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Cab Advance Tip: राइड-हेलिंग एप पर सरकार की सख्ती, 'एडवांस टिपिंग' पर लगाई रोक, जानें डिटेल्स
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Thu, 25 Dec 2025 06:05 PM IST
सार
केंद्र सरकार ने राइड-हेलिंग सेक्टर में एडवांस टिपिंग फीचर पर सख्ती की है, और Uber, Ola और Rapido जैसे प्लेटफॉर्म पर राइड शुरू होने से पहले यात्रियों से टिप मांगने पर रोक लगा दी है।
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उबर कैब
- फोटो : ANI
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विस्तार
केंद्र सरकार ने राइड-हेलिंग सेक्टर में एक बड़ा बदलाव करते हुए एडवांस टिपिंग यानी यात्रा शुरू होने से पहले टिप देने की व्यवस्था पर रोक लगा दी है। अब उबर, ओला, रैपिडो और अन्य एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म यात्रियों से राइड बुक करते वक्त टिप देने की व्यवस्था नहीं दिखा सकेंगे। सरकार का मानना है कि यह फीचर यात्रियों पर अनावश्यक दबाव डालता था और निष्पक्ष किराया प्रणाली को प्रभावित कर रहा था।
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नई गाइडलाइंस में क्या बदला
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 15 दिसंबर को मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2025 में संशोधन जारी किया। इस संशोधन के तहत साफ किया गया है कि अगर कोई प्लेटफॉर्म स्वैच्छिक टिपिंग का विकल्प देता भी है, तो वह सिर्फ यात्रा पूरी होने के बाद ही दिखाई देगा। बुकिंग के समय या ड्राइवर खोजते वक्त यह फीचर पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि यात्री द्वारा दी गई पूरी टिप ड्राइवर को ही मिलेगी और एग्रीगेटर इसमें से कोई कटौती नहीं कर पाएगा।
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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 15 दिसंबर को मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2025 में संशोधन जारी किया। इस संशोधन के तहत साफ किया गया है कि अगर कोई प्लेटफॉर्म स्वैच्छिक टिपिंग का विकल्प देता भी है, तो वह सिर्फ यात्रा पूरी होने के बाद ही दिखाई देगा। बुकिंग के समय या ड्राइवर खोजते वक्त यह फीचर पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। इसके साथ ही यह भी तय किया गया है कि यात्री द्वारा दी गई पूरी टिप ड्राइवर को ही मिलेगी और एग्रीगेटर इसमें से कोई कटौती नहीं कर पाएगा।
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उपभोक्ता शिकायतों से शुरू हुई कार्रवाई
दरअसल, मई 2025 में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने एडवांस टिपिंग को 'अनुचित व्यापार व्यवहार' करार दिया था। उपभोक्ताओं की शिकायत थी कि टिप जोड़ने का विकल्प राइड बुकिंग को एक तरह की बोली प्रक्रिया में बदल रहा है। जहां ज्यादा पैसे देने वाले यात्रियों को ही आसानी से कैब मिल पा रही थी। इसी के बाद सरकार ने इस व्यवस्था पर रोक लगाने की दिशा में कदम बढ़ाया।
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दरअसल, मई 2025 में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने एडवांस टिपिंग को 'अनुचित व्यापार व्यवहार' करार दिया था। उपभोक्ताओं की शिकायत थी कि टिप जोड़ने का विकल्प राइड बुकिंग को एक तरह की बोली प्रक्रिया में बदल रहा है। जहां ज्यादा पैसे देने वाले यात्रियों को ही आसानी से कैब मिल पा रही थी। इसी के बाद सरकार ने इस व्यवस्था पर रोक लगाने की दिशा में कदम बढ़ाया।
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एडवांस टिपिंग कैसे बनी ट्रेंड
एडवांस टिपिंग का चलन सबसे पहले 2023 के आसपास बंगलूरू में ओपन-नेटवर्क एप के जरिए शुरू हुआ था। इसका मकसद पीक आवर्स में ड्राइवरों को आकर्षित करना था। बाद में रैपिडो ने अपने कैब बिजनेस के विस्तार के दौरान इसे अपनाया और फिर उबर और ओला जैसे बड़े प्लेटफॉर्म भी इस मॉडल पर चले आए। हालांकि अब इस प्रैक्टिस पर पूरी तरह लगाम लग गई है।
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महिलाओं की सुरक्षा पर खास फोकस
सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा, खासकर महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक और अहम प्रावधान जोड़ा है। नई गाइडलाइंस के तहत राइड-हेलिंग एप को महिला यात्रियों के लिए महिला ड्राइवर चुनने का विकल्प देना अनिवार्य होगा, बशर्ते ड्राइवर उपलब्ध हो। सरकार का मानना है कि इससे महिलाओं को ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद यात्रा विकल्प मिलेगा।
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प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ेगा दबाव
इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों का कहना है कि इस नियम के लागू होने के बाद कंपनियों पर महिला ड्राइवरों को तेजी से जोड़ने का दबाव बढ़ेगा। फिलहाल गिग इकॉनमी में महिला ड्राइवरों की हिस्सेदारी एक प्रतिशत से भी कम है। केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इन संशोधित नियमों को तुरंत लागू करने के निर्देश दिए हैं।
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कंपनियों की प्रतिक्रिया का इंतजार
सरकार के इस फैसले पर उबर, ओला, रैपिडो और नम्मा यात्री जैसी कंपनियों की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन साफ है कि ये बदलाव राइड-हेलिंग सेक्टर में यात्रियों के अधिकार और सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माने जा रहे हैं।
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