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कलेक्टरों से ये भी कहा है कि इस मामले में पटवारी, ग्राम सचिव और कोटवार आदि से जानकारी लें। बिजली आपूर्ति में बाधा डालने वाले हर व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि काम ना करने वाले कर्मचारी किसी भी सूरत में बर्दाश नहीं किए जाएंगे।

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