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Indore News: एआई के बाद भविष्य की फैक्ट्रियां कैसी होंगी? आईआईटी के महाकुंभ में विशेषज्ञों ने बताया

अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Fri, 19 Dec 2025 10:20 AM IST
सार

Indore News: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) इंदौर में तीन दिवसीय एआईएमटीडीआर सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया। "हरित विनिर्माण" विषय पर आधारित अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में 650 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया और 437 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। 

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Indore News IIT Indore successfully hosts 10th International AIMTDR 2025 Conference on Green Manufacturing
आईआईटी इंदौर में आयोजन - फोटो : अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर
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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर में 11 से 13 दिसंबर 2025 के बीच 10वें अंतर्राष्ट्रीय और 31वें ऑल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी, डिज़ाइन एंड रिसर्च (एआईएमटीडीआर 2025) सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस वर्ष सम्मेलन का मुख्य विषय हरित विनिर्माण रखा गया था, जिसका उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजना था।
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एआई कुछ पुरानी नौकरियों की जगह लेगा पर नए अवसर भी पैदा करेगा
कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ 11 दिसंबर 2025 को हुआ। उद्घाटन समारोह में परसिस्टेंट सिस्टम्स के संस्थापक अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. आनंद देशपांडे मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने अपने संबोधन में समाज और विनिर्माण क्षेत्र पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के बढ़ते प्रभाव पर चर्चा की। डॉ. देशपांडे ने कहा कि एआई कुछ पुरानी नौकरियों की जगह ले सकता है, लेकिन यह भविष्य के कार्यबल के लिए नए अवसर भी पैदा करेगा। उन्होंने पेशेवरों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहने और निरंतर नई दक्षता विकसित करने का सुझाव दिया।



650 से अधिक प्रतिनिधि आए
एआईएमटीडीआर 2025 में रिकॉर्ड भागीदारी दर्ज की गई। इसमें विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, विदेशी विश्वविद्यालयों और उद्योगों के 650 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। इस तीन दिवसीय आयोजन में कुल 437 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनमें से 371 पत्रों पर 44 तकनीकी सत्रों में गहन चर्चा हुई। इन सत्रों की अध्यक्षता देश-विदेश के विख्यात विशेषज्ञों ने की। सम्मेलन में 16 प्रदर्शनी स्टॉल भी लगाए गए थे, जहाँ उन्नत विनिर्माण प्रौद्योगिकियों और नवाचारों का प्रदर्शन किया गया।

जलवायु परिवर्तन को देखते हुए नए डिजाइन आ रहे
आयोजन अध्यक्ष प्रोफेसर नीलेश कुमार जैन ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में शोधकर्ताओं की भागीदारी हरित विनिर्माण के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धता को दर्शाती है। सह-अध्यक्ष प्रोफेसर आई. ए. पलानी ने उद्योग और शिक्षा जगत के बीच तालमेल को नवाचार के लिए आवश्यक बताया। समापन समारोह के मुख्य अतिथि नैट्रेक्स के निदेशक डॉ. मनीष जायसवाल थे। उन्होंने ऑटोमोटिव क्षेत्र में तकनीकी प्रगति और शोध की भूमिका की सराहना की। आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास एस. जोशी ने बताया कि जलवायु परिवर्तन को देखते हुए विनिर्माण तकनीकों को फिर से डिजाइन करना समय की मांग है। सम्मेलन के अंत में घोषणा की गई कि एआईएमटीडीआर 2027 की मेजबानी आईआईटी हैदराबाद द्वारा की जाएगी।
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