Zero Visibility: जीरो विजिबिलिटी में कैसे बचेगी जान? क्या आपको पता है इन लाइफ-सेविंग कार गैजेट्स के बारे में?
सर्दियों के मौसम में घना कोहरा सड़कों को जानलेवा बना देता है, जैसा कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के एक्सप्रेसवे पर हुए बड़े हादसों से साफ दिखाई देता है। जीरो विजिबिलिटी में सिर्फ सावधानी काफी नहीं होती। दुर्घटना से बचने के लिए कुछ तकनीकें जरूरी हैं।
विस्तार
Road Accident Preventive Technologies In Fog: उत्तर प्रदेश के यमुना और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर हाल ही में हुए भीषण हादसों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि कोहरे को हल्के में लेना जानलेवा हो सकता है। सर्दियों में 'जीरो विजिबिलिटी' के कारण सड़कें डेथ ट्रैप बन जाती हैं। आंकड़े बताते हैं कि रात 1 बजे से सुबह 9 बजे के बीच सबसे ज्यादा हादसे होते हैं। लेकिन क्या सिर्फ सावधानी काफी है? शायद नहीं। आज के दौर में ADAS (एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंट सिस्टम) और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर वो तकनीकें हैं। ये तकनीकें इंसान की आंखों से पहले खतरे को भांप सकती हैं। आइए जानते हैं उन गैजेट्स और फीचर्स के बारे में जो कोहरे में आपकी 'तीसरी आंख' का काम करते हैं।
1. ADAS: कोहरे में 'राडार' का काम करने वाली तकनीक
आजकल की नई एसयूवी (सुपर यूटिलिटी व्हीकल) और सेडान कारों में ADAS फीचर आ रहा है। कोहरे में जब इंसान की आंखें धोखा खा जाती हैं, तब यह तकनीक काम आती है।
ऑटोनॉमस इमरजेंसी ब्रेकिंग (AEB): यह सबसे महत्वपूर्ण फीचर है। इसमें लगे 'राडार सेंसर' कोहरे को चीरकर आगे की स्थिति देख सकते हैं। अगर आपकी कार के सामने अचानक कोई ट्रक या गाड़ी आ जाए और आपको न दिखे। तो भी सेंसर उसे डिटेक्ट कर लेगा और टकराव से पहले ही गाड़ी में ऑटोमैटिक ब्रेक लगा देगा।
अडाप्टिव क्रूज कंट्रोल (ACC): हाइवे पर यह फीचर बहुत काम आता है। इसे सेट करने पर आपकी कार आगे चल रही गाड़ी से एक सुरक्षित दूरी बनाकर चलती है। अगर आगे वाली गाड़ी की स्पीड कम होती है, तो आपकी कार भी अपने आप धीमी हो जाएगी। कोहरे में यह 'टेलगेटिंग' (सटाकर गाड़ी चलाना) से होने वाले हादसों को रोकता है।
ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग (BSM): कोहरे में साइड मिरर (ORVM) में पीछे से आती गाड़ियां मुश्किल से दिखती हैं। ऐसे में अगर आप लेन बदलते हैं तो हादसा हो सकता है। यह सिस्टम साइड मिरर पर लाइट जलाकर या बीप साउंड देकर आपको बता देता है कि बगल वाली लेन में कोई गाड़ी है।
2. विजिबिलिटी टूल्स: कोहरे को चीरने वाली रोशनी
सिर्फ हेडलाइट जलाना काफी नहीं है, सही लाइट का चुनाव जरूरी है।
फॉग लैम्प्स: हेडलाइट की रोशनी ऊपर की तरफ होती है जो कोहरे से टकराकर वापस ड्राइवर की आंखों पर लगती है (इसे 'विइट-आउट' कहते हैं)। वहीं, फॉग लैम्प्स बंपर के नीचे लगे होते हैं और सड़क की सतह को रोशन करते हैं। पीली रोशनी वाली फॉग लाइट्स कोहरे में सफेद लाइट से बेहतर काम करती हैं।
रियर फॉग लैम्प्स: अक्सर लोग इसे नजरअंदाज करते हैं। यूरोपियन कारों में यह स्टैंडर्ड होता है। यह पीछे वाली टेल-लाइट से 10 गुना ज्यादा चमकदार होती है। इससे पीछे से आ रहे तेज रफ्तार वाहन को दूर से ही आपकी कार दिख जाती है।
थर्मल या नाइट विजन कैमरा: लग्जरी कारों (जैसे बीएमडब्ल्यू, ऑडी) और अब कुछ आफ्टर-मार्केट डैशकैम में 'थर्मल इमेजिंग' आती है। यह स्क्रीन पर गर्मी के आधार पर इमेज बनाती है। कोहरे में सड़क पर खड़ा इंसान या जानवर आपको अपनी आंखों से नहीं दिखेगा, लेकिन थर्मल कैमरा उसे स्क्रीन पर साफ दिखा देगा।
3. स्मार्ट गैजेट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर
स्मार्ट इमरजेंसी बीकन: विदेशों में यह बहुत कॉमन है। अगर कोहरे में आपकी गाड़ी खराब हो जाए, तो सड़क पर खड़े रहना मौत को दावत देना है। ऐसे में 'बैटरी ऑपरेटेड फ्लैशिंग बीकन' को गाड़ी की छत पर चुंबक से चिपका दें। इसकी तेज चमकती रोशनी पीछे आने वालों को 500 मीटर दूर से सतर्क कर देती है।
रिफ्लेक्टिव रोड स्टड्स और मार्कर: इन्हें 'कैट्स आई' भी कहा जाता है। ये सड़क की पट्टियों पर लगे होते हैं। जैसे ही हेडलाइट इन पर पड़ती है, ये चमक उठते हैं। घने कोहरे में जब सड़क की लेन नहीं दिखती तब ये स्टड्स ही ड्राइवर को बताते हैं कि सड़क कहां मुड़ रही है या लेन कहां खत्म हो रही है।
4. डिफॉगर और हीटेड मिरर्स
अक्सर लोग बाहर के कोहरे पर ध्यान देते हैं, लेकिन कार के अंदर शीशे पर जमी धुंध भी उतनी ही खतरनाक है।
रियर डिफॉगर: यह पीछे के शीशे पर लगी पतली तारों को गर्म करता है, जिससे धुंध सेकंड्स में गायब हो जाती है।
हीटेड ORVMs: अब कई कारों (जैसे महिंद्रा एक्सयूवी700, ह्यूंदै क्रेटा) में साइड मिरर्स को गर्म करने का फीचर आता है, जिससे उन पर ओस या कोहरा नहीं जमता और पीछे का दृश्य साफ रहता है।
महत्वपूर्ण टिप: क्या न करें?
भारत में लोग कोहरे में गाड़ी चलाते वक्त चारों इंडिकेटर जला लेते हैं। यह गलत और खतरनाक है। हैजार्ड लाइट का मतलब है- "आपकी गाड़ी खराब है और आप खड़े हैं"। अगर आप चलती गाड़ी में इसे जलाएंगे, तो पीछे वाले ड्राइवर को कन्फ्यूजन होगा और उसे यह पता नहीं चलेगा कि आप कब लेन बदल रहे हैं या मुड़ रहे हैं। कोहरे में सिर्फ लो-बीम हेडलाइट और फॉग लैम्प का ही इस्तेमाल करें।