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Chhindwara: पेंच टाइगर रिजर्व के पास खुले कुएं में गिरा बाघ, सात घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाला गया
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, छिंदवाड़ा
Published by: छिंदवाड़ा ब्यूरो
Updated Thu, 08 May 2025 08:48 AM IST
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सार
पेंच टाइगर रिजर्व के पास खुले कुएं में बाघ गिर गया था। सात घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बाघ को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
कुएं में फंसा बाघ
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत पेंच नेशनल पार्क के बफर जोन में बुधवार को एक बाघ खेत में बने खुले कुएं में गिर गया। यह हादसा जमनारा गेट से लगभग पांच किलोमीटर दूर ठाटा और दादाझीर गांव के बीच खेत में हुआ। कुआं बिना मुंडेर का था, जिससे बाघ उसमें गिर गया। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम सक्रिय हुई और करीब सात घंटे के लंबे और जोखिम भरे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बाघ को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
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दोपहर के समय खेत पहुंचे किसान ने कुएं में बाघ को फंसा हुआ देखा और तुरंत इसकी जानकारी खेत मालिक को दी। खेत मालिक ने वन विभाग को सूचना दी, जिसके बाद अफसरों की टीम मौके पर पहुंची। घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त टीम ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया।
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रेस्क्यू अभियान ऐसे चला
सूचना मिलते ही लगभग एक घंटे में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। सबसे पहले बांस की बनी खटिया को रस्सी से बांधकर कुएं में उतारा गया। इसके ऊपर एक पिंजरा रखा गया। हाईड्रोलिक मशीन की सहायता से पिंजरे को नियंत्रित किया गया। थका हुआ बाघ जैसे ही पिंजरे में चढ़ा, उसे सावधानीपूर्वक ऊपर खींचकर बाहर निकाला गया। इस पूरे ऑपरेशन में रेस्क्यू टीम, डिप्टी डायरेक्टर रंजीत सिंह और अनुभवी अमले ने अहम भूमिका निभाई।
बिना मुंडेर के कुआं बना हादसे का कारण
जहां यह घटना हुई वह क्षेत्र पेंच टाइगर रिज़र्व के बफर ज़ोन में आता है। ठाटा और दादाझीर गांव के बीच खेतों में ऐसे कई कुएं हैं, जो बिना मुंडेर के हैं। ऐसे खुले कुएं जानवरों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। बताया गया है कि घटना स्थल के आसपास अब तीन टाइगर लोकेशन चिन्हित कर ली गई हैं और वहां सुरक्षा के उपाय किए जा रहे हैं।
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थक चुका था बाघ, निगरानी में रखा गया
बचाव के समय तक बाघ काफी थक चुका था। अनुमान है कि दोपहर तीन बजे के आसपास वह कुएं में गिरा था और शाम तक वहीं फंसा रहा। फिलहाल, उसे निगरानी में रखा गया है। पीसीसीएफ को इसकी जानकारी भेज दी गई है और चिकित्सकीय जांच के बाद उसे पुनः जंगल में छोड़ा जाएगा।
वन विभाग की अपील
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि खेतों में बने कुओं को ढंकने या उनके चारो ओर मुंडेर बनाने के उपाय करें, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। प्रशासन ने भी बिना सुरक्षा वाले कुओं की पहचान कर सुधार कार्य शुरू कर दिया है।

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