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नियमों की अनदेखी: राज्य सहकारी संघ में बंदरबांट,बिना टेंडर चहेती एजेंसियों को दे डाले गार्ड-श्रमिकों के ठेके
सार
राज्य सहकारी संघ पर नियमों को ताक पर रखकर बिना टेंडर सुरक्षा गार्ड और श्रमिक सेवाओं के ठेके चहेती फर्मों को देने के गंभीर आरोप लगे हैं। इससे न सिर्फ सरकारी नियमों का उल्लंघन हुआ है, बल्कि पारदर्शिता और निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
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वल्लभ भवन, भोपाल
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
राज्य के सहकारिता विभाग के अंतर्गत आने वाले राज्य सहकारी संघ पर नियमों को दरकिनार कर मनमाने तरीके से सुरक्षा गार्डों और श्रमिकों की सेवाओं का कार्य लेकर उसे चहेती फर्मों को सौंप रहा है। जानकारी के अनुसार सहकारी संघ द्वारा राज्य शासन के भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन करते हुए बिना टेंडर प्रक्रिया अपनाए सीधे कुछ चुनिंदा एजेंसियों को ठेके दिए जा रहे हैं।
नियमों के मुताबिक राज्य सहकारी संघ केवल अपने विभागीय कार्यालयों में ही सीधे सुरक्षा सेवाएं उपलब्ध करा सकता है, लेकिन इसके बावजूद संघ द्वारा अन्य विभागों, कार्यालयों, परिषदों और निगमों में भी सिक्योरिटी एवं मैनपावर के अनुबंध किए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार यह प्रक्रिया पारदर्शी टेंडर व्यवस्था के बजाय कुछ खास चहेती फर्मों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से अपनाई जा रही है। राजधानी में ही न केवल सरकारी नियमों की अनदेखी हो रही है, बल्कि प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। मामला उजागर होने के बाद सहकारिता विभाग की भूमिका पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है। राजधानी भोपाल में खुलेआम हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर मुख्य सचिव अनुराग जैन और सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव डीपी आहूजा को भी शिकायत की गई हैं।
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आरटीआई में दी भ्रामक जानकारी
सूचना के अधिकार के तहत जब सहकारिता विभाग के अलावा अन्य विभागों में मैनपावर और सिक्योरिटी उपलब्ध कराने से संबंधित शासनादेश की प्रति मांगी गई, तो संघ की तरफ से भ्रामक जानकारी दी गई। दूसरे विभागों की जगह सूचना के अधिकार में 9 सितंबर 2021 को आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, मध्य प्रदेश द्वारा जारी आदेश उपलब्ध कराया गया। इस आदेश में राज्य सहकारी संघ को सहकारिता विभाग में ही मानव संसाधन सेवा प्रदाता एजेंसी के रूप में कार्य करने की अनुमति का ही उल्लेख किया गया है।
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चहेती फर्म को सीधे लाखों का काम सौंपा
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश राज्य सहकारी संघ मर्यादित ने अक्टूबर 2024 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद 'मैपकॉस्ट' के साथ अनुबंध किया, जिसमें एक निजी सप्लायर को सीधे लाखों रुपये का कार्य सौंपा गया। इसी प्रकार संघ ने निर्वाचन कार्यालय और कलेक्टर कार्यालय सहित अन्य शासकीय कार्यालयों में भी सिक्योरिटी सेवाओं का अनुबंध लेकर उसे सीधे अपनी चहेती फर्मों को सौंपने का आरोप है। मैपकॉस्ट में 50 सुरक्षा गार्ड, 25 सफाई कर्मी, श्रमिक 45 तैनात किए गए। इस पर करीब 15 लाख रुपये खर्च किए गए।
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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद में तैनाती
राज्य सहकारी संघ द्वारा मुख्यालय में सुरक्षा गार्ड -26, गनमैन-4, अब्दुल्लागंज केंद्र पर सुरक्षा गार्ड-10, गनमैन -02, गौतमनगर आवासीय परिसर में गार्ड-3, तारामंडल उज्जैन में सुरक्षा गार्ड-7, डोंगला वेधशाला उज्जैन में गार्ड-3, परिषद मुख्यालय में सफाईकर्मी 18, परिषद मुख्यालय में सुपरवाइजर 01 और इसी तरह अलग अलग जगह 09 सफाईकर्मी उपलब्ध कराए गए।
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मामले को दिखवा लेते हैं : मनोज पुष्प
वहीं, इस पूरे मामले पर सहकारिता विभाग के आयुक्त एवं पंजीयक मनोज पुष्प ने कहा कि उन्हें इस संबंध में अभी जानकारी नहीं है। मामले को दिखवा लेते हैं।
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नियमों के मुताबिक राज्य सहकारी संघ केवल अपने विभागीय कार्यालयों में ही सीधे सुरक्षा सेवाएं उपलब्ध करा सकता है, लेकिन इसके बावजूद संघ द्वारा अन्य विभागों, कार्यालयों, परिषदों और निगमों में भी सिक्योरिटी एवं मैनपावर के अनुबंध किए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार यह प्रक्रिया पारदर्शी टेंडर व्यवस्था के बजाय कुछ खास चहेती फर्मों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से अपनाई जा रही है। राजधानी में ही न केवल सरकारी नियमों की अनदेखी हो रही है, बल्कि प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। मामला उजागर होने के बाद सहकारिता विभाग की भूमिका पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है। राजधानी भोपाल में खुलेआम हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर मुख्य सचिव अनुराग जैन और सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव डीपी आहूजा को भी शिकायत की गई हैं।
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सूचना के अधिकार के तहत जब सहकारिता विभाग के अलावा अन्य विभागों में मैनपावर और सिक्योरिटी उपलब्ध कराने से संबंधित शासनादेश की प्रति मांगी गई, तो संघ की तरफ से भ्रामक जानकारी दी गई। दूसरे विभागों की जगह सूचना के अधिकार में 9 सितंबर 2021 को आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, मध्य प्रदेश द्वारा जारी आदेश उपलब्ध कराया गया। इस आदेश में राज्य सहकारी संघ को सहकारिता विभाग में ही मानव संसाधन सेवा प्रदाता एजेंसी के रूप में कार्य करने की अनुमति का ही उल्लेख किया गया है।
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जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश राज्य सहकारी संघ मर्यादित ने अक्टूबर 2024 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद 'मैपकॉस्ट' के साथ अनुबंध किया, जिसमें एक निजी सप्लायर को सीधे लाखों रुपये का कार्य सौंपा गया। इसी प्रकार संघ ने निर्वाचन कार्यालय और कलेक्टर कार्यालय सहित अन्य शासकीय कार्यालयों में भी सिक्योरिटी सेवाओं का अनुबंध लेकर उसे सीधे अपनी चहेती फर्मों को सौंपने का आरोप है। मैपकॉस्ट में 50 सुरक्षा गार्ड, 25 सफाई कर्मी, श्रमिक 45 तैनात किए गए। इस पर करीब 15 लाख रुपये खर्च किए गए।
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मामले को दिखवा लेते हैं : मनोज पुष्प
वहीं, इस पूरे मामले पर सहकारिता विभाग के आयुक्त एवं पंजीयक मनोज पुष्प ने कहा कि उन्हें इस संबंध में अभी जानकारी नहीं है। मामले को दिखवा लेते हैं।

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