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Bhopal News: एक्सीडेंट में शैफ की मौत, परिजनों को तीन दिन तक बताया नहीं, गुमशुदगी दर्ज कराने पहुंचे तो पता चला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: भोपाल ब्यूरो
Updated Fri, 24 Oct 2025 07:51 AM IST
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सार
19 अक्टूबर को सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई है। उसकी लाश की शिनाख्त नहीं होने के कारण पुलिस ने अज्ञात मानकर गांधी मेडिकल कॉलेल की मर्चुरी में शव रखवा दिया था। मृतक के बेटे ने आरोप लगाया कि तीन दिन तक पुलिस मामले को दबाए रखा, जब गुमशुदगी दर्ज कराने पहुंचे तब एक्सीडेंट में पिता की मौत की जानकारी पुलिस ने दी।
सड़क हादसे में भोपाल के एक शैफ की मौत हो गई।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राजधानी भोपाल की पिपलानी थाना पुलिस पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगे हैं। एक पखवाड़े पहले इसी थाने के दो पुलिसकर्मियों पर पीट-पीटकर इंजीनियर युवक की हत्या करने का प्रकरण दर्ज किया गया है। अब एक शैफ की एक्सीडेंट में मौत होने के बाद तीन दिन तक परिजनों को कोई सूचना नहीं देने का मामला सामने आया है। मृतक के बेटे ने आरोप लगाया कि तीन दिन तक पुलिस मामले को दबाए रखा, जब गुमशुदगी दर्ज कराने पहुंचे तब एक्सीडेंट में पिता की मौत की जानकारी पुलिस ने दी। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
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पिपलानी पुलिस के अनुसार 19 अक्टूबर को सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई है। उसकी लाश की शिनाख्त नहीं होने के कारण पुलिस ने अज्ञात मानकर गांधी मेडिकल कॉलेल की मर्चुरी में शव रखवा दिया था। परिजनों का आरोप है कि एक्सीडेंट के पास 55 वर्षीय राम बहादुर की स्कूटी पड़ी हुई थी। स्कूटी में वही पता है, जिस पर उनका परिवार निवास कर रहा है। अगर पुलिस स्कूटी का पता जुटाती तो परिजनों को घटना के कुछ घंटे बाद ही पता चल जाता। स्कूटी के अंदर मृतक का पहचान पत्र और मोबाइल भी रखा था, लेकिन पुलिस ने स्कूटी की तलाशी लेना ही जरूरी नहीं समझा।
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पुलिस ने बताया कि राम बहादुर पिता चमन बहादुर अयोध्या नगर थाना क्षेत्र का रहने वाला था। वह रत्नागिरी के एक रेस्टोरेंट में शैफ का कार्य करता था। परिजनों ने बताया कि 19-20 अक्टूबर की दरमियानी देर रात रेस्टोरेंट के बंद होने के बाद स्कूटी पर सवार होकर रात करीब डेढ़ बजे घर आ रहे थे, तभी रत्नागिरी पर एक अन्य दो पहिया वाहन ने टक्कर मार दी थी। हादसे में राम बहादुर की मौत हो गई। घर नहीं पहुंचने के कारण परिजनों ने उनके मोबाइल पर फोन लगाया, लेकिन मोबाइल स्कूटी की डिग्गी में रखा हुआ था। पुलिस स्कूटी उठाकर थाने तक ले गई, लेकिन उसमें रखा मोबाइल फोन बजने की भनक पुलिस को नहीं लगी।
दीपावली के कारण देरी से कराई गुमशुदगी
मृतक के बेटे सतीश ने मीडिया को बताया कि दीपावली पर रेस्टोरेंट में भीड़ होने के कारण लगा कि वह वहीं रुक गए होंगे। क्योंकि त्यौहार के कारण कई बार देर रात घर पहुंचते थे और कई बार ऐसी स्थिति बनती थी कि घर ही नहीं आते थे। ऐसे में दीपावली के दिन गुमशुदगी दर्ज नहीं कराई। 21 को पुलिस के पास गुमशुदगी दर्ज कराने पहुंचे तो पिता की मौत एक्सीडेंट में होने की जानकारी पिपलानी थाने से दी गई।