Indore News: नियम-कायदे ताक पर, प्रतिबंध के बावजूद स्कूली बच्चों को ढो रहे ई रिक्शा
इंदौर की सड़कों पर दस हजार से ज्यादा ई-रिक्शा संचालित हो रहे हैं। कई बार ये ट्रैफिक जाम की वजह बनते है। प्रतिबंध के बावजूद स्कूली बच्चों को ई रिक्शा ढो रहे है। देखना है कि बेलगाम ई रिक्शा को अफसर नियमों में कितना बांध पाते है।
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इंदौर की सड़कों पर अनियंत्रित तरीके से चल रहे ई-रिक्शा की समस्या को देखते हुए यातायात विभाग अब अलग-अलग रूट निर्धारित करने की तैयारी कर रहा है। हालांकि इस तरह की कोशिशें पहले भी की जा चुकी हैं, लेकिन अधिकारी नियमों का प्रभावी रूप से पालन करवाने में अब तक सफल नहीं हो पाए हैं।
भोपाल में हुए एक सड़क हादसे के बाद इंदौर में चार महीने पहले स्कूली बच्चों को ई-रिक्शा से लाने-ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया था, फिर भी शहर के कई स्कूलों में अब भी बच्चे ई-रिक्शा के माध्यम से ही सफर कर रहे हैं। नियमों के अनुसार ई-रिक्शा में चार से अधिक यात्री नहीं बैठाए जा सकते, लेकिन इसके बावजूद कई रिक्शा चालक क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाकर जोखिम उठा रहे हैं। वर्तमान में इंदौर की सड़कों पर दस हजार से ज्यादा ई-रिक्शा संचालित हो रहे हैं।
यातायात विभाग ने इन रिक्शाओं के सुचारू संचालन के लिए 32 थानों को दस सेक्टरों में विभाजित किया है। नई योजना के तहत ई-रिक्शा चालक केवल उसी क्षेत्र में रिक्शा चला सकेंगे जहां वे निवास करते हैं। यदि कोई चालक अपने निर्धारित रूट के बाहर रिक्शा चलाते हुए पाया गया, तो उस पर चालानी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा रूट की पहचान के लिए रिक्शा पर विशिष्ट रंग और नंबर चस्पा करना भी अनिवार्य होगा।
किराये के मामले में भी नियमों का उल्लंघन साफ दिखाई देता है। क्षेत्रीय परिवहन विभाग ने इंदौर में प्रति यात्री पहले दो किलोमीटर के लिए दस रुपये और उसके बाद प्रति किलोमीटर पांच रुपये का किराया तय किया है। मीटर न लगे होने के कारण चालक यात्रियों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं।
राजवाड़ा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में पार्किंग प्रतिबंधित होने के बाद भी चालक सवारी के इंतजार में सड़कों पर कहीं भी वाहन खड़े कर देते हैं, जिससे यातायात बाधित होता है। यातायात डीएसपी आनंद कलादगी का कहना है कि तय सेक्टरों के बाहर रिक्शा चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और बिना पंजीकरण वाले रिक्शाओं के संचालन पर पूरी तरह रोक लगाई जाएगी।

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