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MP News: केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल बोले-आजादी के 100 साल को ध्यान में रखते हुए तैयार करें शहरों की विकास योजना
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Sat, 20 Dec 2025 10:42 PM IST
सार
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि वर्ष 2047 के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए शहरों के विकास की योजनाएं बनाई जानी चाहिए। भोपाल में हुई क्षेत्रीय बैठक में केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय से योजनाओं को समय पर लागू करने पर जोर दिया गया। मंत्री कैलाश विजवर्गीय ने केन्द्र ने की अधिक ज्यादा बजट की मांग भी की है।
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केंद्रीय मंत्री मनोहरल लाल खट्टर और मंत्री कैलाश विजवर्गीय
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि देश के शहरों के विकास की योजनाएं बनाते समय आजादी के 100 वर्ष यानी वर्ष 2047 के लक्ष्यों को केंद्र में रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कल्पित विकसित और आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी साकार होगा, जब केंद्र और राज्य सरकारें आपसी समन्वय के साथ योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करेंगी और उपलब्ध बजट का समय पर पूरा उपयोग होगा। केंद्रीय मंत्री ने शनिवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित शहरी विकास मंत्रियों की क्षेत्रीय बैठक (उत्तरी एवं मध्य भारत) को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री, राज्यमंत्री, केंद्र एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
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2047 तक आधी आबादी हो जाएगी शहरों में
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक देश की शहरी आबादी कुल जनसंख्या के लगभग 50 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में शहरों में आवास, परिवहन, स्वच्छता, जल प्रबंधन और बुनियादी ढांचे से जुड़ी योजनाओं को दीर्घकालिक दृष्टि से लागू करना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि इसी उद्देश्य से शहरी कार्य मंत्रालय ने क्षेत्रीय स्तर पर राज्यों के साथ बैठकें करने का निर्णय लिया है, ताकि प्रत्येक राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों और चुनौतियों के अनुरूप समाधान निकाले जा सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार राज्यों के लिए एक सपोर्टिंग सिस्टम के रूप में कार्य करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर ठोस प्रयास राज्य सरकारों को ही करने होंगे। मनोहर लाल ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्यों में बजट का सही और पारदर्शी उपयोग होना चाहिए।
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योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर
बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), अमृत योजना, स्वच्छ भारत मिशन और शहरी परिवहन व्यवस्था जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकानों के आवंटन में हो रही देरी पर चिंता जताई और राज्यों से इसे प्राथमिकता से पूरा करने को कहा। उन्होंने कहा कि ‘सबको आवास’ केंद्र सरकार की प्रमुख योजना है, जिसे सफल बनाने के लिए निजी रियल एस्टेट क्षेत्र को भी प्रोत्साहित करना होगा। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2025-26 के लिए तैयार की गई कार्य दिशा पुस्तिका का विमोचन भी किया।
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केन्द्र से विजयवर्गीय ने की अधिक ज्यादा बजट की मांग की
प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि राज्य में नगरीय निकायों को आर्थिक और तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी के किनारे बसे शहरों में सीवरेज कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है और सरकार का संकल्प है कि नर्मदा में किसी भी स्थिति में गंदा पानी न मिले। उन्होंने बताया कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में संपत्तियों की जीआईएस मैपिंग की गई है, जिससे संपत्ति कर में लगभग 150 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। विजयवर्गीय ने अमृत योजना के अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए केंद्र से सहयोग की मांग की।
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ऑनलाइन सेवा पर आधारित वीडियो फिल्म दिखाई
कार्यक्रम के दौरान नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा नागरिकों को उपलब्ध कराई जा रही ऑनलाइन सेवाओं पर आधारित एक वीडियो फिल्म भी दिखाई गई। इसमें जल संरक्षण, अर्बन लॉकर, व्हीकल फ्यूल मॉनिटरिंग सिस्टम और विभिन्न सेवाओं के डिजिटलीकरण की जानकारी दी गई।
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प्रदेश में 9 सीएनजी प्लांट स्थापित होंगे
