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Gwalior News: सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों को उम्रकैद, माता-पिता के सामने ही नाबालिग से की थी हैवानियत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ग्वालियर
Published by: ग्वालियर ब्यूरो
Updated Fri, 11 Jul 2025 09:21 AM IST
सार
नाबालिग बालिका अपने छोटे भाई को टॉयलेट कराने के लिए घर से बाहर मैदान में आई थी। तभी बदमाशों ने उन्हें पकड़ लिया। तीनों आरोपियों में से एक ने कट्टा निकालकर पीड़िता के भाई के सीने पर रख दिया और बोला कि जैसा हम कह रहे हैं वैसा करो। आरोपियों ने नाबालिग के साथ उनकी मां और पिता के सामने सामूहिक दुष्कर्म किया था।
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दुष्कर्म के आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई सजा।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
ग्वालियर में डेढ़ साल पहले शिवपुरी से भंवरपुरा मजदूरी के लिए आए एक आदिवासी परिवार की नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना घटी थी। तीन बदमाशों ने 30 जनवरी 2024 की रात मां पिता और मासूम भाई पर कट्टा अड़ाकर 15 वर्षीय नाबालिग के साथ उनके सामने ही सामूहिक दुष्कर्म किया था। घटना के बाद पीड़ित परिवार ने गांव से पलायन तक कर दिया था। यह मामला काफी चर्चित हुआ था।
इस मामले में ग्वालियर के विशेष न्यायालय ने आरोपी जंडेल गुर्जर, संजीव गुर्जर और आकाश गुर्जर को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने प्रत्येक पर अलग-अलग धाराओं में जुर्माना भी किया गया है। विशेष न्यायालय ने आरोपियों को धारा 376 डी एवं एससी एसटी एक्ट के अपराध में दोषी पाते हुए सजा सुनाई है। इसके अलावा आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 506 भाग दो के अपराध में भी दोषी पाते हुए प्रत्येक को एक एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। आरोपियों को अन्य धाराओं में 6-6 माह की और सजा सुनाई गई है।
ये भी पढ़ें- पत्नी के चक्कर में युवक ने ट्रेन के बगल में प्लेटफार्म पर दौड़ा दी कार, जीआरपी ने पकड़ा
शिवपुरी से एक आदिवासी परिवार मजदूरी की तलाश में नवंबर 2023 में घाटीगांव के भंवरपुरा इलाके में आया था। यहां पत्थर की खदान पर आदिवासी युवक और उसकी पत्नी मजदूरी करते थे। घर पर एक 6 साल का बेटा और 15 साल की बेटी रहती थी। 30 जनवरी 2024 की रात 12 बजे की बात है। जब नाबालिग बालिका अपने छोटे भाई को टॉयलेट कराने के लिए घर से बाहर मैदान में आई थी तभी उनके घर के बाहर तीन युवक खड़े मिले। इनमें से दो युवकों ने नाबालिग को पकड़ लिया और एक युवक हाथ के सहारे पीड़िता के भाई को रोककर खड़ा हो गया। पीड़िता और उसके भाई के चिल्लाने पर उसके माता पिता बाहर आ गए। उन्होंने उनके बच्चों को छोड़ने के लिए कहा तो तीनों ने लाठी और डंडों से उनकी मारपीट की। जिससे पीड़ित की मां के हाथ की कलाई और कंधे में चोट आई। पिता को पीठ और कमर में चोट आई। उन तीनों में से एक ने कट्टा निकालकर पीड़िता के पिता और भाई के सीने पर रख दिया और बोला कि जैसा हम कह रहे हैं वैसा करो नहीं तो अभी सभी को जान से खत्म कर देंगे। इस धमकी के बाद पूरा परिवार सहम गया।
आरोपियों ने नाबालिग के साथ उनकी मां और पिता के सामने सामूहिक दुष्कर्म किया। आवाज सुनकर मौके पर उनका पड़ोसी आ गया तो जाते समय तीनों आरोपी धमकी देते हुए गए कि अगर पुलिस को शिकायत की तो उनके परिवार को जान से खत्म कर दिया जाएगा। घटना के बाद आदिवासी परिवार पूरी तरह सहम गया था। रात भर मां-पिता अपनी नाबालिग बेटी से चिपककर रोते रहे। सुबह पड़ोसियों ने हिम्मत दी तो वह थाना पहुंचे और शिकायत की।
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शिवपुरी से एक आदिवासी परिवार मजदूरी की तलाश में नवंबर 2023 में घाटीगांव के भंवरपुरा इलाके में आया था। यहां पत्थर की खदान पर आदिवासी युवक और उसकी पत्नी मजदूरी करते थे। घर पर एक 6 साल का बेटा और 15 साल की बेटी रहती थी। 30 जनवरी 2024 की रात 12 बजे की बात है। जब नाबालिग बालिका अपने छोटे भाई को टॉयलेट कराने के लिए घर से बाहर मैदान में आई थी तभी उनके घर के बाहर तीन युवक खड़े मिले। इनमें से दो युवकों ने नाबालिग को पकड़ लिया और एक युवक हाथ के सहारे पीड़िता के भाई को रोककर खड़ा हो गया। पीड़िता और उसके भाई के चिल्लाने पर उसके माता पिता बाहर आ गए। उन्होंने उनके बच्चों को छोड़ने के लिए कहा तो तीनों ने लाठी और डंडों से उनकी मारपीट की। जिससे पीड़ित की मां के हाथ की कलाई और कंधे में चोट आई। पिता को पीठ और कमर में चोट आई। उन तीनों में से एक ने कट्टा निकालकर पीड़िता के पिता और भाई के सीने पर रख दिया और बोला कि जैसा हम कह रहे हैं वैसा करो नहीं तो अभी सभी को जान से खत्म कर देंगे। इस धमकी के बाद पूरा परिवार सहम गया।
आरोपियों ने नाबालिग के साथ उनकी मां और पिता के सामने सामूहिक दुष्कर्म किया। आवाज सुनकर मौके पर उनका पड़ोसी आ गया तो जाते समय तीनों आरोपी धमकी देते हुए गए कि अगर पुलिस को शिकायत की तो उनके परिवार को जान से खत्म कर दिया जाएगा। घटना के बाद आदिवासी परिवार पूरी तरह सहम गया था। रात भर मां-पिता अपनी नाबालिग बेटी से चिपककर रोते रहे। सुबह पड़ोसियों ने हिम्मत दी तो वह थाना पहुंचे और शिकायत की।