{"_id":"6831de5942c8ab48e5048511","slug":"operation-muskaan-balaghat-22-minor-girls-reunited-in-20-days-2025-05-24","type":"story","status":"publish","title_hn":"MP News: 'ऑपरेशन मुस्कान' बना उम्मीद की किरण, लापता बेटियां फिर अपनों के पास, 22 परिवारों में लौटी खुशियां","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
MP News: 'ऑपरेशन मुस्कान' बना उम्मीद की किरण, लापता बेटियां फिर अपनों के पास, 22 परिवारों में लौटी खुशियां
न्यूज डेस्क, अमर उजाला,बालाघाट
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Sat, 24 May 2025 08:35 PM IST
सार
मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में, जो आदिवासी इलाका है, पिछले 20 दिनों में पुलिस ने 22 नाबालिग लड़कियों को उनके परिवार से मिलाया है। यह काम ‘ऑपरेशन मुस्कान’ नाम के एक खास अभियान के तहत किया गया। यह जानकारी एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शनिवार को दी।
विज्ञापन
(प्रतीकात्मक फोटो)
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में, जो आदिवासी इलाका है, पिछले 20 दिनों में पुलिस ने 22 नाबालिग लड़कियों को उनके परिवार से मिलाया है। यह काम ‘ऑपरेशन मुस्कान’ नाम के एक खास अभियान के तहत किया गया। यह जानकारी एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शनिवार को दी।
बालाघाट एक नक्सल प्रभावित जिला है, इसलिए यहां से लापता होने वाली लड़कियों को मानव तस्करी और माओवादियों से बचाना बहुत जरूरी है। जिले के एसपी नगेंद्र सिंह ने बताया कि यह अभियान इसलिए चलाया गया ताकि लापता लड़कियां किसी गलत रास्ते पर न जाएं और माओवादी उन्हें अपने काम में न लगाएं, क्योंकि माओवादियों को देशभर में नए लोगों की जरूरत है।
पुलिस ने हर थाने पर विशेष टीमें बनाई, जो दूसरे राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर लापता लड़कियों की तलाश में लगीं। तकनीक, सूचना नेटवर्क और लगातार मेहनत के जरिए कई परिवारों के चेहरे पर मुस्कान लौटी। पिछले 20 दिनों में जो 22 लड़कियां मिलीं, उनमें से एक 17 साल की लड़की केरल के इडुक्की जिले से बरामद हुई। यह काम भरवेली पुलिस ने किया।
ये भी पढ़ें: होटल में बुजुर्ग से बनाए संबंध, वीडियो बनाकर महिला ने 24 लाख रुपए ले लिए
पिछले 7 दिनों में:
एसपी सिंह ने कहा कि बालाघाट पुलिस आगे भी ‘ऑपरेशन मुस्कान’ के तहत ऐसे बच्चों को ढूंढकर उनके परिवार से मिलाने का काम जारी रखेगी।
Trending Videos
बालाघाट एक नक्सल प्रभावित जिला है, इसलिए यहां से लापता होने वाली लड़कियों को मानव तस्करी और माओवादियों से बचाना बहुत जरूरी है। जिले के एसपी नगेंद्र सिंह ने बताया कि यह अभियान इसलिए चलाया गया ताकि लापता लड़कियां किसी गलत रास्ते पर न जाएं और माओवादी उन्हें अपने काम में न लगाएं, क्योंकि माओवादियों को देशभर में नए लोगों की जरूरत है।
विज्ञापन
विज्ञापन
पुलिस ने हर थाने पर विशेष टीमें बनाई, जो दूसरे राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर लापता लड़कियों की तलाश में लगीं। तकनीक, सूचना नेटवर्क और लगातार मेहनत के जरिए कई परिवारों के चेहरे पर मुस्कान लौटी। पिछले 20 दिनों में जो 22 लड़कियां मिलीं, उनमें से एक 17 साल की लड़की केरल के इडुक्की जिले से बरामद हुई। यह काम भरवेली पुलिस ने किया।
ये भी पढ़ें: होटल में बुजुर्ग से बनाए संबंध, वीडियो बनाकर महिला ने 24 लाख रुपए ले लिए
पिछले 7 दिनों में:
- लालबरा पुलिस ने हैदराबाद से दो नाबालिग लड़कियों को खोजा।
- किरनापुर पुलिस ने इंदौर से एक लड़की को ढूंढा।
- चांगोटोला पुलिस ने महाराष्ट्र के नागपुर से एक व्यक्ति को बरामद किया।
- कोतवाली पुलिस ने विदिशा से एक बच्ची को वापस लाया।
एसपी सिंह ने कहा कि बालाघाट पुलिस आगे भी ‘ऑपरेशन मुस्कान’ के तहत ऐसे बच्चों को ढूंढकर उनके परिवार से मिलाने का काम जारी रखेगी।

कमेंट
कमेंट X