बैठक के विभिन्न सत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत अब तक 9 लाख 46 हजार स्वीकृत आवासों में से 8 लाख 79 हजार आवासों के निर्माण की जानकारी दी गई। पूर्ण आवासों के आधार पर मध्य प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत 60 हजार आवासों को स्वीकृति दी जा चुकी है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा, मेट्रो नेटवर्क, अमृत 3.0, स्वच्छ भारत मिशन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और बायो-सीएनजी प्लांट्स पर भी चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश में 9 सीएनजी प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव है, जबकि इंदौर का बायो-सीएनजी प्लांट पहले ही देशभर में मिसाल बन चुका है। बैठक में छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव, उत्तर प्रदेश के मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा, राजस्थान के मंत्री झाबर सिंह खर्रा सहित कई मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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2047 तक आधी आबादी हो जाएगी शहरों में
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक देश की शहरी आबादी कुल जनसंख्या के लगभग 50 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में शहरों में आवास, परिवहन, स्वच्छता, जल प्रबंधन और बुनियादी ढांचे से जुड़ी योजनाओं को दीर्घकालिक दृष्टि से लागू करना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि इसी उद्देश्य से शहरी कार्य मंत्रालय ने क्षेत्रीय स्तर पर राज्यों के साथ बैठकें करने का निर्णय लिया है, ताकि प्रत्येक राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों और चुनौतियों के अनुरूप समाधान निकाले जा सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार राज्यों के लिए एक सपोर्टिंग सिस्टम के रूप में कार्य करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर ठोस प्रयास राज्य सरकारों को ही करने होंगे। मनोहर लाल ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्यों में बजट का सही और पारदर्शी उपयोग होना चाहिए।
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योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर
बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), अमृत योजना, स्वच्छ भारत मिशन और शहरी परिवहन व्यवस्था जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकानों के आवंटन में हो रही देरी पर चिंता जताई और राज्यों से इसे प्राथमिकता से पूरा करने को कहा। उन्होंने कहा कि ‘सबको आवास’ केंद्र सरकार की प्रमुख योजना है, जिसे सफल बनाने के लिए निजी रियल एस्टेट क्षेत्र को भी प्रोत्साहित करना होगा। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2025-26 के लिए तैयार की गई कार्य दिशा पुस्तिका का विमोचन भी किया।
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केन्द्र से विजयवर्गीय ने की अधिक ज्यादा बजट की मांग की
प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि राज्य में नगरीय निकायों को आर्थिक और तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी के किनारे बसे शहरों में सीवरेज कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है और सरकार का संकल्प है कि नर्मदा में किसी भी स्थिति में गंदा पानी न मिले। उन्होंने बताया कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में संपत्तियों की जीआईएस मैपिंग की गई है, जिससे संपत्ति कर में लगभग 150 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। विजयवर्गीय ने अमृत योजना के अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए केंद्र से सहयोग की मांग की।
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प्रदेश में 9 सीएनजी प्लांट स्थापित होंगे
बैठक के विभिन्न सत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत अब तक 9 लाख 46 हजार स्वीकृत आवासों में से 8 लाख 79 हजार आवासों के निर्माण की जानकारी दी गई। पूर्ण आवासों के आधार पर मध्य प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत 60 हजार आवासों को स्वीकृति दी जा चुकी है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा, मेट्रो नेटवर्क, अमृत 3.0, स्वच्छ भारत मिशन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और बायो-सीएनजी प्लांट्स पर भी चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश में 9 सीएनजी प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव है, जबकि इंदौर का बायो-सीएनजी प्लांट पहले ही देशभर में मिसाल बन चुका है। बैठक में छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव, उत्तर प्रदेश के मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा, राजस्थान के मंत्री झाबर सिंह खर्रा सहित कई मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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