{"_id":"680f5a255a5a737d8504c883","slug":"mahamandaleshwar-ajay-ramdas-arrested-chhattisgarh-police-arrests-chhindwara-in-fraud-case-chhindwara-news-c-1-1-noi1218-2885375-2025-04-28","type":"story","status":"publish","title_hn":"MP News: महामंडलेश्वर अजय रामदास गिरफ्तार, छत्तीसगढ़ पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में छिंदवाड़ा से पकड़ा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
MP News: महामंडलेश्वर अजय रामदास गिरफ्तार, छत्तीसगढ़ पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में छिंदवाड़ा से पकड़ा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, छिंदवाड़ा
Published by: छिंदवाड़ा ब्यूरो
Updated Mon, 28 Apr 2025 10:47 PM IST
विज्ञापन
सार
उनकी गिरफ्तारी के बाद साधु समाज और अनुयायियों में भारी हलचल है। अजय रामदास ने धार्मिक जगत में बड़ी पहचान बनाई थी और विधानसभा चुनाव से पूर्व क्षेत्रीय राजनीति में भी सक्रिय रहे थे।

अजय रामदास।
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
कुंभ मेले में महामंडलेश्वर का प्रतिष्ठित पद प्राप्त करने वाले अजय रामदास अब गंभीर आरोपों के घिर गए हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस ने सोमवार को उन्हें धोखाधड़ी (IPC की धारा 420) के एक मामले में छिंदवाड़ा कोतवाली पुलिस के साथ गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद से साधु समाज और अजय रामदास के अनुयायियों में हलचल मच गई है। कोतवाली थाना प्रभारी (टीआई) ने बताया कि अजय रामदास के खिलाफ लंबे समय से 420 के तहत मामला दर्ज था। शिकायत के अनुसार, छत्तीसगढ़ पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है। मामले की जांच जारी है।
मामला वर्ष 2019 का है, जब तत्कालीन राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष एवं बाद में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल रहीं अनुसुइया उइके के लेटरपैड का दुरुपयोग कर कुछ विधायकों और अधिकारियों को फर्जी पत्र जारी किए गए थे। पत्रों की भाषा और शैली पर संदेह जताए जाने के बाद शिकायत सीधे अनुसुइया उइके तक पहुंची। उन्होंने इस मामले की शिकायत छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश दोनों राज्यों की पुलिस से की थी। लगातार जांच के बाद आखिरकार रायपुर सिविल लाइन पुलिस ने छिंदवाड़ा के लालबाग क्षेत्र से अजय रामदास को गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को पुलिस टीम उसे लेकर रायपुर रवाना हो गई।
पूर्व राज्यपाल ने जताई थी नाराजगी
पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके ने इस प्रकरण पर कहा कि 29 जुलाई को राज्यपाल पद संभालने के बाद जानकारी मिली थी कि मेरे लेटरपैड और हस्ताक्षर का दुरुपयोग कर कुछ पत्र भेजे गए हैं। पत्रों की भाषा मेरे पद और चरित्र को आहत करने वाली थी। इस मामले में मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। जांच में जो तथ्य सामने आए, उनके आधार पर अब कार्रवाई हुई है।
पहले भी दर्ज हैं धोखाधड़ी के मामले
कोतवाली थाना प्रभारी उमेश गोल्हानी ने बताया कि अजय रामदास वर्मा के खिलाफ पूर्व से भी धोखाधड़ी (धारा 420) के तहत मामले दर्ज हैं। खुद को महामंडलेश्वर बताते हुए वह कई धार्मिक आयोजनों में सक्रिय रहा है। पुलिस जांच में उसके संलिप्त पाए जाने पर उसे गिरफ्तार किया गया है।
ये भी पढ़ें- धनपुरी में युवक की संदिग्ध मौत से क्षेत्र में फैली दहशत, पुलिस ने शुरू की जांच, खोह जंगल में मिली लाश
कौन हैं अजय रामदास
