{"_id":"687cadee148ae6a9040bc918","slug":"naogaon-police-brutality-tribals-suspension-digvijaya-reaction-2025-07-20","type":"story","status":"publish","title_hn":"MP News: नौगांव थाने में आदिवासियों पर पुलिस की बर्बरता, तीन कर्मी सस्पेंड, दिग्विजय सिंह का तीखा हमला","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
MP News: नौगांव थाने में आदिवासियों पर पुलिस की बर्बरता, तीन कर्मी सस्पेंड, दिग्विजय सिंह का तीखा हमला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला,छतरपुर
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Sun, 20 Jul 2025 02:21 PM IST
विज्ञापन
सार
छतरपुर जिले के नौगांव थाने की पुलिस पर आदिवासी युवकों के साथ बर्बरता का आरोप लगा है। चोरी के संदेह में पुलिस ने चार युवकों को हिरासत में लेकर थाने में कथित रूप से अमानवीय यातनाएं दीं।

प्रदर्शन करते लोग
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
छतरपुर जिले के नौगांव थाना पुलिस पर आदिवासी युवकों के साथ बर्बरता का गंभीर आरोप सामने आया है। आदिवासी समुदाय के चार युवक चोरी के संदेह में हिरासत में लिए गए, जहां उनके साथ थाने के भीतर बेरहमी से मारपीट की गई। पीड़ितों का आरोप है कि उन्हें उल्टा लटकाया गया, निर्वस्त्र कर गुप्तांगों में मिर्च डाली गई और उनकी चमड़ी तक उधेड़ दी गई।
घटना के विरोध में पीड़ित युवक और उनके परिजन शनिवार रात छतरपुर जिला मुख्यालय स्थित एसपी कार्यालय पहुंचे और वहां धरने पर बैठ गए। पीड़ितों की स्थिति गंभीर थी, उनके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान साफ देखे जा सकते थे। कई युवक अर्धनग्न अवस्था में थे, जो पुलिस ज्यादती की भयावह तस्वीर पेश कर रहे थे।
धरने के दौरान, पूर्व विधायक नीरज दीक्षित और भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष नीरज चतुर्वेदी भी पीड़ितों के समर्थन में एसपी ऑफिस पहुंचे और पुलिस के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। धरना देर रात एक बजे तक चला, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई का आश्वासन देते हुए सभी पीड़ितों को बस की व्यवस्था कर गांव वापस भेजा। इस मामले में रविवार को छतरपुर एसपी अगम जैन ने कार्रवाई करते हुए नौगांव थाने के तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। निलंबित पुलिसकर्मी हैं:
ये भी पढ़ें; कांग्रेस की चुनावी तैयारियों का आगाज, मांडू में जुटे सभी विधायक, राहुल गांधी वर्चुअली होंगे शामिल
घटना में प्रमुख आरोपी माने जा रहे थाना प्रभारी (टीआई) पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे आदिवासी समाज और जनप्रतिनिधियों में नाराजगी बनी हुई है। इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी इस घटना को लेकर ट्वीट कर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं।
उन्होंने लिखा, "एमपी पुलिस की एसटी-एससी पर की जा रही बर्बरता का एक और उदाहरण। थाना प्रभारी नौगांव के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।" मेडिकल जांच रिपोर्ट में गुप्तांगों में मिर्च डालने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन चोटों के निशान और पीड़ितों की स्थिति को देखकर पुलिस बर्बरता से इनकार नहीं किया जा सकता।

Trending Videos
घटना के विरोध में पीड़ित युवक और उनके परिजन शनिवार रात छतरपुर जिला मुख्यालय स्थित एसपी कार्यालय पहुंचे और वहां धरने पर बैठ गए। पीड़ितों की स्थिति गंभीर थी, उनके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान साफ देखे जा सकते थे। कई युवक अर्धनग्न अवस्था में थे, जो पुलिस ज्यादती की भयावह तस्वीर पेश कर रहे थे।
विज्ञापन
विज्ञापन
धरने के दौरान, पूर्व विधायक नीरज दीक्षित और भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष नीरज चतुर्वेदी भी पीड़ितों के समर्थन में एसपी ऑफिस पहुंचे और पुलिस के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। धरना देर रात एक बजे तक चला, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई का आश्वासन देते हुए सभी पीड़ितों को बस की व्यवस्था कर गांव वापस भेजा। इस मामले में रविवार को छतरपुर एसपी अगम जैन ने कार्रवाई करते हुए नौगांव थाने के तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। निलंबित पुलिसकर्मी हैं:
- एएसआई शिवदयाल
- प्रधान आरक्षक अरविंद शर्मा
- आरक्षक राम जाट
ये भी पढ़ें; कांग्रेस की चुनावी तैयारियों का आगाज, मांडू में जुटे सभी विधायक, राहुल गांधी वर्चुअली होंगे शामिल
घटना में प्रमुख आरोपी माने जा रहे थाना प्रभारी (टीआई) पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे आदिवासी समाज और जनप्रतिनिधियों में नाराजगी बनी हुई है। इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी इस घटना को लेकर ट्वीट कर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं।
एमपी पुलिस की ST SC पर की जा रही बर्बरता का एक और उदाहरण। थाना प्रभारी नौगांव के विरुद्ध सख्त कार्यवाही होना चाहिए। @CMMadhyaPradesh @DGP_MP @INCMP https://t.co/6ytwd2QAwW
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) July 19, 2025
उन्होंने लिखा, "एमपी पुलिस की एसटी-एससी पर की जा रही बर्बरता का एक और उदाहरण। थाना प्रभारी नौगांव के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।" मेडिकल जांच रिपोर्ट में गुप्तांगों में मिर्च डालने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन चोटों के निशान और पीड़ितों की स्थिति को देखकर पुलिस बर्बरता से इनकार नहीं किया जा सकता।