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Dindori Accident: 14 व्यक्तियों की मौत के बाद भी नहीं जागा डिंडौरी प्रशासन, मालवाहक वाहन से भेजे गए शव

अमर उजाला, न्यूज डेस्क, डिंडौरी Published by: दिनेश शर्मा Updated Thu, 29 Feb 2024 10:00 PM IST
सार

डिंडौरी हादसा लापरवाही का नतीजा है। मालवाहक वाहन में सवारियां ढोना, फिटनेस भी एक साल पहले खत्म हो जाना फिर भी वाहन सड़कों पर दौड़ना प्रशासनिक लापरवाही दर्शाता है। हादसे के बाद प्रशासन के सामने ही शव और घायलों को फिर मालवाहक वाहनों से ही अस्पताल पहुंचाया गया। 

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Dindori administration did not wake up even after death of 14 people, bodies sent by goods goods goods vehicle
डिंडौरी में हादसे के बाद शवों और घायलों को लोडिंग वाहनों से ले जाया गया। - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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डिंडौरी में हुए भीषण सड़क दुर्घटना में 14 व्यक्तियों की मौत हो गई तो 21 व्यक्ति घायल हो गए थे। सभी व्यक्ति मालवाहक वाहन में सवार थे। इसका फिटनेस व बीमा नहीं था। घटना में मृत व्यक्तियों के शरीर परिवार जन तथा परिचित लोग मालवाहक में रखकर ले गए। इसके अलावा कई लोग मालवाहक वाहन में सवार होकर अपने गांव रवाना हुए।
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गौरतलब है कि मोटर व्हीकल एक्ट में माल वाहक तथा सवारी वाहन गाड़ियों के लिए अलग-अलग प्रावधान हैं। नियमानुसार मालवाहक वाहन में सवारियों को नहीं बैठाया जा सकता है। डिंडौरी कलेक्टर विकास मिश्रा का कहना है कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन मालवाहक और उसके लोगों बैठे हुए थे। इसके अलावा वाहन का फिटनेस व बीमा समाप्त हो गया था।
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घटना के बाद मृतक व घायलों के परिजन भी माल वाहक वाहनों में सवार होकर अस्पताल पहुंचे थे। इतना ही नही मृतकों के शरीर को माल वाहक वाहनों से ले जाया गया था। इस दौरान प्रशासनिक व पुलिस अमला भी मौजूद था। घटना से सबक लेते हुए प्रशासनिक व पुलिस अमले ने नियमों के पालन में कोई सख्ती नहीं दिखाई। नियमों को ताक में रखकर व प्रशासनिक खामियां छुपाने के लिए उन्होंने मालवाहक वाहन से लोगों व शवों को जाने दिया।

इस संबंध में डिडौरी के प्रभारी आरटीओ अनिमेश गढ़पाल का कहना है कि मालवाहक वाहन में सवारियों को बैठना मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन है। उनके पास बालाघाट तथा डिंडोरी जिले का प्रभार है। डिंडौरी जिले के कई इलाकों में यात्री की सुविधा नहीं होने के कारण लोग आने-जाने के लिए मालवाहक वाहनों का प्रयोग करते हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने डिंडौरी जिले के प्रभार से मुक्त करने शासन को पत्र लिखा था। विभाग में अमले की कमी है  और वाहनों के फिटनेस व बीमा के लिए लोगों को जागरूक होना आवश्यक है। माल वाहन वाहनों में सवारियों को नहीं बैठाया जाए इसके लिए आरटीओ तथा पुलिस विभाग को कलेक्टर ने विशेष निर्देश दिए हैं।
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