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MP news: गोल्डन बैनयन अवॉर्ड से सम्मानित हुआ एमपी, केंद्रीय मंत्री शेखावत ने सौंपा पुरस्कार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Sun, 14 Sep 2025 10:40 PM IST
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सार
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत मध्य प्रदेश को ‘गोल्डन बैनयन अवॉर्ड’ प्रदान किया है। यह अवॉर्ड प्रदेश को ‘हेरिटेज टूरिज्म – बेस्ट स्टेट’ श्रेणी में मिला है।

मध्य प्रदेश को ‘गोल्डन बैनयन अवॉर्ड’
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान मजबूत की है। 13 सितंबर को दिल्ली में आयोजित हेरिटेज वीक अवॉर्ड्स 2025 में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड (एमपीटीबी) को ‘हेरिटेज टूरिज्म – बेस्ट स्टेट’ श्रेणी में प्रतिष्ठित गोल्डन बैनयन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यह अवॉर्ड प्रदान किया। यह सम्मान मध्य प्रदेश की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसके तहत राज्य ने अपनी सांस्कृतिक धरोहरों और स्थापत्य विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन में उल्लेखनीय कार्य किया है। पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि खजुराहो के भव्य मंदिर, ग्वालियर का ऐतिहासिक किला और महेश्वर के घाट प्रदेश की कालातीत धरोहर के प्रतीक हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में धरोहर संरक्षण को जनभागीदारी और पर्यटन आधारित विकास से जोड़ा जा रहा है।
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अपर मुख्य सचिव पर्यटन और एमपीटीबी के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि यह अवॉर्ड प्रदेश की उस सोच का प्रमाण है, जिसके तहत धरोहर को सुरक्षित रखते हुए स्थानीय लोगों को पर्यटन से सीधा लाभ दिलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विरासत से विकास तक” मंत्र को साकार करते हुए मध्य प्रदेश आज न केवल अपनी धरोहरों को संरक्षित कर रहा है, बल्कि उन्हें आधुनिक पर्यटन सुविधाओं और डिजिटल तकनीकों से जोड़ भी रहा है। प्रदेश की पहचान खजुराहो, भीमबेटका और सांची जैसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के साथ वैश्विक स्तर पर स्थापित है। इसके अलावा ओरछा, मांडू और चंदेरी जैसे नगरों का संरक्षण भी इस दिशा में मजबूत कदम है। ग्वालियर को हाल ही में यूनेस्को द्वारा “संगीत नगरी” की पहचान दी गई है।
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अपर मुख्य सचिव पर्यटन और एमपीटीबी के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि यह अवॉर्ड प्रदेश की उस सोच का प्रमाण है, जिसके तहत धरोहर को सुरक्षित रखते हुए स्थानीय लोगों को पर्यटन से सीधा लाभ दिलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विरासत से विकास तक” मंत्र को साकार करते हुए मध्य प्रदेश आज न केवल अपनी धरोहरों को संरक्षित कर रहा है, बल्कि उन्हें आधुनिक पर्यटन सुविधाओं और डिजिटल तकनीकों से जोड़ भी रहा है। प्रदेश की पहचान खजुराहो, भीमबेटका और सांची जैसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के साथ वैश्विक स्तर पर स्थापित है। इसके अलावा ओरछा, मांडू और चंदेरी जैसे नगरों का संरक्षण भी इस दिशा में मजबूत कदम है। ग्वालियर को हाल ही में यूनेस्को द्वारा “संगीत नगरी” की पहचान दी गई है।
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