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Gwalior News: चंबल नदी के घाटों से रेत का अवैध खनन, शहर में सज रही रेत मंडी, शहरवासियों की खतरे में है जान

न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, ग्वालियर Published by: अरविंद कुमार Updated Tue, 21 May 2024 07:21 PM IST
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सार

चंबल नदी के घाटों से रेत का अवैध खनन किया जा रहा है। साथ ही साथ शहर में अवैध रेत मंडी सज रही है। ऐसे में शहरवासियों को खतरा भी उत्पन्न होने लगा है।
 

Gwalior News Illegal mining of sand from ghats of Chambal river
अवैध रेत खनन - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मध्यप्रदेश के चंबल इलाकों में रेत माफिया लगातार हावी होते जा रहे हैं। हालत यह है कि अवैध रेत का उत्खनन करने वाली माफिया शहर की चौराहों पर रेत की मंडी लगाते हुए नजर आ रहे हैं। इसके कारण आए दिन लोगों के साथ हादसा हो रहा है। दिन में लोगों की जान भी जा रही है। माफियाओं द्वारा पुलिस अफसरों पर हमलों को लेकर पूरे देश में बदनाम मुरैना जिले के वन विभाग व पुलिस अफसरों को अवैध खनन दिखाई ही नहीं दे रहा है और न ही इन माफिया पर कार्रवाई करते नजर आते हैं। इसके पीछे मुख्य वजह रेत माफिया को राजनैतिक संरक्षण माना जा आता है। 

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मुरैना जिले में अवैध रेत का खनन बड़े स्तर पर किया जाता है। हालात ऐसे है कि चंबल नदी से लगे सरायछौला थाना क्षेत्र के कैंथरी घाट से अवैध रूप से रेत खोदकर ट्रैक्टर-ट्रॉली फर्राटे भर रहे हैं। शहर के नेशनल हाइवे-44 पर वन विभाग कार्यालय से 500 मीटर दूर रेत की बड़ी मंडी लग रही है। इसके अलावा शहर के बड़ोखर सहित अन्य जगहों पर भी रेत की मंडियां लगाई जा रही हैं। लेकिन वन मंडल अधिकारी स्वरूप दीक्षित माफियाओं से मलाई खाकर चैन की नींद सो रहे हैं, जिसके चलते चंबल नदी में रहने वाले जलीय जीवों के सिर पर खतरा मंडरा रहा है, लेकिन पुलिस और वन विभाग के द्वारा कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति ही की जाती है।
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चंबल नदी से रेत का अवैध उत्खनन करने वाला माफिया इतना बेखौफ है कि यहां वन विभाग के नाकेदार से लेकर पुलिस विभाग के थानेदार-सिपाही तो छोड़िए आईपीएस तक को ट्रैक्टर-ट्रॉली से कुचलकर मौत के घाट उतारा जा चुका है। फिर भी रेत माफिया के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। कुछ थानों के साथ-साथ वन विभाग की भी इनकम ही सिर्फ रेत माफियाओं से बंधी हुई है।

यह रेत माफिया आए दिन लोगों की जान ले रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जिसमें इन माफिया की वजह से एक युवक की जान चली गई और उसका पिता गंभीर रूप से घायल हो गया। यह माफिया अवैध भरकर तेज गति से आ रहे थे, जिसके कारण अनियंत्रित होकर ट्रैक्टर-ट्रॉली पलट गई, जिसमें मौके पर बाइक सवार बेटी की मौत हो गई और पिता गंभीर रूप से घायल हो गया।

उसके बाद तकरीबन 5 घंटे तक नेशनल हाइवे जाम रहा। उसके बाद पुलिस ने मृतक की परिजनों की मांगों को मानते हुए मृतक युवक का पोस्टमॉर्टम करवाया। ऐसा कोई पहला मामला नहीं है। चंबल में आए दिन यह रेत माफिया किसी न किसी को टारगेट करते हैं और जब इन्हें कोई रोकने की या कार्रवाई करने की कोशिश करता है तो उन पर ही ट्रैक्टर चढ़ा देते हैं, जिसके कारण कई दर्जनों भर अधिकारी और कर्मचारियों की मौत हो चुकी है।

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