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MP News: RGPV की SSR रिपोर्ट में फर्जीवाड़े का आरोप, ABVP ने सौंपे प्रमाण, दोषियों पर एफआईआर कराने की मांग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Wed, 19 Nov 2025 05:32 PM IST
सार
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) की SSR रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए अभाविप ने बुधवार को गंभीर अनियमितताएं उजागर कीं। संगठन ने रिपोर्ट में दिए गए गलत आंकड़ों और फर्जी दावों के प्रमाण पेश कर दोषियों पर FIR और विश्वविद्यालय को तीन हिस्सों में बांटने की मांग उठाई है।
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एबीवीपी की प्रेसवार्ता
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) की हाल ही में अपलोड हुई SSR रिपोर्ट को गलत और भ्रामक बताते हुए बड़ा खुलासा किया है। अभाविप ने प्रेस वार्ता में PPT के माध्यम से रिपोर्ट में मौजूद अनेक विरोधाभासों, फर्जी दावों और अकादमिक अनियमितताओं के प्रमाण प्रस्तुत किए। संगठन ने कुलपति सहित जिम्मेदार अधिकारियों पर FIR दर्ज करने, विश्वविद्यालय में धारा 54 लागू करने, और RGPV को तीन भागों में विभाजित करने की मांग की है।
पारदर्शिता पर सवाल उठे
अभाविप का आरोप है कि NAAC से A++ ग्रेड दिलाने के लिए SSR में कई जानकारियां झूठी, बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गईं और कुछ महत्वपूर्ण तथ्य छिपाए गए। यह SSR NAAC टीम के आगमन से पहले सार्वजनिक होना था, लेकिन इसे देर से-17 नवंबर को अपलोड किया गया, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं।
अभाविप द्वारा बताए गए प्रमुख आरोप
- SSR में Vision–Mission वेबसाइट से अलग दर्शाया गया
- छात्र परिषद होने का दावा, जबकि RGPV में कोई सक्रिय परिषद नहीं
- खेल परिसर और अन्य सुविधाओं का फर्जी वर्णन
- 323 में से 300 कॉलेजों को NAAC मान्यता होने का झूठा दावा
- SSR में बताई गई उत्कृष्ट वाई-फाई सुविधा वास्तविकता में कमजोर
- गैर-शिक्षण स्टाफ और फैकल्टी की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर पेश
- क्लीन और ग्रीन कैंपस” के दावे गलत- नो-व्हीकल डे कभी लागू नहीं
- SSR में 620 करोड़ अनुदान का दावा, जबकि सरकारी अनुदान का कोई रिकॉर्ड नहीं
-छात्रावास सुविधाओं का वर्णन वास्तविकता से विपरीत
- भ्रष्टाचार में हटाए गए VC की SSR में प्रशंसा
- विश्वविद्यालय भूमि में 5.53 एकड़ का अंतर, भूमि घोटाले का संदेह
- BOS मीटिंग 5 साल में एक बार भी नहीं, फिर भी सक्रिय बताया गया
- NEP 2020 लागू होने का दावा गलत
- पेटेंट संख्या बढ़ाकर दिखाई गई
- SSR में सभी भवनों में लिफ्ट–रैंप दिखाए गए, जबकि सुविधाएं सीमित
- AQAR रिपोर्टों में वर्षों की देरी और भारी त्रुटियाँ
- फैकल्टी की पीएचडी संख्या और योग्यताओं में हेरफेर
- SSR में दर्शाई गई स्थायी फैकल्टी संख्या वास्तविक से ज्यादा
यह भी पढ़ें-मप्र के IAS अफसर अविनाश लवानिया को बड़ी जिम्मेदारी-केंद्रीय कृषि मंत्रालय में डायरेक्टर बनाया
मंत्री को सौंपी फर्जी SSR रिपोर्ट, कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन की चेतावनी
