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Indore News: इंदौर की 'आदर्श' शिक्षिका, दुनिया छोड़ते वक्त भी पढ़ा गईं समाजसेवा का पाठ
अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर
Published by: अर्जुन रिछारिया
Updated Fri, 17 Oct 2025 08:24 PM IST
सार
Indore News: अहिल्याश्रम की पूर्व शिक्षिका लीला काळे ने 92 साल की उम्र में नेत्रदान, त्वचादान और देहदान से समाजसेवा की अनूठी मिसाल पेश की है। जीवन भर सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहीं। अंतिम समय में भी समाज के लिए आदर्श स्थापित किया।
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लीला काळे
- फोटो : अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर
शहर के प्रतिष्ठित अहिल्याश्रम विद्यालय की पूर्व शिक्षिका लीला काळे ने 92 वर्ष की आयु में अपनी देह का त्याग कर समाज सेवा की एक अनूठी मिसाल पेश की है। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम क्षणों में भी समाज को शिक्षित करते हुए नेत्रदान, त्वचादान और देहदान किया। उनके इस साहसिक और प्रेरणादायक कदम ने समाज के लिए एक नया आदर्श स्थापित किया है।
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- फोटो : अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर
सामाजिक कार्यों को समर्पित जीवन
लीला काळे जीवन भर सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहीं। शिक्षण कार्य से सेवानिवृत्त होने के बाद भी वे लगातार समाज सेवा से जुड़ी रहीं। उनके पुत्र और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व प्रचारक मनीष काळे ने बताया कि उनकी माताजी ने हमेशा समाज को कुछ देने की इच्छा रखी और इसी संकल्प के साथ उन्होंने देहदान का निर्णय लिया था।
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परिवार ने पूरा किया संकल्प
शुक्रवार दोपहर को लीला काळे ने अंतिम सांस ली। उनके निधन के तुरंत बाद परिवार ने उनके संकल्प को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू की। नेत्रदान और त्वचादान की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है।
शनिवार को होंगे अंतिम दर्शन
उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास स्थान 78, वासुदेव नगर, कलेक्टर तिराहा, इंदौर पर रखा जाएगा। शनिवार, 18 अक्टूबर को सुबह 11 बजे अंतिम दर्शन के बाद देहदान की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
होलकर महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य रहे पति और दामाद
लीला काळे, होल्कर विज्ञान महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य स्वर्गीय प्रभाकर शंकर काळे की धर्मपत्नी थीं। उनके परिवार में पुत्र मनीष काळे, सौमित्र काळे और पुत्री प्रतिभा (आरती) खेर हैं। उनके दामाद अरुण खेर भी होल्कर महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य रह चुके हैं।
लीला काळे जीवन भर सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहीं। शिक्षण कार्य से सेवानिवृत्त होने के बाद भी वे लगातार समाज सेवा से जुड़ी रहीं। उनके पुत्र और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व प्रचारक मनीष काळे ने बताया कि उनकी माताजी ने हमेशा समाज को कुछ देने की इच्छा रखी और इसी संकल्प के साथ उन्होंने देहदान का निर्णय लिया था।
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शुक्रवार दोपहर को लीला काळे ने अंतिम सांस ली। उनके निधन के तुरंत बाद परिवार ने उनके संकल्प को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू की। नेत्रदान और त्वचादान की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है।
शनिवार को होंगे अंतिम दर्शन
उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास स्थान 78, वासुदेव नगर, कलेक्टर तिराहा, इंदौर पर रखा जाएगा। शनिवार, 18 अक्टूबर को सुबह 11 बजे अंतिम दर्शन के बाद देहदान की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
होलकर महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य रहे पति और दामाद
लीला काळे, होल्कर विज्ञान महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य स्वर्गीय प्रभाकर शंकर काळे की धर्मपत्नी थीं। उनके परिवार में पुत्र मनीष काळे, सौमित्र काळे और पुत्री प्रतिभा (आरती) खेर हैं। उनके दामाद अरुण खेर भी होल्कर महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य रह चुके हैं।