{"_id":"6801a45313d0131172066ccb","slug":"mp-two-day-national-workshop-on-forest-conservation-and-climate-resilient-livelihood-cm-and-union-minister-2025-04-18","type":"story","status":"publish","title_hn":"MP: 'वन संरक्षण और जलवायु-समर्थ आजीविका' पर दो दिनी राष्ट्रीय कार्यशाला, CM और केंद्रीय मंत्री करेंगे शुभारंभ","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
MP: 'वन संरक्षण और जलवायु-समर्थ आजीविका' पर दो दिनी राष्ट्रीय कार्यशाला, CM और केंद्रीय मंत्री करेंगे शुभारंभ
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Fri, 18 Apr 2025 06:32 AM IST
विज्ञापन
सार
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में वन पुनर्स्थापन, जलवायु परिवर्तन, और सामुदायिक-आधारित आजीविका जैसे विषयों पर संवाद स्थापित करना है। इस कार्यशाला में विकसित भारत @2047 के लक्ष्य में वनों की भूमिका पर मंथन होगा। कार्यशाला में वनीकरण और जनजातीय भागीदारी पर डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का भी प्रदर्शन होगा।

सीएम डॉ. मोहन यादव।
- फोटो : ANI
विज्ञापन
विस्तार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय वन-पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव मध्य प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में वन पुनर्स्थापन, जलवायु परिवर्तन और समुदाय-आधारित आजीविका जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर शुक्रवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ करेंगे। नरोन्हा प्रशासन अकादमी, भोपाल में आयोजित होने वाली कार्यशाला में विकसित भारत @2047 के लक्ष्यों में वनों की भूमिका पर मंथन होगा।
ये भी पढ़ें- प्रदेश के सभी संभागों में होंगे किसान मेले, तीन मई को मंदसौर मेले से होगी शुरुआत
राष्ट्रीय कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में वन संरक्षण की वर्तमान कानूनी व्यवस्थाएं, उनकी सीमाएं और समाधान, जैव विविधता संशोधन अधिनियम-2023, सामुदायिक वन अधिकार, पारंपरिक ज्ञान का दस्तावेजीकरण और वन पुनर्स्थापन जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होगी। बैंगलुरू से आ रहे प्रो. रमेश विशेषज्ञ वक्तव्य भी देंगे। कार्यशाला में डॉ. योगेश गोखले, डॉ. राजेन्द्र दहातोंडे आदि वक्ता विभिन्न सत्रों को संबोधित करेंगे।
ये भी पढ़ें- वित्तीय अनियमितताओं के आरोप के बाद हाउसिंग बोर्ड की वरिष्ठ लेखा अधिकारी अल्पना ओझा को हटाया
राज्यपाल मंगुभाई पटेल राष्ट्रीय कार्य शाला के समापन-सत्र में मुख्य अतिथि होंगे। पूर्व राष्ट्रीय जनजातीय आयोग अध्यक्ष हर्ष चौहान समापन वक्तव्य देंगे। कार्यशाला में वनीकरण, जलवायु संवेदनशीलता और वनवासी समुदायों की समावेशी भागीदारी पर केंद्रित डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का भी प्रदर्शन किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत @2047 के दृष्टिकोण में वनों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह कार्यशाला वनों, जैव विविधता, प्राकृतिक संसाधनों और जनजातीय आजीविका को केंद्र में रखते हुए एक सतत और न्यायसंगत विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

Trending Videos
ये भी पढ़ें- प्रदेश के सभी संभागों में होंगे किसान मेले, तीन मई को मंदसौर मेले से होगी शुरुआत
विज्ञापन
विज्ञापन
राष्ट्रीय कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में वन संरक्षण की वर्तमान कानूनी व्यवस्थाएं, उनकी सीमाएं और समाधान, जैव विविधता संशोधन अधिनियम-2023, सामुदायिक वन अधिकार, पारंपरिक ज्ञान का दस्तावेजीकरण और वन पुनर्स्थापन जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होगी। बैंगलुरू से आ रहे प्रो. रमेश विशेषज्ञ वक्तव्य भी देंगे। कार्यशाला में डॉ. योगेश गोखले, डॉ. राजेन्द्र दहातोंडे आदि वक्ता विभिन्न सत्रों को संबोधित करेंगे।
ये भी पढ़ें- वित्तीय अनियमितताओं के आरोप के बाद हाउसिंग बोर्ड की वरिष्ठ लेखा अधिकारी अल्पना ओझा को हटाया
राज्यपाल मंगुभाई पटेल राष्ट्रीय कार्य शाला के समापन-सत्र में मुख्य अतिथि होंगे। पूर्व राष्ट्रीय जनजातीय आयोग अध्यक्ष हर्ष चौहान समापन वक्तव्य देंगे। कार्यशाला में वनीकरण, जलवायु संवेदनशीलता और वनवासी समुदायों की समावेशी भागीदारी पर केंद्रित डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का भी प्रदर्शन किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत @2047 के दृष्टिकोण में वनों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह कार्यशाला वनों, जैव विविधता, प्राकृतिक संसाधनों और जनजातीय आजीविका को केंद्र में रखते हुए एक सतत और न्यायसंगत विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।