अभाविप के प्रदेश मंत्री केतन चतुर्वेदी ने कहा कि SSR रिपोर्ट का बड़ा हिस्सा झूठ और हेरफेर पर आधारित है, जो गंभीर अकादमिक भ्रष्टाचार की ओर संकेत करता है। अभाविप का प्रतिनिधि मंडल हाल ही में तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से मिला और पूरी रिपोर्ट उनके सामने रखी। अभाविप ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार शीघ्र कार्रवाई नहीं करती तो संगठन उग्र आंदोलन करेगा।
यह भी पढ़ें-मध्यप्रदेश में कड़ाके की ठंड, तोड़े पिछले रिकॉर्ड,आज प्रदेश के 21 जिलों में शीतलहर का अलर्ट
अभाविप की प्रमुख मांगें
- दोषियों पर तुरंत FIR दर्ज की जाए
- विश्वविद्यालय में धारा 54 लागू हो
- प्रशासनिक सुधार के लिए RGPV को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया जाए
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पारदर्शिता पर सवाल उठे
अभाविप का आरोप है कि NAAC से A++ ग्रेड दिलाने के लिए SSR में कई जानकारियां झूठी, बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गईं और कुछ महत्वपूर्ण तथ्य छिपाए गए। यह SSR NAAC टीम के आगमन से पहले सार्वजनिक होना था, लेकिन इसे देर से-17 नवंबर को अपलोड किया गया, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं।
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अभाविप द्वारा बताए गए प्रमुख आरोप
- SSR में Vision–Mission वेबसाइट से अलग दर्शाया गया
- छात्र परिषद होने का दावा, जबकि RGPV में कोई सक्रिय परिषद नहीं
- खेल परिसर और अन्य सुविधाओं का फर्जी वर्णन
- 323 में से 300 कॉलेजों को NAAC मान्यता होने का झूठा दावा
- SSR में बताई गई उत्कृष्ट वाई-फाई सुविधा वास्तविकता में कमजोर
- गैर-शिक्षण स्टाफ और फैकल्टी की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर पेश
- क्लीन और ग्रीन कैंपस” के दावे गलत- नो-व्हीकल डे कभी लागू नहीं
- SSR में 620 करोड़ अनुदान का दावा, जबकि सरकारी अनुदान का कोई रिकॉर्ड नहीं
-छात्रावास सुविधाओं का वर्णन वास्तविकता से विपरीत
- भ्रष्टाचार में हटाए गए VC की SSR में प्रशंसा
- विश्वविद्यालय भूमि में 5.53 एकड़ का अंतर, भूमि घोटाले का संदेह
- BOS मीटिंग 5 साल में एक बार भी नहीं, फिर भी सक्रिय बताया गया
- NEP 2020 लागू होने का दावा गलत
- पेटेंट संख्या बढ़ाकर दिखाई गई
- SSR में सभी भवनों में लिफ्ट–रैंप दिखाए गए, जबकि सुविधाएं सीमित
- AQAR रिपोर्टों में वर्षों की देरी और भारी त्रुटियाँ
- फैकल्टी की पीएचडी संख्या और योग्यताओं में हेरफेर
- SSR में दर्शाई गई स्थायी फैकल्टी संख्या वास्तविक से ज्यादा
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मंत्री को सौंपी फर्जी SSR रिपोर्ट, कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन की चेतावनी
अभाविप के प्रदेश मंत्री केतन चतुर्वेदी ने कहा कि SSR रिपोर्ट का बड़ा हिस्सा झूठ और हेरफेर पर आधारित है, जो गंभीर अकादमिक भ्रष्टाचार की ओर संकेत करता है। अभाविप का प्रतिनिधि मंडल हाल ही में तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से मिला और पूरी रिपोर्ट उनके सामने रखी। अभाविप ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार शीघ्र कार्रवाई नहीं करती तो संगठन उग्र आंदोलन करेगा।
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अभाविप की प्रमुख मांगें
- दोषियों पर तुरंत FIR दर्ज की जाए
- विश्वविद्यालय में धारा 54 लागू हो
- प्रशासनिक सुधार के लिए RGPV को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया जाए