Jabalpur News: चार माह बाद दर्ज हुई 19 घोड़ों के मौत मामले पर FIR, हैदराबाद से जबलपुर से लाए गए थे 57 घोड़े
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में चार माह पूर्व हैदराबाद से आए 57 घोड़ों में से 13 की मौत हो गई थी। इसके बाद प्रदेश भर में यह मामला चर्चा का विषय बना रहा है। पशु प्रेमियों ने घोड़ों की मौत को लेकर नाराजगी जताई थी। वहीं, लंबी पड़ताल के बाद पुलिस संबंधित कंपनी और केयर टेकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

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मध्य प्रदेश के जबलपुर से घोड़ों की हुई मौत मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। बता दें कि चार माह पूर्व हैदराबाद से आए 57 घोड़ों में से 13 की मौत हो गई थी। प्राइवेट फार्म हाउस में पशु चिकित्सकों की निगरानी में विगत 20 दिनों में 6 और घोड़ों की मौत हो गई है। इसके साथ ही मरने वाले घोड़ों की कुल संख्या 19 हो गई है। वहीं, अब पशु विभाग द्वारा घोड़े के जबलपुर लाने के चार माह बाद संबंधित कंपनी और केयर टेकर के खिलाफ पनागर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ बीएनएस की धारा 325 तथा पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा 11 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।

29 अप्रैल से 3 मई के बीच आए थे घोड़े
गौरतलब है कि हेथा नेट इंडिया प्राइवेट कंपनी हैदराबाद से 29 अप्रैल से 3 मई के बीच 57 विभिन्न नस्लों के घोड़े को जबलपुर लाकर पनागर के रैपुरा ग्राम स्थित ठाकुर फार्म में रखा गया था। घोड़े के बीमार पड़ने पर केयर टेकर सचिन तिवारी ने पशु विभाग को सूचित किया था। घोड़ों में ग्लैंडर्स बीमारी की संभावना और जूनोटिक रोगों की निगरानी व निदान के लिए नेशनल एक्शन प्लान के तहत जिला कलेक्टर ने रैपिड रिस्पांस टीम गठित करने के आदेश जारी किए थे।
राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र में हुई जांच
बायोसेफ्टी सतर्कता के साथ सभी घोड़ों के ब्लड सीरम सैंपल को जांच के लिए हरियाणा के हिसार स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र भेजा गया था। अनुसंधान केंद्र से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ एक घोड़े में ग्लैंडर्स के संभावित लक्षण पाए गए थे। घोड़े के स्वास्थ्य में सुधार होने के कारण जांच के लिए दोबारा सैंपल लैब में नहीं भेजे गए थे।
अब तक कुल 19 घोड़ों की हो चुकी है मौत
रैपुरा ग्राम स्थित ठाकुर फार्म में रखे गए घोड़ों की निगरानी पशु विभाग के चिकित्सक दल द्वारा की जा रही थी। फार्म में विगत 20 दिनों में आधा दर्जन घोड़ों की मौत हो गई थी। हैदराबाद से लाए गए घोड़ों में अभी तक 19 की मौत हो चुकी है। घोड़ों की मौत को गंभीरता से लेते हुए पशुपालन विभाग ने पनागर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
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पनागर थाना प्रभारी का बयान
पनागर थाना प्रभारी विपिन ताम्रकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायत पर केयर टेकर सचिन तिवारी और हेथा नेट इंडिया प्राइवेट कंपनी के खिलाफ बीएनएस की धारा 325 तथा पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा 11 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। घोड़ों की मेडिकल जांच तथा डॉक्टरों की सलाह के अनुसार उनके पुनर्वास पर निर्णय लेते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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