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Indore News: लिट चौक में वक्ताओं ने कहा- पर्यावरण के लिए सरकार की तरफ न देखें, क्योंकि पेड़-जंगल वोट नहीं देते
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर
Published by: दिनेश शर्मा
Updated Fri, 19 Dec 2025 05:42 PM IST
सार
इंदौर में तीन दिवसीय लिट चौक का शुभारंभ हुआ। पहले दिन साहित्य, साइबर क्राइम, पर्यावरण और हास्य पर चर्चा हुई। पीपल बाबा ने पर्यावरण संरक्षण की व्यक्तिगत जिम्मेदारी पर जोर दिया। साइबर अपराध से बचाव, जलवायु परिवर्तन और रचनात्मकता पर भी वक्ताओं ने विचार रखे।
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इंदौर में तीन दिवसीय लिट चौक की शुरुआत हुई।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
इंदौर में तीन दिवसीय लिट चौक का शुभारंभ शुक्रवार को हुआ। पहले दिन साहित्य, लेखन, साइबर क्राइम फिल्म, रक्षा सेवा आदि विषयों पर चर्चा हुई। वक्ताओं ने सार्थक चर्चाएं की। पर्यावरण के विषय पर भी इस बार जोर दिया गया।
पर्यावरण पर काम कर रहे नोएडा के पीपल बाबा प्रेम परिवर्तन ने कहा कि पर्यावरण बचाने के लिए सरकार की तरफ न देखें। पेड़ वोट नहीं देते, नदियां, जंगल जानवर उनकी प्राथमिकता नहीं हैं। यह बात हमें समझना होगी। आपके पास एक एकड़ है तो उसे सुंदर बनाइए। अपनी छत, बालकनी को हरा भरा बनाएं। उन्होंने कहा कि हमारे बुजुर्गों ने पर्यावरण को लेकर बढ़िया कंटेंट क्रिएट किया। वे कहते थे कि पीपल में देवता वास करते हैं। इमली पर चुडैल रहती है। उनकी इस बातों से लोग इन पेड़ों को तोड़ते नहीं थे। पीपल बाबा ने कहा कि हम अपने आप में ही बिगड़े हैं। यह कहना बिल्कुल सच नहीं है कि हमने वेस्टर्न कल्चर अपनाया है। वेस्टर्न में शिक्षा, जल संरक्षण पर काफी काम किया है। हम उनकी तुलना में काफी कम काम कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें-आखिरी वक्त तक अकेले रहे, मौत की खबर सुनकर भी नहीं पहुंचे रिश्तेदार; पुलिस ने कराया दाह संस्कार
चालान वॉट्सअप पर नहीं आते
लिट चौक की शुरुआती सत्र में डीसीपी क्राइम राजेश दड़ोतिया और लेखक नवीन चौधरी से बातचीत से हुई। विषय था क्लिक के पीछे छिपा अपराध। इस विषय पर दंडोतिया ने कहा कि साइबर क्राइम किसी के भी साथ और किसी भी जगह पर हो सकता है। लालच और डर के जरिए लोगों को शिकार बनाया जा रहा है। केवल बीस फीसदी लोग ही साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस में शिकायत करते हैं, क्योंकि देश में जागरूकता की कमी है। जबकि बिना थाने जाए भी साइबर क्राइम की रिपोर्ट की जा सकती है। उन्होंने आगे कहा कि हमें अज्ञात मोबाइल कॉल रिसीव नहीं करना चाहिए। बिना सोचे विचारे फेस बुक फ्रेंड नहीं बनाएं। ट्रैफिक पुलिस का चालान भी वॉट्सअप पर नहीं आता। हमेशा मैसेज आते हैं।
जलवायु परिवर्तन बड़ी चुनौती
शब्दों में स्त्री लेखन से प्रकाशन तक विषय पर अदिति माहेश्वरी, अंकिता जैन, प्रियंका दुबे के बीच हुई। वक्ताओं ने कहा कि देश के कई महानगर अच्छी आबोहवा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उस पर लिखना चाहिए। जलवायु परिवर्तन बड़ी चुनौती है। ऑस्ट्रेलिया के पास एक देश डूब चुका है। समुद्र का स्तर बढ़ रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में बाढ़ आ रही है। दिल्ली में प्रदूषण के कारण सूरज नहीं दिखता।
हम एक जैसा काम करते हैं तो मजा नहीं आता
तीसरे सत्र में हास्य पर चर्चा हुई। कॉमेडियन सलोनी गौर ने कहा कि खुद के दिमाग से कई बार जोक नहीं आते, इसलिए ब्रेक लेना चाहिए। हम एक जैसा काम करते हैं तो मजा नहीं आता, काम में विविधता होना चाहिए। अदिति ने कहा कि आप गलत कंटेंट बनाएं तो पब्लिक ही अहसास करा देती है।
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चालान वॉट्सअप पर नहीं आते
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जलवायु परिवर्तन बड़ी चुनौती
शब्दों में स्त्री लेखन से प्रकाशन तक विषय पर अदिति माहेश्वरी, अंकिता जैन, प्रियंका दुबे के बीच हुई। वक्ताओं ने कहा कि देश के कई महानगर अच्छी आबोहवा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उस पर लिखना चाहिए। जलवायु परिवर्तन बड़ी चुनौती है। ऑस्ट्रेलिया के पास एक देश डूब चुका है। समुद्र का स्तर बढ़ रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में बाढ़ आ रही है। दिल्ली में प्रदूषण के कारण सूरज नहीं दिखता।
हम एक जैसा काम करते हैं तो मजा नहीं आता
तीसरे सत्र में हास्य पर चर्चा हुई। कॉमेडियन सलोनी गौर ने कहा कि खुद के दिमाग से कई बार जोक नहीं आते, इसलिए ब्रेक लेना चाहिए। हम एक जैसा काम करते हैं तो मजा नहीं आता, काम में विविधता होना चाहिए। अदिति ने कहा कि आप गलत कंटेंट बनाएं तो पब्लिक ही अहसास करा देती है।
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