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Damoh: नौरादेही के जंगल में बाघिन N-6 की एंट्री, नए ठिकाने की तलाश में कर रही है मूवमेंट, वन विभाग की चौकस नजर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह
Published by: दमोह ब्यूरो
Updated Sat, 08 Feb 2025 05:05 PM IST
सार
छह साल पहले बाघिन राधा के आने से नौरादेही का जंगल आबाद हुआ था, जिसके चलते इसे टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला। अब कजरी और नई आई बाघिन एन-6 के आने से यहां बाघों की संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
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जंगल में घूम रही बाघिन एन 6
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विस्तार
वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में हाल ही में पेंच टाइगर रिजर्व से लाई गई नई बाघिन को नौरादेही के जंगल में छोड़ा गया है। इस बाघिन को एन-6 नाम दिया गया है और उसे कॉलर आईडी पहनाई गई है, जिससे वन विभाग उसकी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। बाघिन लगातार अपने नए ठिकाने की तलाश में जंगल में घूम रही है और अब तक 30 से 40 किमी तक मूवमेंट कर चुकी है।
गौरतलब है कि यह बाघिन हाल ही में पेंच टाइगर रिजर्व के कुरई गांव के पास हरदुआ इलाके में शिकार के दौरान एक कुएं में गिर गई थी। पेंच टाइगर रिजर्व की टीम ने इसे रेस्क्यू कर भोपाल वन मुख्यालय को जानकारी दी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि इस बाघिन को वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया जाए।
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वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. ए.ए. अंसारी के अनुसार यहां अब तक 19 बाघ-बाघिन मौजूद हैं। नई बाघिन को कॉलर आईडी पहनाकर उसके मूवमेंट की ट्रैकिंग की जा रही है।
दमोह और नौरादेही के जंगलों को मिलाकर बनाए गए इस टाइगर रिजर्व में 2018 से पहले कोई बाघ नहीं था और इसे भेड़ियों का जंगल कहा जाता था। 2018 में यहां बाघिन राधा लाई गई, जिसके बाद किशन नामक बाघ भी आया। दोनों ने इस जंगल को नई पहचान दी लेकिन एक संघर्ष में किशन की मौत हो गई। इसके बाद बांधवगढ़ से एक और बाघ-बाघिन लाए गए और अब पेंच से एन-6 को यहां बसाने की कवायद की जा रही है।