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Balaghat News: नगरपालिका परिषद बैठक में हंगामा, नपाध्यक्ष की कार्यप्रणाली से नाराज भाजपा पार्षदों का वॉकआउट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बालाघाट
Published by: बालाघाट ब्यूरो
Updated Wed, 18 Jun 2025 07:36 PM IST
सार
नगरपालिका परिषद की बैठक में नपाध्यक्ष भारती ठाकुर के खिलाफ भाजपा पार्षदों ने नाराजगी जताते हुए वॉकआउट किया। पार्षदों ने वार्डों की अनदेखी और अफसरशाही का आरोप लगाया। सात प्रस्तावों में छह पारित हुए। यह पहली बार है जब सत्तारूढ़ दल के पार्षदों ने खुलकर विरोध किया।
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बैठक में मौजूद पार्षद
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विस्तार
नगरपालिका परिषद की बुधवार को हुई सामान्य सभा बैठक में उस वक्त हंगामा हो गया, जब भाजपा के चार पार्षदों ने नपाध्यक्ष भारती ठाकुर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बैठक से वॉकआउट कर दिया। पार्षद सुधीर चिले, सरिता सोनेकर, श्वेता जैन और राज हरिनखेड़े बैठक के बीच उठकर बाहर चले गए। उनका आरोप था कि नपाध्यक्ष पुराने एजेंडे और वार्डों की समस्याओं को लगातार नजरअंदाज कर रही हैं।
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बैठक में सात नए प्रस्ताव लाए गए थे, जिनमें हनुमान चौक पर तीन करोड़ रुपए की लागत से नाला निर्माण, काली पुतली चौक स्थित हनुमान मंदिर के पीछे दो मंजिला कॉम्प्लेक्स निर्माण, रोड सेफ्टी से जुड़े काम और भटेरा में पाइपलाइन शिफ्टिंग शामिल थे। इनमें से एक को छोड़कर बाकी सभी प्रस्ताव पारित कर दिए गए।
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पार्षदों ने लगाए गंभीर आरोप
पार्षद सुधीर चिले ने कहा कि पिछली बैठकों में भी जनभागीदारी से बनी योजनाओं पर चर्चा नहीं हुई। बार-बार ध्यान दिलाने के बावजूद नपाध्यक्ष ध्यान नहीं दे रहीं। पार्षद सरिता सोनेकर ने कहा कि नगरपालिका में अफसरशाही और मनमानी हावी है। वार्डों के जरूरी काम नहीं हो रहे, जनता परेशान है।
पार्षद राज हरिनखेड़े ने का कहा कि नपाध्यक्ष हमारे वोट और पार्टी के निर्णय से कुर्सी पर बैठी हैं, लेकिन अब वार्डों की हालत खराब होती जा रही है। कॉम्प्लेक्स बनाने से पहले कच्ची सड़कों को पक्का करना ज्यादा जरूरी है।
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पहली बार भाजपा पार्षदों ने खोला मोर्चा
यह पहला मौका है जब सत्तारूढ़ दल के पार्षदों ने सार्वजनिक रूप से नपाध्यक्ष की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। वॉकआउट के बाद नगर परिषद की अंदरूनी कलह सतह पर आ गई है। पार्षदों का कहना है कि उन्हें बैठक में अपमानित किया गया और उनकी बातों को नजरअंदाज किया गया, जो अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अब आगे क्या?
इस घटनाक्रम के बाद नगरपालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। पार्षदों ने साफ संकेत दिए हैं कि अगर यही रवैया रहा तो आगे और बड़ा कदम उठाया जा सकता है। वहीं नपाध्यक्ष की ओर से अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

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