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Bhopal News: एमपी के पूर्व मंत्री बोले-मनरेगा में 1% मजदूरों को भी 100 दिन काम नहीं, 18 योजनाओं में शून्य खर्च

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Thu, 25 Dec 2025 05:39 PM IST
सार

कांग्रेस नेता कमलेश्वर पटेल ने आंकड़ों के आधार पर आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में मनरेगा के तहत 1% से भी कम मजदूरों को 100 दिन का रोजगार मिला है और पंचायत विभाग की 18 योजनाओं में एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ। उन्होंने महिलाओं के लिए घोषित राशि न मिलने, आजीविका मिशन में काम ठप होने और ग्रामसभाओं के अधिकार कमजोर होने की बात कहते हुए सरकार की ग्रामीण विकास नीतियों पर सवाल उठाए।

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Bhopal News: Former MP minister says only 1% of workers get 100 days of work under MNREGA, zero expenditure in
पीसीसी में प्रेसवार्ता - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मध्यप्रदेश में पंचायती एवं ग्रामीण विकास योजनाओं की स्थिति को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस नेता और पूर्व पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि सरकार ग्रामीण विकास के बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन आंकड़े खुद सरकारी नाकामी बयां कर रहे हैं। कांग्रेस नेता के मुताबिक, मनरेगा के तहत प्रदेश में पंजीकृत मजदूरों में से एक प्रतिशत से भी कम लोगों को 100 दिन का रोजगार मिल पाया है। इससे ग्रामीण बेरोजगारी की स्थिति स्पष्ट होती है। उन्होंने कहा कि नाम बदलने और प्रचार पर जोर है, जबकि मजदूरों को न काम मिल रहा है और न समय पर मजदूरी।
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योजनाएं कागजों में, जमीन पर शून्य
कमलेश्वर पटेल ने आरोप लगाया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की 18 योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2024–25 के दौरान एक रुपया तक खर्च नहीं किया गया। स्वच्छ भारत मिशन और संबल जैसी अहम योजनाओं में भी पिछले दो वर्षों से राशि जारी नहीं होने की बात उन्होंने कही।
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महिलाओं के लिए घोषित राशि पर सवाल
कांग्रेस नेता ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के नाम पर 179 करोड़ रुपये भेजने की घोषणा तो हुई, लेकिन आज तक लाभार्थियों के खातों में पैसा नहीं पहुंचा। उन्होंने इसे सरकार की कथनी और करनी के बीच बड़ा अंतर बताया।आजीविका मिशन पर भी निशानाकांग्रेस के अनुसार, आजीविका मिशन के तहत 2 प्रतिशत से भी कम कार्य संचालित हो रहे हैं। पोषण आहार, गणवेश और अन्य आजीविका से जुड़े काम ठप हैं। डिंडोरी जिले में बगिया मां के नाम योजना में 14 करोड़ रुपये के कथित घोटाले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह योजना भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी है।

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पंचायतों और ग्रामसभाओं की ताकत घटी
कमलेश्वर पटेल ने कहा कि ग्रामसभाओं के अधिकार अब कागजी औपचारिकता बनकर रह गए हैं। पंचायतों को छोटे विकास कार्यों के लिए भी उच्च स्तर पर अनुमति लेनी पड़ रही है, जिससे विकेंद्रीकरण की भावना कमजोर हुई है। कांग्रेस नेता का कहना है कि ये आंकड़े दिखाते हैं कि ग्रामीण विकास योजनाएं पटरी से उतर चुकी हैं। पार्टी ने संकेत दिया है कि इन मुद्दों को लेकर आने वाले समय में आंदोलन और जनजागरूकता अभियान तेज किया जाएगा।
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