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Cough Syrup: कफ सिरप कांड पर कांग्रेस का हमला तेज, 9 अक्टूबर को प्रदेशभर में कैंडल मार्च और करेगी प्रदर्शन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Tue, 07 Oct 2025 02:12 PM IST
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सार
जहरीली कफ सिरप के कारण हुई बच्चों की मौत के मामले में कांग्रेस ने 9 अक्टूबर को प्रदेशभर में कैंडल मार्च और विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। यह प्रदर्शन सभी जिलों और ब्लॉकों में एक साथ आयोजित किए जाएंगे।

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी की प्रेसवार्ता
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्यप्रदेश में कथित तौर पर जहरीली कफ सिरप के कारण हुई बच्चों की मौत के मामले ने अब राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस ने इस गंभीर त्रासदी पर राज्य सरकार को घेरते हुए 9 अक्टूबर को प्रदेशभर में कैंडल मार्च और विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। यह प्रदर्शन सभी जिलों और ब्लॉकों में एकसाथ आयोजित किए जाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आज प्रेस वार्ता में इस घटना को "सरकार की आपराधिक लापरवाही" करार दिया और सीधे मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री तथा प्रशासनिक मशीनरी को कटघरे में खड़ा किया।
जो बच्चे अब भी वेंटिलेटर पर हैं, उनकी सुध कौन ले रहा है?
प्रेस वार्ता के दौरान पटवारी ने जानकारी दी कि बीते कुछ हफ्तों में छिंदवाड़ा और बैतूल में अब तक 17 बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य गंभीर स्थिति में नागपुर के अस्पतालों में भर्ती हैं। उन्होंने सवाल किया कि मुख्यमंत्री ने अब जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की, लेकिन जो बच्चे अब भी वेंटिलेटर पर हैं, उनकी सुध कौन ले रहा है?
कलेक्टर को हटाना ध्यान भटकाने की कोशिश
छिंदवाड़ा कलेक्टर को हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “अगर कलेक्टर वही रहते तो संभव है हालात समय रहते काबू में आ जाते। उन्हें हटाना सिर्फ़ घटना से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश है। उन्होंने यह भी पूछा कि स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल का इस्तीफा अब तक क्यों नहीं लिया गया? क्या सरकार उन्हें बचा रही है?
फिल्मों में देखा था नकली दवा से मौतें, अब हकीकत में हो रहा है
जीतू पटवारी ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य में नकली और जहरीली दवाइयां खुलेआम बिक रही हैं और उनकी वजह से छोटे-छोटे मासूम बच्चों की जान जा रही है। पहले भी इसी कंपनी की दवा से मौतें हुई थीं, और अब वही कंपनी फिर से मध्यप्रदेश में दवाएं बेच रही है यह दर्शाता है कि राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से फेल हो चुके हैं। जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के मंत्रिमंडल में एक भी मंत्री ईमानदार नहीं है।
यह भी पढ़ें-वही दवा... वही लक्षण, दोनों किडनी फेल, दो मौत के बाद अब मासूम हर्ष लड़ रहा जिंदगी की जंग
प्रदेशभर में विरोध का एलान
पटवारी ने छिंदवाड़ा की घटना को "सिस्टम की निर्ममता" बताते हुए घोषणा की कि 9 अक्टूबर को पूरे मध्यप्रदेश में ब्लॉक और जिला स्तर पर कैंडल मार्च निकाला जाएगा। सभी कांग्रेस जिला एवं ब्लॉक इकाइयों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रदर्शन में स्थानीय नेता, कार्यकर्ता और आम नागरिक शामिल होंगे। कैंडल मार्च के माध्यम से पार्टी मासूम बच्चों को श्रद्धांजलि देगी और सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग करेगी।
यह भी पढ़ें-सिरप से बच्चों की मौत मामले में सीबीआई जांच की मांग, सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर
कांग्रेस की प्रमुख मांगें
1- स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल का इस्तीफा
2- Coldrif Syrup जैसी जहरीली दवाओं पर स्थायी प्रतिबंध
3- सभी प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक मेडिकल जांच अभियान
4- पीड़ित परिवारों को पर्याप्त और न्यायोचित मुआवज़ा
5- जांच में पारदर्शिता और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई
एक भी बच्चों का नहीं हुआ पोस्टमार्टम
पटवारी ने कहा कि पोस्टमार्टम एक भी बच्चों का नहीं हुआ। हमने जब परिजनों से बात की तो बताया कि हमसे पूछा ही नहीं गया। सरकार की यह अकल्पनीय लापरवाही है। इस सरकार की मगरमच्छ जैसी चमड़ी हो गई है। सरकार में एक भी मंत्री ईमानदार नहीं है। कांग्रेस ने संकल्प लिया है कि अब प्रदेश में जनजागरण अभियान चलाएंगे। यह राजनीति का विषय नहीं है। हम सवाल करते है तो कहते हैं जीतू कुछ भी बोलता है। डॉक्टर पर FIR करने से समाधान नहीं होगा। सरकार को डॉक्टर का सहयोग लेना चाहिए।

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जो बच्चे अब भी वेंटिलेटर पर हैं, उनकी सुध कौन ले रहा है?
