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केन-बेतवा लिंक परियोजना: देश के पहले नदी जोड़ो अभियान की शुरुआत, जाने कैसे जुड़ेंगी केन और बेतवा नदी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल/छतरपुर Published by: अर्पित याज्ञनिक Updated Wed, 25 Dec 2024 08:00 AM IST
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सार

Ken-Betwa Linking Project: इस परियोजना का उद्देश्य बुंदेलखंड के सूखाग्रस्त इलाकों में सिंचाई और पेयजल की सुविधा पहुंचाना है। केन नदी पर दौधन बांध और दो टनल का निर्माण किया जाएगा। 221 किमी लंबी लिंक नहर के माध्यम से पानी मध्य प्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी और उत्तर प्रदेश के झांसी जिले तक पहुंचेगा।

Ken Betwa Link Project Know About India's First River Linking Project Tikamgarh Bundelkhand News in Hindi
केन बेतवा लिंक परियोजना। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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Ken-Betwa Linking Project: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना साकार होने जा रहा है। उन्होंने दो दशक पहले नदी जोड़ो अभियान की परिकल्पना की थी। इसके जरिए नदियों को आपस में जोड़कर सूखे की परिस्थितियों को खत्म करना एक मकसद था । अब ये पूरा हो रहा है।  केन और बेतवा नदी आपस में जुड़ने जा रही हैं। इसके पूरा होने पर बुंदेलखंड में सूखे की स्थिति नहीं बनेगी।  

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अटल जी को ऐसे सूझी नदियों को जोड़ने की बात
नदियों को जोड़ने की बात अटल जी के प्रगतिशील विचारों की देन है।दरअसल वर्ष 2002 में देश में भयंकर सूखा पड़ा था। अटल जी उस समय प्रधानमंत्री थे। इस समस्या के समाधान के लिए उस समय उनके दिमाग में नदियों को जोड़ने का विचार आया। उन्होंने नदियों को जोड़ने की बात संसद में भी उठाई। योजना को अमल में लाया जाना था, पर अटल जी की सरकार गिर जाने पर मामला ठंडा पड़ गया। 
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वर्ष 2014 में  फिर बाहर आई योजना
वर्ष 2014 में BJP की सरकार आई और मोदी जी प्रधानमंत्री बने तो वो भी नदियों को जोड़ने की योजना को अमल में लाना चाहते थे।  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिलकर इस काम में सामने आने वाली तमाम अड़चनों को दूर किया। केंद्र से फंड की मंजूरी भी मिल गई है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी नींव रख रहे हैं।

नहर में पानी पहुंचाने पहाड़ में बनेगी दो टनल
केन-बेतवा लिंक परियोजना का निर्माण मध्य प्रदेश के छतरपुर और पन्ना जिले में हो रहा है। परियोजना के अंतर्गत पन्ना टाइगर रिजर्व में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचाई और 2.13 किलोमीटर लंबाई के दौधन बांध बनेगा। इसमें दो टनल बनेंगी। यहां पर 2,853 मिलियन घन मीटर पानी का भंडारण किया जाएगा। बांध पर टनल अपर लेवल पर 1.9 किमी एवं लोअर लेवल पर 1.1 किमी का निर्माण होगा। इन टनल से 221 किमी लंबी लिंक नहर के द्वारा दोनों राज्यों में सिंचाई एवं पेयजल की सुविधा प्रदान करते हुए केन नदी के शेष पानी को बेतवा नदी में छोड़ा जाएगा। 

221 किमी की नहर के जरिए खेतों तक पहुंचेगा पानी 
केन नदी पर बनने वाले दौधन बांध से टनल के माध्यम से पानी नहर तक पहुंचाया जाएगा। यह नहर मध्य प्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी से होते हुए उत्तरप्रदेश के झांसी में बेतवा नदी में मिलेगी। इन जिलों के गांव के किसानों को सिंचाई के लिए नहर से पानी उपलब्ध होगा। साथ ही पेयजल के लिए भी पानी मिलेगा। इसके बाद शेष पानी को बेतवा नदी में छोड़ दिया जाएगा। इसके अलावा बीना नदी, उर नदी पर भी बांध बनाए जाएंगे। 

एमपी के इन जिलों को होगा फायदा 
मध्य प्रदेश के 10 जिलों को परियोजना में फायदा होगा। इसमें पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी और दतिया हैं।  किसानों को पेयजल और सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। इसमें दूसरे चरण में सहायक नदियों पर परियोजना के तहत बांध और अन्य काम शुरू किया जाएगा।

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