Betul: हॉस्टल में रह रहे 9वीं कक्षा के छात्र की मौत, परिजनों ने वार्डन पर इलाज न कराने के लगाए आरोप
Betul: बैतूल में स्थित एक हॉस्टल में रह रहे 9वीं कक्षा के छात्र की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि वह छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहा था। परिजनों ने आरोप लगाया है कि वार्डन ने समय पर उसका उपचार नहीं कराया। जिसके बाद परिजन उसे पाढ़र अस्पताल लेकर जा रहे थे, तभी रास्ते में उसकी मौत हो गई। वह हॉस्टल में दो दिन से बीमार था।

विस्तार
पांढुर्ना के धनोरा का रहने वाला छात्र रणवीर आहके कक्षा 9वीं का स्टूडेंट था, वह पाढ़र के बालक छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहा था। शनिवार उसे पीठ दर्द और बुखार की शिकायत होने पर वॉर्डन ने परिजनों को उसके बीमार होने की जानकारी दी। जिसके बाद उसे सारणी में रहने वाले उसके मामा संदीप पंडराम के घर ले जाया गया, जहां उसकी हालत ज्यादा बिगड़ गई। कल सोमवार दोपहर परिजन उसे पाढ़र हॉस्पिटल में भर्ती करने का रहे थे, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। जहां हॉस्पिटल पहुंचने पर डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस पर पुलिस ने आज पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।

पांढुर्ना के धनोरा का रहने वाला छात्र रणवीर आहके कक्षा 9वीं का स्टूडेंट था, वह पाढ़र के बालक छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहा था। शनिवार उसे पीठ दर्द और बुखार की शिकायत होने पर वॉर्डन ने परिजनों को उसके बीमार होने की जानकारी दी। जिसके बाद उसे सारणी में रहने वाले उसके मामा संदीप पंडराम के घर ले जाया गया, जहां उसकी हालत ज्यादा बिगड़ गई। कल सोमवार दोपहर परिजन उसे पाढ़र हॉस्पिटल में भर्ती करने का रहे थे, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। जहां हॉस्पिटल पहुंचने पर डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस पर पुलिस ने आज पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
परिजनों को दी सूचना
इस मामले में परिजनों का आरोप है कि बालक का हॉस्टल में समय पर इलाज नहीं करवाया गया। उसे डॉक्टर्स को भी नहीं दिखाया गया। परिजनों को भी उसके बीमार होने की जानकारी देरी से दी गई। उन्होंने इस मामले में हॉस्टल अधीक्षक को जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई की मांग की है, जबकि हॉस्टल अधीक्षक गोरेलाल बामने का कहना है कि बालक ने जैसे ही सिर दर्द और पीठ के दर्द की शिकायत की थी। तब उन्होंने छात्र को उनके पास रखी दवा उसे दे दी थी। उसको भर्ती करने लायक स्थिति नहीं थी, फिर परिजनों को सूचना दे दी थी।
कमजोर हो गया था छात्र
परिजनों ने बताया कि बालक बोल भी नहीं पा रहा था, वह बहुत कमजोर हो गया था। उसके बीमार होने की जानकारी समय पर नहीं दी गई। जब वह ज्यादा बीमार हो गया तब हमें जानकारी दी गई। बताया जा रहा है कि शनिवार बालक के बीमार होने और परिजनों को खबर करने के बाद हॉस्टल इंचार्ज ने उसे अन्य छात्रों के साथ सारणी में उसके मामा के घर भेज दिया था। मृतक बालक धनोरा पांढुरना में रहने वाले किसान बस्तीराम का इकलौता बेटा था। उसकी एक बड़ी बेटी भी है, जो इटारसी में कक्षा 11वीं की छात्रा है।
इस मामले में परिजनों का आरोप है कि बालक का हॉस्टल में समय पर इलाज नहीं करवाया गया। उसे डॉक्टर्स को भी नहीं दिखाया गया। परिजनों को भी उसके बीमार होने की जानकारी देरी से दी गई। उन्होंने इस मामले में हॉस्टल अधीक्षक को जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई की मांग की है, जबकि हॉस्टल अधीक्षक गोरेलाल बामने का कहना है कि बालक ने जैसे ही सिर दर्द और पीठ के दर्द की शिकायत की थी। तब उन्होंने छात्र को उनके पास रखी दवा उसे दे दी थी। उसको भर्ती करने लायक स्थिति नहीं थी, फिर परिजनों को सूचना दे दी थी।