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MP News: डाबर समेत 3 कंपनियों की 6 आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध, छिंदवाड़ा और दतिया में सैंपल फेल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, छिंदवाड़ा
Published by: छिंदवाड़ा ब्यूरो
Updated Wed, 19 Nov 2025 10:01 AM IST
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6 आयुर्वेदिक दवाओं पर लगा प्रतिबंध
- फोटो : सोशल मीडिया
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प्रदेश में बड़ी कार्रवाई करते हुए आयुष विभाग ने डाबर इंडिया लिमिटेड सहित तीन प्रमुख कंपनियों की 6 आयुर्वेदिक औषधियों को अवमानक पाए जाने पर प्रतिबंधित कर दिया है। ग्वालियर लैब से मिली जांच रिपोर्ट में ये दवाएं औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम 1940 और नियम 1945 के निर्धारित मानकों पर खरी नहीं उतरीं। इसके बाद आयुष कमिश्नर ने पूरे मध्यप्रदेश में इनके क्रय-विक्रय पर तत्काल रोक लगा दी है।
इन कंपनियों की दवाएं पाई गईं अवमानक
शर्मायु जेन्यून आयुर्वेद, श्री शर्मा आयुर्वेद मंदिर, दतिया
गिलोय सत्व – बैच नं. 005P-1
कामदुधा रस – बैच नं. 25117002P-1
Unit-II Shree Dhanwantri Herbals, गुरूमाजरा, सोलन (HP)
प्रवाल पिष्टी – बैच नं. PPMB-077
मुक्ता शुक्ति – बैच नं. MSBBD-059
ये भी पढ़ें: Indore News: विजयवर्गीय और मेंदोला के गढ़ में 100 फीट सड़क के लिए उजड़ेंगे आशियाने, जनता कर रही विरोध
डाबर इंडिया लिमिटेड, Site-4, साहिबाबाद (U.P.)
कफ कुठार – बैच नं. SB00066
लक्ष्मी विलास रस (नारदीय) – बैच नं. SB00665
आदेश के अनुसार इन सभी बैचों की औषधियां अब प्रदेश में कहीं भी न बेची जाएंगी, न स्टोर की जाएंगी और न ही वितरित की जाएंगी।
छिंदवाड़ा और दतिया से भेजे गए थे सैंपल
जिला आयुष अधिकारी डॉ. नरेन्द्र पटेल ने बताया कि छिंदवाड़ा और दतिया से इन दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए ग्वालियर लैब भेजे गए थे। जांच में मानक गुणवत्ता पर खरा नहीं उतरने के बाद आयुष कमिश्नर ने राज्यभर में इन बैचों को प्रतिबंधित कर दिया है।
विक्रेताओं को चेतावनी
आयुष विभाग ने सभी आयुर्वेदिक औषधि विक्रेताओं को निर्देश जारी किए हैं कि प्रतिबंधित बैच का स्टॉक तुरंत हटाएं और कंपनी को वापस करें। किसी भी स्तर पर बिक्री या उपयोग पाए जाने पर विक्रेता और संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। आयुष विभाग ने स्पष्ट कहा है कि निगरानी लगातार जारी है और आदेश का उल्लंघन करने वालों पर औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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इन कंपनियों की दवाएं पाई गईं अवमानक
शर्मायु जेन्यून आयुर्वेद, श्री शर्मा आयुर्वेद मंदिर, दतिया
गिलोय सत्व – बैच नं. 005P-1
कामदुधा रस – बैच नं. 25117002P-1
Unit-II Shree Dhanwantri Herbals, गुरूमाजरा, सोलन (HP)
प्रवाल पिष्टी – बैच नं. PPMB-077
मुक्ता शुक्ति – बैच नं. MSBBD-059
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डाबर इंडिया लिमिटेड, Site-4, साहिबाबाद (U.P.)
कफ कुठार – बैच नं. SB00066
लक्ष्मी विलास रस (नारदीय) – बैच नं. SB00665
आदेश के अनुसार इन सभी बैचों की औषधियां अब प्रदेश में कहीं भी न बेची जाएंगी, न स्टोर की जाएंगी और न ही वितरित की जाएंगी।
छिंदवाड़ा और दतिया से भेजे गए थे सैंपल
जिला आयुष अधिकारी डॉ. नरेन्द्र पटेल ने बताया कि छिंदवाड़ा और दतिया से इन दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए ग्वालियर लैब भेजे गए थे। जांच में मानक गुणवत्ता पर खरा नहीं उतरने के बाद आयुष कमिश्नर ने राज्यभर में इन बैचों को प्रतिबंधित कर दिया है।
विक्रेताओं को चेतावनी
आयुष विभाग ने सभी आयुर्वेदिक औषधि विक्रेताओं को निर्देश जारी किए हैं कि प्रतिबंधित बैच का स्टॉक तुरंत हटाएं और कंपनी को वापस करें। किसी भी स्तर पर बिक्री या उपयोग पाए जाने पर विक्रेता और संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। आयुष विभाग ने स्पष्ट कहा है कि निगरानी लगातार जारी है और आदेश का उल्लंघन करने वालों पर औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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