MP Weather: सीजन में सबसे ज्यादा तपा भोपाल, आठ शहरों का तापमान 45 डिग्री के पार, गुना प्रदेश का सबसे गर्म शहर
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल इस सीजन में सबसे गर्म रही। यहां का तापमान पहली बार 44.4 पहुंच गया। वही, मध्यप्रदेश में सबसे गर्म गुना रहा। यहां का तापमान 46.6 डिग्री दर्ज किया किया।
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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में इस सीजन का सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया। गुरुवार को यहां का तापमान 44.4 रहा। वहीं, मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा गुना रहा। जहां रिकॉर्ड 46.6 डिग्री पारा दर्ज किया गया। जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश के आठ शहरों का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या उसके पार रहा।
इधर, इंदौर ने आठ साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। यहां दिन का तापमान 44.5 डिग्री पहुंच गया। मौसम विभाग के अनुसार, साल 2016 में 19 मई के दिन इतना ही तापमान रिकॉर्ड किया गया था। मालवा-निमाड़ और ग्वालियर-चंबल इस समय भट्टी की तरह तप रहे हैं।
प्रदेश के 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर वाले आठ शहर
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गुना- 46.6 डिग्री
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राजगढ़- 46.3 डिग्री
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नीमच- 46.1 डिग्री
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रतलाम- 45.8 डिग्री
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शाजापुर- 45.3 डिग्री
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खंडवा- 45.1 डिग्री
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उज्जैन- 45 डिग्री
मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों का टेम्प्रेचर
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उज्जैन- 45 डिग्री
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भोपाल- 44.4 डिग्री
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इंदौर- 44.5 डिग्री
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ग्वालियर- 42.4 डिग्री
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जबलपुर- 41.5 डिग्री
नर्मदापुरम, सीधी, उमरिया, बैतूल, मंडला, छिंदवाड़ा, खजुराहो, नौगांव, रायसेन, दतिया, नरसिंहपुर, सागर, शिवपुरी, टीकमगढ़, दमोह, धार और खरगोन में भी गर्मी रही। प्रदेश के इन जिलों में 40 डिग्री से 44.6 तक तापमान दर्ज किया गया।
नौतपा में तेज गर्मी का अलर्ट
25 मई से नौतपा प्रारंभ होने वाला है। इस दौरान मध्यप्रदेश में भीषण गर्मी पड़ने के अनुमान हैं। इस दौरान लोगों को विशेष सावधानी बरतने के निर्देश मौसम विभाग द्वारा जारी किया गया है। मौसम विभाग भोपाल के सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया, 24-25 मई से पूरे प्रदेश में तेज गर्मी रहेगी। भीषण लू का अलर्ट भी जारी किया है।
राजस्थान के ऊपर चक्रवाती हवाओं का घेरा
मध्यप्रदेश में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है, इतनी गर्मी का क्या कारण है। इसकी जानकारी देते हुए सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. सिंह ने बताया कि राजस्थान के ऊपर चक्रवाती हवाओं का घेरा है। ट्रफ लाइन भी गुजर रही है। इसके चलते बंगाल और अरब सागर की खाड़ी से आ रही नमी बादल के रूप में सक्रिय है। साथ में दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के हिस्से में निम्न दाब क्षेत्र है। इस वजह से भी गर्मी का असर बढ़ा हुआ है।

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