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Mp News:विजयवर्गीय के भतीजे की शादी में पहुंचे प्रधानमंत्री, बदले राजनीतिक समीकरण
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर
Published by: अभिषेक चेंडके
Updated Thu, 22 Dec 2022 06:02 PM IST
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सार
बीते आठ सालों में विजयवर्गीय के यहां कई निजी आयोजन हुए, लेकिन कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल नहीं हुए। भतीजे की शादी में यह पहला मौका था,जब प्रधानमंत्री समारोह में शामिल हुए।

समारोह में शामिल प्रधानमंत्री
- फोटो : social media
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विस्तार
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के भतीजे की शादी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की राजनीतिक हलकों में बड़ी चर्चा है। इससे प्रदेश के राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय की निकटता भी सामने आई है। इसे विजयवर्गीय का राजनीतिक कद बढ़ने से जोड़कर भी देखा जा रहा है।

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बीते आठ वर्षों में विजयवर्गीय के यहां कई निजी आयोजन हुए, लेकिन कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल नहीं हुए। भतीजे की शादी में यह पहला मौका था, जब प्रधानमंत्री समारोह में शामिल हुए। विजयवर्गीय ने विवाह समारोह का एक रिसेप्शन दिल्ली में रखा था। इसके लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बंगले को चुना गया।
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विजयवर्गीय के छोटे भाई विजय विजयवर्गीय के बेटे की शादी दिसंबर के पहले सप्ताह में थी, लेकिन दिल्ली में रखे रिसेप्शन में प्रधानमंत्री समेत कई केंद्रीय मंत्रियों को न्यौता दिया गया था। प्रधानमंत्री ने विजयवर्गीय परिवार के साथ तस्वीरें भी खिंचवाई। समारोह में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अलावा इंदौर से महापौर पुष्यमित्र भार्गव, आईडीए चेयरमैन जयपाल सिंह चावड़ा, कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला सहित अन्य नेता भी शामिल हुए।
विजयवर्गीय को मिल सकती है महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
पश्चिम बंगाल में भले ही भाजपा की सरकार नहीं बनी, लेकिन बतौर प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने वहां संगठन को मजबूत किया। इससे उनका राजनीतिक कद बढ़ा है। संगठन ने उन्हें फिर महासचिव पद दिया। अगले साल मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है। विजयवर्गीय को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है।
नौ सालों से नहीं लड़ा चुनाव
भाजपा महासचिव बनने के बाद विजयवर्गीय ने नौ साल से कोई चुनाव नहीं लड़ा। उन्होंने संगठन द्वारा सौंपे गए कामों को पूरा कर खुद को साबित करने की कोशिश की। पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थी। इसके बाद इंदौर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा ने सांसद शंकर लालवानी को टिकट दिया था। अब विजयवर्गीय अपना राजनीतिक रास्ता किस तरह तय करेंगे, यह वक्त ही बताएगा? फिलहाल विजयवर्गीय अपनी लिस्ट से राजनीतिक दुश्मनों को कम और दोस्तों की संख्या बढ़ा रहे हैं।