Year Ender 2025: संगठन में नई जान पर बयानों से पार्टी हलकान! 2025 की विदाई से पहले दिग्गी और जोशी ने फोड़ा बम
Year Ender 2025: वर्ष 2025 में मध्य प्रदेश की राजनीति बयानबाजी, आंतरिक कलह और निजी विवादों से चर्चा में रही। दिग्विजय सिंह के बयान, दीपक जोशी का निजी विवाद, विजय शाह और लोधी के बयानों से भाजपा असहज हुई, जबकि संगठनात्मक बदलाव और पहल भी सुर्खियों में रहीं।
विस्तार
वर्ष 2025 खत्म होने वाला है, मध्य प्रदेश में इस वर्ष कई चर्चित सियासी किस्से रहे हैं। पार्टियों के अंदर अदरूनी खींचतान से लेकर निजी जिंदगी की खबरें भी सुर्खियां बनी रहीं। साल के अंतिम माह में आरएसएस और भाजपा की तारीफ कर दिग्विजय सिंह ने पार्टी को बड़ा मैसेज दे दिया है। वहीं, पूर्व मंत्री दीपक जोशी अपनी निजी जिंदगी को लेकर सुर्खियों में हैं। वहीं, पूरे साल राष्ट्रीय स्तर पर मध्य प्रदेश से सबका ध्यान अनुसूचित जनजाति मंत्री विजय शाह ने खींचा। साथ ही साथ इस साल संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल के लिए भाजपा ने नई पहल भी की। अब सरकार के सभी मंत्री प्रतिदिन सोमवार से शुक्रवार दोपहर 1 से 3 बजे तक प्रदेश कार्यालय में मौजूद रहेंगे। आइए अब आपको मध्य प्रदेश के सियासी घटनाओं को सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं।
साल के अंत में दिग्विजय सिंह ने फोड़ा बम
बिहार चुनाव में हार को लेकर कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी की दिल्ली में बैठक चल रही थी। बैठक में पूर्व सीएम और सांसद दिग्विजय सिंह भी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने एक्स पर तस्वीर पोस्ट कर दी। तस्वीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संघर्ष के दिनों की है। उस तस्वीर में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवानी के पैरों के पास बैठे हैं। दिग्विजय सिंह ने इस तस्वीर को शेयर कर लिखा कि भाजपा और आरएसएस में पैर के पास बैठा व्यक्ति सीएम और पीएम बन जाता है। यह संगठन की शक्ति होती है। इस पोस्ट के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं। विवाद बढ़ा तो दिग्विजय सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि मैं मोदी और आरएसएस का घोर विरोधी हूं। हमने संगठन की तारीफ की है और मुझे जो बाते कहनी थीं वह सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में कह चुका हूं।
मध्य प्रदेश की सियासत में सियासी घटनाक्रम की तो चर्चाएं है हीं। वहीं, दिसंबर महीने में पूर्व सीएम के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी की भी चर्चा जोरों पर हैं। 63 साल की उम्र में दीपक जोशी फिर से दूल्हा बनें हैं। आरोप है कि उनकी यह चौथी शादी है। इस बार उन्होंने कांग्रेस नेत्री पल्लवी राज सक्सेना से शादी रचाई है। शादी की तस्वीरें सामने आते ही दो महिलाएं आकर और दावा करने लगीं कि हम भी दीपक जोशी की पत्नी हैं और शादी की तस्वीरें दिखा रही हैं। इन विवादों के बीच पल्लवी राज सामने आकर सफाई देती रहीं, लेकिन दीपक जोशी चुप रहे। पूरे विवाद पर दीपक जोशी ने 27 दिसंबर को चुप्पी तोड़ी और सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया और अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर सफाई दी। कहा कि विवाह के संस्कार हैं और नितांत ही निजी विषय हैं। लेकिन सार्वजनिक जीवन में रहने वाले लोगों के लिए जनता के प्रति भी जवाबदारी होती है। इसके बाद अटल जी की कविता को याद करते हुए कहा कि आदमी अगर जीवन में चरित्र खोया तो सब कुछ खोया। मैंने गलतियां की होंगी, लेकिन किसी से कोई बेईमानी, छल और कपट नहीं किया। कुछ महिलाओं ने मेरे निजी जीवन को सार्वजनिक किया है, लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहता हूं। कानून के हिसाब से कार्रवाई संपादित हो रही है। वहीं, इन विवादों के बीच जोशी से भाजपा और कांग्रेस दोनों ने कन्नी काट ली।
भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर 2025 में एक बार फिर सबको चौंका दिया। प्रदेश अध्यक्ष की रेस में कई दिग्गजों के नाम चल रहे थे, लेकिन बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल का नाम पार्टी ने जुलाई में आगे बढ़ा दिया। खंडेलवाल को अपनी सादगी, जमीनी काम और आरएसएस के साथ-साथ संगठन के वरिष्ठ नेताओं की पसंद होने का फायदा मिला। वहीं, इसे संगठन में नए संतुलन और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने वाला निर्णय पार्टी की तरफ से बताया गया है। खंडेलवाल को मजबूत संगठनकर्ता माना जाता है और जमीनी स्तर पर उनकी पकड़ बताई जाती है। पार्टी इस बदलाव के जरिए आगामी चुनावों से पहले संगठन को और मजबूत करने की तैयारी में जुट गई है।
