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Balaghat News: नक्सल इतिहास का सबसे बड़ा सरेंडर, 77 लाख का इनामी कबीर समेत 10 नक्सलियों ने डाले हथियार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बालाघाट Published by: बालाघाट ब्यूरो Updated Sun, 07 Dec 2025 10:31 AM IST
सार

चार महिलाएं और छह पुरुषों ने शनिवार रात 10 बजे सरेंडर किया, जिन्हें बाद में सुरक्षा के साथ पुलिस लाइन लाया गया। यह कदम हाल ही में माहिरखुदरा क्षेत्र में हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ और सरकार की आत्मसमर्पण नीति के दबाव का परिणाम बताया जा रहा है।

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Balaghat News: 10 Naxalites, including Kabir, who had a reward of 77 lakh rupees on his head, surrendered.
फाइल फ़ोटो
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विस्तार
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मध्य प्रदेश के बालाघाट जिला में शनिवार देर रात नक्सल मोर्चे पर बड़ा घटनाक्रम सामने आया। जिले के इतिहास में पहली बार एक साथ 10 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इनमें 77 लाख रुपये का इनामी नक्सली कबीर उर्फ महेंद्र भी शामिल है, जो कान्हा-भोरमदेव (केबी) डिवीजन का सक्रिय लीडर रहा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सभी नक्सलियों ने शनिवार रात करीब 10 बजे पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। इसके तुरंत बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस लाइन बालाघाट लाया गया, जहां फिलहाल उनसे पूछताछ जारी है।
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मुख्यमंत्री की मौजूदगी में औपचारिक प्रक्रिया
इस ऐतिहासिक घटनाक्रम को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज दोपहर 3 बजे बालाघाट पहुंचेंगे। उनके सामने इन नक्सलियों द्वारा औपचारिक रूप से हथियार रखे जाएंगे। सरकार इस कदम को नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी जीत के रूप में प्रस्तुत करने की तैयारी में है।
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4 महिलाएं और 6 पुरुष शामिल
सरेंडर करने वाले नक्सलियों में चार महिलाएं और छह पुरुष शामिल हैं। सबसे बड़ा चेहरा कबीर उर्फ महेंद्र है, जिस पर एमएमसी जोन में 77 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश सीमा के जंगल क्षेत्रों में सक्रिय था।


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मुठभेड़ के बाद बदला माहौल
यह पूरा घटनाक्रम लांजी क्षेत्र के छत्तीसगढ़ सीमा से लगे माहिरखुदरा इलाके में हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के बाद सामने आया। सुरक्षाबलों के दबाव में नक्सली समूह बिखर गया था। इसके बाद ही उन्होंने हथियार छोड़ने का फैसला लिया।

सरकार की नीति का असर
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह आत्मसमर्पण मध्य प्रदेश सरकार की नक्सल आत्मसमर्पण नीति का प्रत्यक्ष परिणाम है। सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। लगातार अभियान, जंगलों में सर्च ऑपरेशन और संवाद की नीति ने नक्सली नेटवर्क पर गहरा दबाव बनाया है। गौरतलब है कि इससे पहले एक नवंबर को महिला नक्सली सुनीता ने भी आत्मसमर्पण किया था। अब एक साथ 10 नक्सलियों के सरेंडर को सुरक्षा एजेंसियां प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी सफलता मान रही हैं।
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