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Gwalior News: BSF टेकनपुर में ‘दुर्गा वाहिनी’ महिला ड्रोन वॉरियर टीम तैयार, सीमाओं और दुश्मन पर रखेगी नजर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ग्वालियर
Published by: ग्वालियर ब्यूरो
Updated Tue, 11 Nov 2025 01:53 PM IST
सार
BSF के ADG डॉ. शमशेर सिंह ने बताया कि महिलाओं को विशेष रूप से ड्रोन कंट्रोल और सुरक्षा नैतिकता के मानकों पर प्रशिक्षित किया गया है। पहले जम्मू-कश्मीर फ्रंटियर की महिला इकाइयां यह प्रशिक्षण प्राप्त कर ऑपरेशनल भूमिका निभा रही हैं, जबकि वर्तमान में पंजाब फ्रंटियर की महिला टीम प्रशिक्षण में है।
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BSF की ‘दुर्गा वाहिनी’ टीम।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
देश की सीमाओं की सुरक्षा अब ड्रोन के माध्यम से भी की जाएगी। इसके लिए BSF अकादमी टेकनपुर में 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद 'दुर्गा वाहिनी' महिला टीम तैयार की गई है। यह टीम ड्रोन वॉरियर के रूप में काम करेगी। इसके लिए BSF टेकनपुर में ड्रोन ड्रिल का आयोजन किया गया। बताया गया कि हर परिस्थिति में BSF सीमाओं पर देश विरोधी दुश्मनों से निपटने के लिए तैयार है।
BSF के ADG महानिदेशक डॉ. शमशेर सिंह ने बताया कि खास तौर पर ड्रोन कंट्रोल के लिए महिलाओं को BSF ने चुना है। टीम में शामिल सभी महिलाएं पूर्ण रूप से तैयार है। उन्होंने बताया कि ड्रोन के माध्यम से हम दुश्मनों तक पहुंचने में आसानी होगी। दुश्मन किसी भी परिस्थिति में छुपा हो हम उससे निपट सकते हैं। इतना ही नहीं कई बार सीमाओं पर होने वाली वॉर में जब हमारा जवान घायल होता है तो उसके पास ड्रोन के माध्यम से तत्काल (फर्स्ट एड बॉक्स) प्रथमिक उपचार भी पहुंचाया जा सकता है।
पहले चरण में जम्मू-कश्मीर फ्रंटियर की महिला इकाइयों को प्रशिक्षण दिया गया था, जो प्रशिक्षण पूरा कर विशिष्ट ऑपरेशनल भूमिका निभा रही हैं। वर्तमान में पंजाब फ्रंटियर की महिला टीम इसी प्रशिक्षण में अग्रसर हैं। प्रशिक्षण के दौरान देश के भीतर सुरक्षा और नैतिकता से जुड़े मानकों पर भी कड़ा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। डाटा गोपनीयता नागरिक सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश सहभागियों को दिए जा रहे हैं। प्रशिक्षण समापन के बाद इन महिला टीमों को सीमा परिस्थितियों में ड्रोन-आधारित निगरानी, आपातकालीन सहायता और समन्वित ऑपरेशनों में तैनात किया जाएगा, ताकि सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा और त्वरित प्रतिक्रिया दोनों और प्रभावी बन सकें।
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BSF के ADG महानिदेशक डॉ. शमशेर सिंह ने बताया कि खास तौर पर ड्रोन कंट्रोल के लिए महिलाओं को BSF ने चुना है। टीम में शामिल सभी महिलाएं पूर्ण रूप से तैयार है। उन्होंने बताया कि ड्रोन के माध्यम से हम दुश्मनों तक पहुंचने में आसानी होगी। दुश्मन किसी भी परिस्थिति में छुपा हो हम उससे निपट सकते हैं। इतना ही नहीं कई बार सीमाओं पर होने वाली वॉर में जब हमारा जवान घायल होता है तो उसके पास ड्रोन के माध्यम से तत्काल (फर्स्ट एड बॉक्स) प्रथमिक उपचार भी पहुंचाया जा सकता है।
पहले चरण में जम्मू-कश्मीर फ्रंटियर की महिला इकाइयों को प्रशिक्षण दिया गया था, जो प्रशिक्षण पूरा कर विशिष्ट ऑपरेशनल भूमिका निभा रही हैं। वर्तमान में पंजाब फ्रंटियर की महिला टीम इसी प्रशिक्षण में अग्रसर हैं। प्रशिक्षण के दौरान देश के भीतर सुरक्षा और नैतिकता से जुड़े मानकों पर भी कड़ा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। डाटा गोपनीयता नागरिक सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश सहभागियों को दिए जा रहे हैं। प्रशिक्षण समापन के बाद इन महिला टीमों को सीमा परिस्थितियों में ड्रोन-आधारित निगरानी, आपातकालीन सहायता और समन्वित ऑपरेशनों में तैनात किया जाएगा, ताकि सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा और त्वरित प्रतिक्रिया दोनों और प्रभावी बन सकें।