एमपी कांग्रेस में सिर फुटव्वल, इस्तीफा और नियुक्तियों पर विवाद
मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन में 2025 में राजनीतिक खटपट और आंतरिक विवाद का दौर चला। जिला अध्यक्षों की सूची जारी होने के बाद पार्टी के कई जिलों में असंतोष और विरोध की लहर उठी थी। कुछ स्थानों पर नेताओं ने इस निर्णय पर विरोध करते हुए इस्तीफे भी दिया था, जिससे पार्टी के अंदर फूट साफ नजर आई थी। इस बीच साल के जाते-जाते मीडिया विभाग के अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता मुकेश नायक ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे विवाद और बढ़ गया। उन्होंने अपने त्यागपत्र में कहा कि उन्होंने दो साल ईमानदारी से कार्य किया है और अब नये लोगों को मौका देना चाहिए। हालांकि बाद में कांग्रेस नेतृत्व ने मुकेश नायक का इस्तीफा अस्वीकार कर दिया और उन्हें मीडिया विभाग का अध्यक्ष बनाए रखने का निर्णय किया। भाजपा ने पार्टी के अंदर जारी घटनाक्रम को कांग्रेस में सिर फुटव्वल और गुटबाजी का प्रमाण बताते हुए निशाना साधा।
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मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह का बयान उस समय बड़े विवाद में बदल गया, जब ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उन्होंने सेना में कार्यरत कर्नल सोफिया को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। यह बयान सामने आते ही सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। विपक्ष ने इसे न केवल एक महिला अधिकारी का अपमान बताया, बल्कि भारतीय सेना की गरिमा से भी जोड़कर सवाल खड़े किए। मंत्री शाह ने मई माह में इंदौर के पास महू में एक कार्यक्रम में कहा कि जिन्होंने बहनों का सिंदूर उजाड़ा, उनकी ही बहन को भेजकर ऐसी तैसी कराई। इस मामले ने तूल पकड़ा तो भाजपा को भी सफाई देनी पड़ी। देशभर में पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा और यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया। विवाद इतना बढ़ा कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया, जहां बयान की संवेदनशीलता ओर सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति की जिम्मेदारी को लेकर गंभीर टिप्पणियां की गईं। मामले में मंत्री शाह ने माफी भी मांगी, लेकिन तब तक राजनीतिक नुकसान हो चुका था।
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश से सत्तारूढ़ दल के कई वरिष्ठ नेता चुनाव प्रचार के लिए बिहार गए हुए थे। इसी बीच मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री लोधी के एक बयान ने पार्टी को असहज स्थिति में डाल दिया। उन्होंने बिहार में शराबबंदी को लेकर कहा कि बिहार में शराब माफिया सक्रिय हैं, वहां एक कॉल पर शराब घर पहुंचती है। इस पर कांग्रेस तुरंत हमलावर हो गई। उन्होंने कहा कि गुजरात में भी यही हाल है। ऐसे समय में मध्य प्रदेश के मंत्री का बयान सामने आने से विपक्ष को हमला बोलने का मौका मिल गया। हालांकि बाद में मंत्री लोधी की ओर से सफाई भी दी गई, लेकिन चुनावी माहौल में दिया गया बयान पार्टी के लिए परेशानी का कारण बना।
सागर जिले में भाजपा के दो बड़े नेता गोविंद सिंह राजपूत और भूपेंद्र सिंह के बीच लंबे समय से चली आ रही अंदरूनी कलह को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने मिलकर खत्म करने का प्रयास किया। सागर में खंडेलवाल के दौरे के दौरान दोनों नेताओं को साथ बैठाकर बातचीत कराने की रणनीति अपनाई गई, जिससे राजनीतिक मतभेद कम दिखे और दोनों नेता साथ नजर आए। प्रदेश अध्यक्ष की पहल के तहत गोविंद राजपूत और भूपेंद्र सिंह ने एक साथ डिनर और चाय पर बातचीत की, जो संगठन के अंदर एक सकारात्मक संकेत माना गया।
बागरी की फैमिली पर घिरी भाजपा
राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के परिवार को लेकर भाजपा मुश्किल स्थिति में आ गई। दरअसल सतना जिले में पुलिस ने उनके भाई अनिल बागरी को करीब 46 किलो गांजा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया है। इसके पहले उनके बहनोई को भी गांजा तस्करी के मामले में पकड़ा गया। इस मामले में मंत्री के साथ ही पार्टी भी विपक्ष के निशाने पर आ गई। कांग्रेस ने मंत्री के परिवार के नशे के कारोबार से जुड़े होने पर भाजपा से जवाब मांगा। पार्टी ने मंत्री को तलब कर उनसे जवाब मांगा। हालांकि इस मामले के सामने आने के बाद कहा गया कि इससे पार्टी की छवि पर भी असर पड़ा।

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