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Bhopal: भोपाल में कोरोना मरीजों की संख्या 13 पहुंची, RT-PCR जांच की सुविधा नहीं, सीएमएचओ ने किया औचक निरीक्षण
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Thu, 12 Jun 2025 08:08 PM IST
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सार
प्रदेश में कोरोना के 123 मरीज मिल चुके हैं वहीं भोपाल में 13 मरीज सामने आए हैं, लेकिन यहां के सरकारी अस्पतालों में RT-PCR जांच के लिए किट उपलब्ध नहीं है। भोपाल सीएमएचओ डॉ. मनीश शर्मा ने जेपी अस्पताल में कोविड वार्ड की तैयारियों का जायजा लिया।
कोरोना जांच
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश में कोरोना के नए वेरिएंट के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, जबकि विभाग इसे लेकर सीरियस नहीं दिख रहा है। प्रदेश में अभी तक कोरोना को लेकर कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है। प्रदेश में अब तक 123 मरीज मिल चुके हैं वहीं राजधानी भोपाल की बात करें तो यहां 13 मरीज सामने आए हैं लेकिन यहां के सरकारी अस्पतालों में RT-PCR जांच के लिए किट उपलब्ध नहीं है। लोगों को निजी लैबों का सहारा लेना पड़ रहा है। जांच महंगी होने के कारण लोग कोरोना के लक्षण होने पर भी जांच नहीं कर रहे हैं। इधर भोपाल के नए सीएमएचओ डॉ. मनीश शर्मा गरुवार को जेपी अस्पताल का निरीक्षण किया और अस्पताल में कोविड वार्ड की तैयारियों का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान, जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने CMHO को बताया कि पीएसए प्लांट को ठीक कराने की आवश्यकता है। इस पर डॉ. शर्मा ने तत्काल प्लांट की मरम्मत के लिए निर्देश दिए।
पीएसए प्लांट को ठीक कराने की आवश्यकता
निरीक्षण के दौरान, जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने सीएमएचओ को बताया कि पीएसए प्लांट को ठीक कराने की आवश्यकता है। इस पर डॉ. शर्मा ने तत्काल प्लांट की मरम्मत के लिए निर्देश दिए। उन्होंने कोविड सैंपल कलेक्शन की व्यवस्था का भी निरीक्षण किया। सैंपलिंग रूम तो संतोषजनक पाया गया, लेकिन उन्होंने हर जगह सैनिटाइजर रखने के निर्देश दिए। इधर, कोलार स्वास्थ्य केंद्र समेत जिले के अन्य अस्पतालों में लगाए गए ऑक्सीजन प्लांट भी बंद पड़े हैं। किसी में ऑक्सीजन की प्योरिटी तय स्तर से कम आ रही है तो किसी में इलेक्ट्रिकल फॉल्ट है। इन अस्पतालों ने मेंटेनेंस के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग को पत्र भेजा है।
यह भी पढ़ें- देशभर में चर्चा में आया भोपाल का रेलवे ओवर ब्रिज, 90 डिग्री वाले ओवर ब्रिज के डिजाइन पर उठ रहे सवाल
डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए
डॉ. मनीश शर्मा ने सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स) से जुड़े ऑनलाइन एमएलसी (मेडिको-लीगल केस) बनाने की प्रक्रिया को भी समझा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि एमएलसी की ऑनलाइन रिपोर्टिंग में किसी भी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए और डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। डॉ. मनीष शर्मा ने स्टाफ से सीधे संवाद किया और मरीजों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि वे मरीजों के साथ संवेदनशीलता से पेश आएं। डॉ. शर्मा ने जोर देकर कहा कि प्यार से बात करने पर ही मरीज आधा ठीक हो जाता है और आधा आपकी गोली देने के बाद।
यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश के चार जिले हुए मलेरिया मुक्त, अब शहरों के बाद 15 जिलों में गांव-गांव जाएंगे वॉलिंटियर
स्वास्थ्य विभाग नहीं जारी कर रहा आंकड़े
प्रदेश में कोरोना की स्थिति को लेकर इंटिग्रेटेड डिजीज सर्विलेंस प्रोग्राम द्वारा अब जिलेवार आंकड़े जारी नहीं किए जा रहे हैं, जबकि अन्य राज्य अभी भी रोजाना हेल्थ बुलेटिन जारी कर रहे हैं। भोपाल सीएमएचओ डॉ मनीष शर्मा का कहना है कि हमें अभी तक ऊपर से कोई ऐसी गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। जैसे ही ऊपर से निर्देश होंगे हम जांच शुरू कर देंगे। उन्होंने बताया कि भोपाल में अभी 4 कोरोना पॉजिटिव मरीज एक्टिव हैं हालांकि कोई सीरियस नहीं है दो मरीजों को आज छुट्टी दी जा सकती है।
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पीएसए प्लांट को ठीक कराने की आवश्यकता
निरीक्षण के दौरान, जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने सीएमएचओ को बताया कि पीएसए प्लांट को ठीक कराने की आवश्यकता है। इस पर डॉ. शर्मा ने तत्काल प्लांट की मरम्मत के लिए निर्देश दिए। उन्होंने कोविड सैंपल कलेक्शन की व्यवस्था का भी निरीक्षण किया। सैंपलिंग रूम तो संतोषजनक पाया गया, लेकिन उन्होंने हर जगह सैनिटाइजर रखने के निर्देश दिए। इधर, कोलार स्वास्थ्य केंद्र समेत जिले के अन्य अस्पतालों में लगाए गए ऑक्सीजन प्लांट भी बंद पड़े हैं। किसी में ऑक्सीजन की प्योरिटी तय स्तर से कम आ रही है तो किसी में इलेक्ट्रिकल फॉल्ट है। इन अस्पतालों ने मेंटेनेंस के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग को पत्र भेजा है।
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डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए
डॉ. मनीश शर्मा ने सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स) से जुड़े ऑनलाइन एमएलसी (मेडिको-लीगल केस) बनाने की प्रक्रिया को भी समझा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि एमएलसी की ऑनलाइन रिपोर्टिंग में किसी भी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए और डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। डॉ. मनीष शर्मा ने स्टाफ से सीधे संवाद किया और मरीजों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि वे मरीजों के साथ संवेदनशीलता से पेश आएं। डॉ. शर्मा ने जोर देकर कहा कि प्यार से बात करने पर ही मरीज आधा ठीक हो जाता है और आधा आपकी गोली देने के बाद।
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स्वास्थ्य विभाग नहीं जारी कर रहा आंकड़े
प्रदेश में कोरोना की स्थिति को लेकर इंटिग्रेटेड डिजीज सर्विलेंस प्रोग्राम द्वारा अब जिलेवार आंकड़े जारी नहीं किए जा रहे हैं, जबकि अन्य राज्य अभी भी रोजाना हेल्थ बुलेटिन जारी कर रहे हैं। भोपाल सीएमएचओ डॉ मनीष शर्मा का कहना है कि हमें अभी तक ऊपर से कोई ऐसी गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। जैसे ही ऊपर से निर्देश होंगे हम जांच शुरू कर देंगे। उन्होंने बताया कि भोपाल में अभी 4 कोरोना पॉजिटिव मरीज एक्टिव हैं हालांकि कोई सीरियस नहीं है दो मरीजों को आज छुट्टी दी जा सकती है।

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