प्रेस वार्ता के दौरान पटवारी ने जानकारी दी कि बीते कुछ हफ्तों में छिंदवाड़ा और बैतूल में अब तक 17 बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य गंभीर स्थिति में नागपुर के अस्पतालों में भर्ती हैं। उन्होंने सवाल किया कि मुख्यमंत्री ने अब जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की, लेकिन जो बच्चे अब भी वेंटिलेटर पर हैं, उनकी सुध कौन ले रहा है?
कलेक्टर को हटाना ध्यान भटकाने की कोशिश
छिंदवाड़ा कलेक्टर को हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “अगर कलेक्टर वही रहते तो संभव है हालात समय रहते काबू में आ जाते। उन्हें हटाना सिर्फ़ घटना से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश है। उन्होंने यह भी पूछा कि स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल का इस्तीफा अब तक क्यों नहीं लिया गया? क्या सरकार उन्हें बचा रही है?
फिल्मों में देखा था नकली दवा से मौतें, अब हकीकत में हो रहा है
जीतू पटवारी ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य में नकली और जहरीली दवाइयां खुलेआम बिक रही हैं और उनकी वजह से छोटे-छोटे मासूम बच्चों की जान जा रही है। पहले भी इसी कंपनी की दवा से मौतें हुई थीं, और अब वही कंपनी फिर से मध्यप्रदेश में दवाएं बेच रही है यह दर्शाता है कि राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से फेल हो चुके हैं। जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के मंत्रिमंडल में एक भी मंत्री ईमानदार नहीं है।
यह भी पढ़ें-वही दवा... वही लक्षण, दोनों किडनी फेल, दो मौत के बाद अब मासूम हर्ष लड़ रहा जिंदगी की जंग
प्रदेशभर में विरोध का एलान
पटवारी ने छिंदवाड़ा की घटना को "सिस्टम की निर्ममता" बताते हुए घोषणा की कि 9 अक्टूबर को पूरे मध्यप्रदेश में ब्लॉक और जिला स्तर पर कैंडल मार्च निकाला जाएगा। सभी कांग्रेस जिला एवं ब्लॉक इकाइयों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रदर्शन में स्थानीय नेता, कार्यकर्ता और आम नागरिक शामिल होंगे। कैंडल मार्च के माध्यम से पार्टी मासूम बच्चों को श्रद्धांजलि देगी और सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग करेगी।
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कांग्रेस की प्रमुख मांगें
1- स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल का इस्तीफा
2- Coldrif Syrup जैसी जहरीली दवाओं पर स्थायी प्रतिबंध
3- सभी प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक मेडिकल जांच अभियान
4- पीड़ित परिवारों को पर्याप्त और न्यायोचित मुआवज़ा
5- जांच में पारदर्शिता और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई
एक भी बच्चों का नहीं हुआ पोस्टमार्टम
पटवारी ने कहा कि पोस्टमार्टम एक भी बच्चों का नहीं हुआ। हमने जब परिजनों से बात की तो बताया कि हमसे पूछा ही नहीं गया। सरकार की यह अकल्पनीय लापरवाही है। इस सरकार की मगरमच्छ जैसी चमड़ी हो गई है। सरकार में एक भी मंत्री ईमानदार नहीं है। कांग्रेस ने संकल्प लिया है कि अब प्रदेश में जनजागरण अभियान चलाएंगे। यह राजनीति का विषय नहीं है। हम सवाल करते है तो कहते हैं जीतू कुछ भी बोलता है। डॉक्टर पर FIR करने से समाधान नहीं होगा। सरकार को डॉक्टर का सहयोग लेना चाहिए।