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Indore News: इंदौर की नदियों को बचाने की गुहार, कृष्णपुरा छत्री पर अभ्यास मंडल का मौन सत्याग्रह
अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर
Published by: अर्जुन रिछारिया
Updated Sun, 14 Sep 2025 10:12 PM IST
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सार
Indore News: इस प्रदर्शन के माध्यम से नदियों के पुनर्जीवन हेतु एक जन-आंदोलन चलाने की पुरजोर मांग की गई, ताकि शहर की सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरणीय संतुलन को बचाया जा सके।

अभ्यास मंडल के नेतृत्व में जुटे शहर के प्रबुद्ध नागरिक और पर्यावरणविद
- फोटो : अमर उजाला, डिजिटल डेस्क, इंदौर
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विस्तार
शहर की जीवनरेखा मानी जाने वाली कान्ह और सरस्वती नदियों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए, उनके पुनर्जीवन की मांग को लेकर रविवार को कृष्णपुरा छत्री गेट पर एक विशाल मौन धरना दिया गया। अभ्यास मंडल के आह्वान पर आयोजित इस प्रदर्शन में शहर के गणमान्य नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पर्यावरण प्रेमियों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लेकर नदियों को बचाने का संकल्प लिया।
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दो घंटे का मौन, संदेश असरदार
सुबह से ही कृष्णपुरा छत्री पर लोग जुटना शुरू हो गए थे। दो घंटे से भी अधिक समय तक चला यह धरना पूरी तरह से अनुशासित और शांतिपूर्ण रहा। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने मौन रहकर एक सशक्त संदेश दिया कि "शहर को उसकी नदियां वापस चाहिए, क्योंकि यही उसकी रगों का पानी और सांस्कृतिक विरासत हैं।" हाथों में तख्तियां लिए प्रदर्शनकारियों ने इंदौर के भविष्य के लिए नदियों के महत्व को रेखांकित किया।
"नदियां हैं इंदौर की पहचान"
अभ्यास मंडल के पदाधिकारियों ने इस अवसर पर कहा कि ये नदियां केवल जल का स्रोत नहीं, बल्कि इंदौर की पहचान और उसके भविष्य की नींव हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब तक कान्ह और सरस्वती अपने पुराने स्वरूप में नहीं लौटतीं, तब तक शहर का पर्यावरणीय संतुलन अधूरा और असंतुलित ही रहेगा।
जन-आंदोलन की आवश्यकता
इस मौन धरने के माध्यम से प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन, समाज और सभी नागरिकों से एक होकर नदी पुनर्जीवन के इस अभियान को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की मांग की। उनका कहना था कि इसे एक सरकारी योजना तक सीमित न रखकर एक व्यापक जन-आंदोलन का रूप दिया जाना चाहिए। यह प्रयास केवल नदियों की रक्षा का आह्वान नहीं, बल्कि शहर की आने वाली पीढ़ियों के जीवन और सांसों की सुरक्षा का एक गंभीर संकल्प है।
प्रमुख हस्तियों की रही उपस्थिति
धरने में गौतम कोठारी, अशोक जायसवाल, ओ. पी. जोशी, कृपाशंकर शुक्ला, श्यामसुंदर यादव, सुरेश मिंडा, फादर लकारा, प्रदीप नवीन, नूर मोहम्मद कुरैशी, पी. सी. शर्मा, जीवन मंडलीचा, रामस्वरूप मंत्री, अरविंद पोरवाल, दिलीप वाघेला, मनीष भालेराव, मुरली खंडेलवाल, श्याम पांडे, देवीलाल गुर्जर, सुशीला यादव, मालासिंह ठाकुर, वैशाली खरे, और प्रणिता दीक्षित समेत कई प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में रामेश्वर गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए भविष्य में इस अभियान को और तेज करने की रूपरेखा पर जानकारी दी।

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सुबह से ही कृष्णपुरा छत्री पर लोग जुटना शुरू हो गए थे। दो घंटे से भी अधिक समय तक चला यह धरना पूरी तरह से अनुशासित और शांतिपूर्ण रहा। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने मौन रहकर एक सशक्त संदेश दिया कि "शहर को उसकी नदियां वापस चाहिए, क्योंकि यही उसकी रगों का पानी और सांस्कृतिक विरासत हैं।" हाथों में तख्तियां लिए प्रदर्शनकारियों ने इंदौर के भविष्य के लिए नदियों के महत्व को रेखांकित किया।
"नदियां हैं इंदौर की पहचान"
अभ्यास मंडल के पदाधिकारियों ने इस अवसर पर कहा कि ये नदियां केवल जल का स्रोत नहीं, बल्कि इंदौर की पहचान और उसके भविष्य की नींव हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब तक कान्ह और सरस्वती अपने पुराने स्वरूप में नहीं लौटतीं, तब तक शहर का पर्यावरणीय संतुलन अधूरा और असंतुलित ही रहेगा।
जन-आंदोलन की आवश्यकता
इस मौन धरने के माध्यम से प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन, समाज और सभी नागरिकों से एक होकर नदी पुनर्जीवन के इस अभियान को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की मांग की। उनका कहना था कि इसे एक सरकारी योजना तक सीमित न रखकर एक व्यापक जन-आंदोलन का रूप दिया जाना चाहिए। यह प्रयास केवल नदियों की रक्षा का आह्वान नहीं, बल्कि शहर की आने वाली पीढ़ियों के जीवन और सांसों की सुरक्षा का एक गंभीर संकल्प है।
प्रमुख हस्तियों की रही उपस्थिति
धरने में गौतम कोठारी, अशोक जायसवाल, ओ. पी. जोशी, कृपाशंकर शुक्ला, श्यामसुंदर यादव, सुरेश मिंडा, फादर लकारा, प्रदीप नवीन, नूर मोहम्मद कुरैशी, पी. सी. शर्मा, जीवन मंडलीचा, रामस्वरूप मंत्री, अरविंद पोरवाल, दिलीप वाघेला, मनीष भालेराव, मुरली खंडेलवाल, श्याम पांडे, देवीलाल गुर्जर, सुशीला यादव, मालासिंह ठाकुर, वैशाली खरे, और प्रणिता दीक्षित समेत कई प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में रामेश्वर गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए भविष्य में इस अभियान को और तेज करने की रूपरेखा पर जानकारी दी।