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MP News: संतोष वर्मा के बाद आईएएस मीनाक्षी सिंह का वीडियो वायरल, जातिवाद को लेकर दे दिया बड़ा बयान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Fri, 19 Dec 2025 03:59 PM IST
सार
मध्य प्रदेश में एक बार फिर आईएएस अधिकारी के बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। अजाक्स से जुड़ी आईएएस मीनाक्षी सिंह के एक बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इसे लेकर सियासी और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
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आईएएस मीनाक्षी सिंह
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश में आईएएस अधिकारियों से जुड़े विवादों की कड़ी अभी थमी भी नहीं थी कि एक नया मामला सामने आ गया है। आईएएस अधिकारी मीनाक्षी सिंह के एक बयान ने सियासी और सामाजिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है। उनके बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिस पर सवर्ण समाज की ओर से नाराजगी भी जताई जा रही है।
‘बच्चों को अपनी जातिगत पहचान बताना जरूरी’
भोपाल के अंबेडकर पार्क में पिछले दिनों आयोजित अजाक्स (AJAKS) के सम्मेलन को संबोधित करते हुए मीनाक्षी सिंह ने कहा कि संगठन को केवल मंच तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए, बल्कि इसे समाज और परिवार तक ले जाना होगा। उन्होंने कहा कि समाज को जोड़ने की शुरुआत घर से होती है और इसके लिए बच्चों को यह बताया जाना चाहिए कि वे किस समुदाय से आते हैं। उन्होंने मंच से यह भी कहा कि बच्चों को यह जानकारी होनी चाहिए कि वे आदिवासी या एससी समुदाय से जुड़े हैं और अपनी जातिगत पहचान को समझना जरूरी है।
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‘जातिगत पहचान आज के समय की जरूरत’
आईएएस मीनाक्षी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान समय में जातिगत पहचान को लेकर सजग रहना आवश्यक है। उन्होंने आरोप लगाया कि समाज में आज भी उपनाम देखकर भेदभाव किया जाता है। ऐसे में अपने समाज के लोगों को पहचानना और एक-दूसरे का सहयोग करना जरूरी हो गया है। उनका कहना था कि समाज के भीतर एकजुटता तभी आएगी, जब लोग खुलकर अपनी पहचान स्वीकार करेंगे और एक-दूसरे के साथ खड़े होंगे।
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‘लोग मिलने से हिचकिचाते हैं’
अपने संबोधन में उन्होंने यह भी कहा कि कई बार आदिवासी समाज के लोग वरिष्ठ पदों पर बैठे अधिकारियों से मिलने में झिझकते हैं। उन्हें लगता है कि बड़े पद पर बैठे अधिकारियों से कैसे संपर्क किया जाए। मीनाक्षी सिंह ने लोगों से अपील की कि भोपाल आने पर वे उनसे बिना किसी संकोच के मुलाकात करें, चाहे कोई समस्या हो या न हो। संवाद से ही समाज के लिए बेहतर काम किया जा सकता है।
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आदिम जनजाति विभाग में है उप सचिव
बता दें आईएएस मीनाक्षी सिंह 2013 बैच की अधिकारी हैं और वर्तमान में आदिम जनजाति विभाग में उपसचिव के पद पर कार्यरत हैं। वे पदोन्नति के माध्यम से आईएएस बनी हैं और अजाक्स संगठन से भी जुड़ी हुई हैं। इस मामले में उनसे संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।
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‘बच्चों को अपनी जातिगत पहचान बताना जरूरी’
भोपाल के अंबेडकर पार्क में पिछले दिनों आयोजित अजाक्स (AJAKS) के सम्मेलन को संबोधित करते हुए मीनाक्षी सिंह ने कहा कि संगठन को केवल मंच तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए, बल्कि इसे समाज और परिवार तक ले जाना होगा। उन्होंने कहा कि समाज को जोड़ने की शुरुआत घर से होती है और इसके लिए बच्चों को यह बताया जाना चाहिए कि वे किस समुदाय से आते हैं। उन्होंने मंच से यह भी कहा कि बच्चों को यह जानकारी होनी चाहिए कि वे आदिवासी या एससी समुदाय से जुड़े हैं और अपनी जातिगत पहचान को समझना जरूरी है।
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‘जातिगत पहचान आज के समय की जरूरत’
आईएएस मीनाक्षी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान समय में जातिगत पहचान को लेकर सजग रहना आवश्यक है। उन्होंने आरोप लगाया कि समाज में आज भी उपनाम देखकर भेदभाव किया जाता है। ऐसे में अपने समाज के लोगों को पहचानना और एक-दूसरे का सहयोग करना जरूरी हो गया है। उनका कहना था कि समाज के भीतर एकजुटता तभी आएगी, जब लोग खुलकर अपनी पहचान स्वीकार करेंगे और एक-दूसरे के साथ खड़े होंगे।
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‘लोग मिलने से हिचकिचाते हैं’
अपने संबोधन में उन्होंने यह भी कहा कि कई बार आदिवासी समाज के लोग वरिष्ठ पदों पर बैठे अधिकारियों से मिलने में झिझकते हैं। उन्हें लगता है कि बड़े पद पर बैठे अधिकारियों से कैसे संपर्क किया जाए। मीनाक्षी सिंह ने लोगों से अपील की कि भोपाल आने पर वे उनसे बिना किसी संकोच के मुलाकात करें, चाहे कोई समस्या हो या न हो। संवाद से ही समाज के लिए बेहतर काम किया जा सकता है।
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आदिम जनजाति विभाग में है उप सचिव
बता दें आईएएस मीनाक्षी सिंह 2013 बैच की अधिकारी हैं और वर्तमान में आदिम जनजाति विभाग में उपसचिव के पद पर कार्यरत हैं। वे पदोन्नति के माध्यम से आईएएस बनी हैं और अजाक्स संगठन से भी जुड़ी हुई हैं। इस मामले में उनसे संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।

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