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Indore: सिंहस्थ-2028 से पहले तैयार होगी एमआर-12, इस सड़क पर उतरा था सीएम का हेलीकॉप्टर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर
Published by: अभिषेक चेंडके
Updated Thu, 20 Nov 2025 12:10 PM IST
सार
एमआर-12 बनने के बाद शहर के रिहाइशी क्षेत्र से भारी वाहनों की आवाजाही रुक जाएगी। रहवासी आनंद नजान कहते हैं कि सुपर काॅरिडोर पर अब नए माॅल, स्कूल, काॅलेज आ रहे हैं। वहां भारी वाहनों की आवाजाही एमआर-12 के बनने से कम हो जाएगी। इससे हादसे रुकेंगे।
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एमआर 12
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मुंबई आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग के बायपास के ट्रैफिक को इंदौर शहर में लाए बगैर सीधे उज्जैन रोड तक पहुंचाने के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण एमआर-12 सड़क बना रहा है। 9 किलोमीटर लंबी इस सड़क को बनाने में 1000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च हो रही है। इस सड़क की चौड़ाई 60 मीटर है। इस सड़क का सबसे ज्यादा फायदा सिंहस्थ 2028 के दौरान होगा। दिल्ली, ग्वालियर, भोपाल से आने वाला सारा ट्रैफिक एमआर-12 से होते हुए उज्जैन रोड पहुंच जाएगा। इस सड़क के बनने से एबी रोड की कनेक्टिविटी सीधे इंदौर-अहमदाबाद हाईवे से भी हो जाएगी।
एमआर-12 सड़क पुराने एबी या देवास रोड स्थित अरंडिया गांव से कैलोद हाला, मांगलिया, भानगढ़ होते हुए भंवरासला स्थित अरविंदो अस्पताल क्षेत्र के इलाके को जोड़ते हुए लवकुश चौराहे पर उज्जैन रोड से जुड़ेगी। इस हिस्से की तरफ से काम शुरू भी हो चुका है। वर्ष 2008 में बने मास्टर प्लान में इस सड़क का प्रावधान किया गया था। एक हद तक यह सड़क शहर के पश्चिमी बायपास की कमी को भी पूरा करेगी, क्योंकि बायपास नहीं होने के कारण भारी वाहन अभी मांगलिया, निरंजरनपुर, सुखलिया ग्राम, बापट चौराहा, चंद्रगुप्त चौराहा, सुपर काॅरिडोर होते हुए उज्जैन और धार रोड की तरफ जाते हैं। इस कारण कई बार हादसे भी होते रहते हैं।
भारी वाहनों की आवाजाही रुकेगी
एमआर-12 बनने के बाद शहर के रिहाइशी क्षेत्र से भारी वाहनों की आवाजाही रुक जाएगी। रहवासी आनंद नजान कहते हैं कि सुपर काॅरिडोर पर अब नए माॅल, स्कूल, काॅलेज आ रहे हैं। वहां भारी वाहनों की आवाजाही एमआर-12 के बनने से कम हो जाएगी। इससे हादसे रुकेंगे। ग्रामीण हंसराज मंडलोई कहते हैं कि अभी ग्रामीणों को एबी रोड और बायपास से ही इंदौर आना-जाना पड़ता है। नई सड़क विकास के नए द्वार खोलेगी। इसका निर्माण जरूरी है।
डेढ़ हजार निर्माण बाधक
एमआर-12 सड़क की चौड़ाई की जद में एक बस्ती के एक हजार से ज्यादा निर्माण बाधक हैं। इन्हें हटाना सरकारी विभागों के लिए आसान नहीं होगा। इन बाधक निर्माणों के टूटने के बाद ही यह सड़क पुराने एबी रोड और नए एबी रोड बायपास से जुड़ पाएगी। आठ माह पहले एमआर-12 का निरीक्षण करने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पहुंचे थे। उनका हेलीकॉप्टर सीधे चौड़ी सड़क पर ही उतरा था।
ट्रैफिक का दबाव कम करेगी
जब मैं इंदौर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहा था। तब एमआर-12 को बनाने की योजना तैयार की थी। यह सड़क सिंहस्थ मेले के दौरान इंदौर के इस हिस्से में ट्रैफिक को सुचारू रखने में मददगार होगी। शहर के ट्रैफिक का दबाव कम करेगी। -शंकर लालवानी, सांसद इंदौर
ये काम होंगे
- इंदौर विकास प्राधिकरण ने तीन किलोमीटर हिस्से की सड़क के लिए 58 करोड़ रुपये का टेंडर मंजूर कर काम ठेके पर दिया है।
-कान्ह नदी पर 15 करोड रुपये की लागत से छह लेन ब्रिज भी तैयार किया जाएगा। इसके अलावा दो बड़ी पुलिया भी बनेगी।