अजय रामदास ने धार्मिक जगत में अपनी मजबूत पकड़ बनाते हुए कुंभ मेले के दौरान महामंडलेश्वर की उपाधि प्राप्त की थी, जो संत समाज में एक बेहद प्रतिष्ठित स्थान माना जाता है। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने चौरई क्षेत्र में एक भव्य धार्मिक आयोजन कराया था, जिसमें जगद्गुरु रामभद्राचार्य के नेतृत्व में कथा का आयोजन हुआ था। इस कार्यक्रम ने उन्हें क्षेत्रीय धार्मिक और राजनीतिक हलकों में काफी प्रसिद्धि दिलाई थी।
ये भी पढ़ें- छात्राओं से दरिंदगी: फरहान की मोबाइल में मिले कई युवतियों के अश्लील वीडियो, इनकी प्रेमिकाओं की भूमिका संदिग्ध
चुनावी राजनीति से भी रहा है नाता
बताया जा रहा है कि उस समय रामभद्राचार्य ने विधानसभा चुनाव से पूर्व अजय रामदास के लिए पार्टी से टिकट दिलवाने की भी मांग की थी। हालांकि यह प्रयास कितना सफल रहा, इस पर आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन इस घटनाक्रम ने अजय रामदास को क्षेत्रीय राजनीति में एक अहम चेहरा बनाने में मदद जरूर की थी।

Trending Videos
मामला वर्ष 2019 का है, जब तत्कालीन राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष एवं बाद में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल रहीं अनुसुइया उइके के लेटरपैड का दुरुपयोग कर कुछ विधायकों और अधिकारियों को फर्जी पत्र जारी किए गए थे। पत्रों की भाषा और शैली पर संदेह जताए जाने के बाद शिकायत सीधे अनुसुइया उइके तक पहुंची। उन्होंने इस मामले की शिकायत छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश दोनों राज्यों की पुलिस से की थी। लगातार जांच के बाद आखिरकार रायपुर सिविल लाइन पुलिस ने छिंदवाड़ा के लालबाग क्षेत्र से अजय रामदास को गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को पुलिस टीम उसे लेकर रायपुर रवाना हो गई।
विज्ञापन
विज्ञापन
पूर्व राज्यपाल ने जताई थी नाराजगी
पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके ने इस प्रकरण पर कहा कि 29 जुलाई को राज्यपाल पद संभालने के बाद जानकारी मिली थी कि मेरे लेटरपैड और हस्ताक्षर का दुरुपयोग कर कुछ पत्र भेजे गए हैं। पत्रों की भाषा मेरे पद और चरित्र को आहत करने वाली थी। इस मामले में मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। जांच में जो तथ्य सामने आए, उनके आधार पर अब कार्रवाई हुई है।
पहले भी दर्ज हैं धोखाधड़ी के मामले
कोतवाली थाना प्रभारी उमेश गोल्हानी ने बताया कि अजय रामदास वर्मा के खिलाफ पूर्व से भी धोखाधड़ी (धारा 420) के तहत मामले दर्ज हैं। खुद को महामंडलेश्वर बताते हुए वह कई धार्मिक आयोजनों में सक्रिय रहा है। पुलिस जांच में उसके संलिप्त पाए जाने पर उसे गिरफ्तार किया गया है।
ये भी पढ़ें- धनपुरी में युवक की संदिग्ध मौत से क्षेत्र में फैली दहशत, पुलिस ने शुरू की जांच, खोह जंगल में मिली लाश
कौन हैं अजय रामदास
अजय रामदास ने धार्मिक जगत में अपनी मजबूत पकड़ बनाते हुए कुंभ मेले के दौरान महामंडलेश्वर की उपाधि प्राप्त की थी, जो संत समाज में एक बेहद प्रतिष्ठित स्थान माना जाता है। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने चौरई क्षेत्र में एक भव्य धार्मिक आयोजन कराया था, जिसमें जगद्गुरु रामभद्राचार्य के नेतृत्व में कथा का आयोजन हुआ था। इस कार्यक्रम ने उन्हें क्षेत्रीय धार्मिक और राजनीतिक हलकों में काफी प्रसिद्धि दिलाई थी।
ये भी पढ़ें- छात्राओं से दरिंदगी: फरहान की मोबाइल में मिले कई युवतियों के अश्लील वीडियो, इनकी प्रेमिकाओं की भूमिका संदिग्ध
चुनावी राजनीति से भी रहा है नाता
बताया जा रहा है कि उस समय रामभद्राचार्य ने विधानसभा चुनाव से पूर्व अजय रामदास के लिए पार्टी से टिकट दिलवाने की भी मांग की थी। हालांकि यह प्रयास कितना सफल रहा, इस पर आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन इस घटनाक्रम ने अजय रामदास को क्षेत्रीय राजनीति में एक अहम चेहरा बनाने में मदद जरूर की थी।