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Seoni News: जादू-टोने के शक में युवक की हत्या, पुलिस ने चार आरोपियों को किया गिरफ्तार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सिवनी
Published by: छिंदवाड़ा ब्यूरो
Updated Wed, 02 Apr 2025 03:41 PM IST
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सार
Seoni: हत्याकांड के बाद ग्राम नंदौरा और आसपास के क्षेत्रों में दहशत फैल गई है। ग्रामीणों का कहना है कि वे इस तरह की घटनाओं से भयभीत हैं और पुलिस से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि गांव में लगातार निगरानी रखी जाएगी और आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत पेश कर सख्त सजा दिलाने की कोशिश की जाएगी।

आरोपियों से जब्त मोटर साइकिल
- फोटो : अमर उजाला डिजिटल
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विस्तार
सिवनी जिले के ग्राम नंदौरा में 28 मार्च की रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां जादू-टोने के शक में एक व्यक्ति की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी गई। इस वारदात के तीन दिन बाद, 1 अप्रैल को बरघाट पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार, हत्या के पीछे अंधविश्वास और मानसिक तनाव मुख्य कारण रहे।
बता दें कि ग्राम नंदौरा निवासी मृतक ईश्वर पर आरोपियों को लंबे समय से जादू-टोना करने का शक था। मुख्य आरोपी राजकुमार ने पुलिस को बताया कि उसे पिछले चार-पांच वर्षों से संदेह था कि ईश्वर उसके परिवार पर तंत्र-मंत्र कर रहा है। राजकुमार का कहना था कि उसके परिवार के सदस्य पिछले दो-तीन महीनों से लगातार बीमार चल रहे थे, जिससे आर्थिक स्थिति खराब हो गई और वह मानसिक रूप से तनाव में था।
पढ़ें: जंगल में महुआ बीनने गई महिला पर बाघ ने किया हमला, मौके पर हुई दर्दनाक मौत; इलाके में दहशत
इसी मानसिक दबाव में उसने अपने तीन साथियों मुकेश, कैलाश और करन तिरोटे के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई। 28 मार्च की रात चारों आरोपी ईश्वर की झोपड़ी पहुंचे। वहां राजकुमार ने कुल्हाड़ी से उसके गले पर वार कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी वहां से फरार हो गए।
पीड़ित मन्नेलाल ने सुनाई आपबीती
हत्या के समय मौके पर मौजूद मन्नेलाल बाहेवर ने पुलिस को बताया कि जब आरोपियों ने ईश्वर पर हमला किया, तो उन्होंने उसे भी मारने की कोशिश की। किसी तरह जान बचाकर भागे मन्नेलाल ने तत्काल पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की।
पुलिस ने ऐसे पकड़े आरोपी
घटना के बाद पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता और एसडीओपी ललित गठरे के निर्देशन में एक विशेष टीम बनाई गई। गुप्त सूत्रों और तकनीकी जांच के आधार पर 1 अप्रैल को चारों आरोपियों राजकुमार, मुकेश, कैलाश और करन तिरोटे को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 120B, 201 और एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि यह एक जघन्य अपराध है, जो अंधविश्वास और अज्ञानता के कारण हुआ है।
वहीं, बरघाट थाना प्रभारी मोहनीश बेस ने कहा कि पुलिस इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई कर रही है। उन्होंने लोगों से अंधविश्वास से बचने और इस तरह की घटनाओं की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि समाज में कानून का डर होना जरूरी है, ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

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बता दें कि ग्राम नंदौरा निवासी मृतक ईश्वर पर आरोपियों को लंबे समय से जादू-टोना करने का शक था। मुख्य आरोपी राजकुमार ने पुलिस को बताया कि उसे पिछले चार-पांच वर्षों से संदेह था कि ईश्वर उसके परिवार पर तंत्र-मंत्र कर रहा है। राजकुमार का कहना था कि उसके परिवार के सदस्य पिछले दो-तीन महीनों से लगातार बीमार चल रहे थे, जिससे आर्थिक स्थिति खराब हो गई और वह मानसिक रूप से तनाव में था।
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इसी मानसिक दबाव में उसने अपने तीन साथियों मुकेश, कैलाश और करन तिरोटे के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई। 28 मार्च की रात चारों आरोपी ईश्वर की झोपड़ी पहुंचे। वहां राजकुमार ने कुल्हाड़ी से उसके गले पर वार कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी वहां से फरार हो गए।
पीड़ित मन्नेलाल ने सुनाई आपबीती
हत्या के समय मौके पर मौजूद मन्नेलाल बाहेवर ने पुलिस को बताया कि जब आरोपियों ने ईश्वर पर हमला किया, तो उन्होंने उसे भी मारने की कोशिश की। किसी तरह जान बचाकर भागे मन्नेलाल ने तत्काल पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की।
पुलिस ने ऐसे पकड़े आरोपी
घटना के बाद पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता और एसडीओपी ललित गठरे के निर्देशन में एक विशेष टीम बनाई गई। गुप्त सूत्रों और तकनीकी जांच के आधार पर 1 अप्रैल को चारों आरोपियों राजकुमार, मुकेश, कैलाश और करन तिरोटे को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 120B, 201 और एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि यह एक जघन्य अपराध है, जो अंधविश्वास और अज्ञानता के कारण हुआ है।
वहीं, बरघाट थाना प्रभारी मोहनीश बेस ने कहा कि पुलिस इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई कर रही है। उन्होंने लोगों से अंधविश्वास से बचने और इस तरह की घटनाओं की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि समाज में कानून का डर होना जरूरी है, ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।