-इसके अलावा कैलोद हाला रेलवे क्रॉसिंग पर भी 80 करोड़ रुपये की लागत से एक ब्रिज बनाया जाएगा।
यह होगा फायदा
- इस सड़क के बनने से एमआर-11 और एमआर-10 मार्ग से वाहनों का दबाव होगा कम
-शहर के 30 से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों को शहर के लिए सीधे कनेक्टिविटी मिलेगी। उपज मंडियों तक लाना होगी आसान
- इंदौर के सीमावर्ती क्षेत्र में नए बसाहट की संभावनाएं बढ़ेंगी। नई काॅलोनियां विकसित होंगी।
- 7 किलोमीटर हिस्से का निर्माण पूरा करने के लिए दो साल का लक्ष्य इंदौर विकास प्राधिकरण ने रखा है।
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एमआर-12 सड़क पुराने एबी या देवास रोड स्थित अरंडिया गांव से कैलोद हाला, मांगलिया, भानगढ़ होते हुए भंवरासला स्थित अरविंदो अस्पताल क्षेत्र के इलाके को जोड़ते हुए लवकुश चौराहे पर उज्जैन रोड से जुड़ेगी। इस हिस्से की तरफ से काम शुरू भी हो चुका है। वर्ष 2008 में बने मास्टर प्लान में इस सड़क का प्रावधान किया गया था। एक हद तक यह सड़क शहर के पश्चिमी बायपास की कमी को भी पूरा करेगी, क्योंकि बायपास नहीं होने के कारण भारी वाहन अभी मांगलिया, निरंजरनपुर, सुखलिया ग्राम, बापट चौराहा, चंद्रगुप्त चौराहा, सुपर काॅरिडोर होते हुए उज्जैन और धार रोड की तरफ जाते हैं। इस कारण कई बार हादसे भी होते रहते हैं।
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भारी वाहनों की आवाजाही रुकेगी
एमआर-12 बनने के बाद शहर के रिहाइशी क्षेत्र से भारी वाहनों की आवाजाही रुक जाएगी। रहवासी आनंद नजान कहते हैं कि सुपर काॅरिडोर पर अब नए माॅल, स्कूल, काॅलेज आ रहे हैं। वहां भारी वाहनों की आवाजाही एमआर-12 के बनने से कम हो जाएगी। इससे हादसे रुकेंगे। ग्रामीण हंसराज मंडलोई कहते हैं कि अभी ग्रामीणों को एबी रोड और बायपास से ही इंदौर आना-जाना पड़ता है। नई सड़क विकास के नए द्वार खोलेगी। इसका निर्माण जरूरी है।
डेढ़ हजार निर्माण बाधक
एमआर-12 सड़क की चौड़ाई की जद में एक बस्ती के एक हजार से ज्यादा निर्माण बाधक हैं। इन्हें हटाना सरकारी विभागों के लिए आसान नहीं होगा। इन बाधक निर्माणों के टूटने के बाद ही यह सड़क पुराने एबी रोड और नए एबी रोड बायपास से जुड़ पाएगी। आठ माह पहले एमआर-12 का निरीक्षण करने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पहुंचे थे। उनका हेलीकॉप्टर सीधे चौड़ी सड़क पर ही उतरा था।
ट्रैफिक का दबाव कम करेगी
जब मैं इंदौर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहा था। तब एमआर-12 को बनाने की योजना तैयार की थी। यह सड़क सिंहस्थ मेले के दौरान इंदौर के इस हिस्से में ट्रैफिक को सुचारू रखने में मददगार होगी। शहर के ट्रैफिक का दबाव कम करेगी। -शंकर लालवानी, सांसद इंदौर
ये काम होंगे
- इंदौर विकास प्राधिकरण ने तीन किलोमीटर हिस्से की सड़क के लिए 58 करोड़ रुपये का टेंडर मंजूर कर काम ठेके पर दिया है।
-कान्ह नदी पर 15 करोड रुपये की लागत से छह लेन ब्रिज भी तैयार किया जाएगा। इसके अलावा दो बड़ी पुलिया भी बनेगी।
-इसके अलावा कैलोद हाला रेलवे क्रॉसिंग पर भी 80 करोड़ रुपये की लागत से एक ब्रिज बनाया जाएगा।
यह होगा फायदा
- इस सड़क के बनने से एमआर-11 और एमआर-10 मार्ग से वाहनों का दबाव होगा कम
-शहर के 30 से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों को शहर के लिए सीधे कनेक्टिविटी मिलेगी। उपज मंडियों तक लाना होगी आसान
- इंदौर के सीमावर्ती क्षेत्र में नए बसाहट की संभावनाएं बढ़ेंगी। नई काॅलोनियां विकसित होंगी।
- 7 किलोमीटर हिस्से का निर्माण पूरा करने के लिए दो साल का लक्ष्य इंदौर विकास प्राधिकरण ने रखा है।