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MP High Court: नियुक्ति प्रक्रिया के पहले चरण में आरक्षण का लाभ लेने वाला अनारक्षित वर्ग का नहीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर
Published by: जबलपुर ब्यूरो
Updated Wed, 17 Dec 2025 04:51 PM IST
सार
जबलपुर हाईकोर्ट में एक ऐसा मामला आया जिसमें भर्ती के पहले चरण में आरक्षण का लाभ लिया गया। इसके बाद अनारक्षित वर्ग का माना गया। इस पर कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिए कि पहले चरण में आरक्षण का लाभ ले चुके उम्मीदवार को अनारक्षितक वर्ग का नहीं माना जा सकता है।
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जबलपुर हाईकोर्ट
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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जबलपुर हाईकोर्ट जस्टिस दीपक खोत ने अपने अहम आदेश में कहा है कि नियुक्ति प्रक्रिया के प्रथम चरण में आरक्षण का लाभ प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को अनारक्षित वर्ग का नहीं माना जा सकता है। पहले दौर में उन्होने आरक्षण कोटे के लाभ प्राप्त होने पर दूसरे एग्जाम के लिए उनका चयन हुआ है। एकलपीठ ने उक्त आदेश के साथ दायर तीन याचिकाओं को निरस्त कर दिया।याचिका सना खान, प्रियंका पटेल व नमामि दीक्षित की तरफ से दायर की गयी गई थीं।
याचिका में कहा गया था कि पुलिस कांस्टेबल रिक्रूटमेंट टेस्ट-2023 दो चरणों में हुआ था। दोनों चरण की परीक्षा के बाद अनारक्षित वर्ग का कट ऑफ मार्क्स 143.53 निर्धारित किए गये। उन्हें अनारक्षित वर्ग से अधिक कट ऑफ मार्क्स प्राप्त हुए थे। इसके बावजूद भी उन्हें नियुक्ति प्रदान नहीं की गयी। याचिका में राहत चाही गयी थी निर्धारित से अधिक कट ऑफ मार्क्स होने के कारण उन्हें अनारक्षित वर्ग में नियुक्ति प्रदान की जाये।
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एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि सिलेक्शन रूल बुक के क्लॉज 11 के अनुसार उम्मीदवार को पहले पहला टेस्ट उत्तीर्ण करने के बाद ही दूसरे फिजिकल टेस्ट में शामिल हो सकता था। याचिकाकर्ता अन्य पिछड़ा वर्ग या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की अभ्यार्थी थी। प्रथम चरण में आयोजित परीक्षा में उनके कट ऑफ मॉर्क्स निर्धारित से कम थे। आरक्षित वर्ग का लाभ मिलने के बाद वह दूसरे चरण की फिजिकल परीक्षा में शामिल हुई थीं। याचिकाकर्ताओं ने पहले स्टेज में आरक्षण का फायदा दिया गया है,इसलिए उन्हें अनारक्षित श्रेणी का नहीं माना जा सकता है।
याचिका में कहा गया था कि पुलिस कांस्टेबल रिक्रूटमेंट टेस्ट-2023 दो चरणों में हुआ था। दोनों चरण की परीक्षा के बाद अनारक्षित वर्ग का कट ऑफ मार्क्स 143.53 निर्धारित किए गये। उन्हें अनारक्षित वर्ग से अधिक कट ऑफ मार्क्स प्राप्त हुए थे। इसके बावजूद भी उन्हें नियुक्ति प्रदान नहीं की गयी। याचिका में राहत चाही गयी थी निर्धारित से अधिक कट ऑफ मार्क्स होने के कारण उन्हें अनारक्षित वर्ग में नियुक्ति प्रदान की जाये।
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एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि सिलेक्शन रूल बुक के क्लॉज 11 के अनुसार उम्मीदवार को पहले पहला टेस्ट उत्तीर्ण करने के बाद ही दूसरे फिजिकल टेस्ट में शामिल हो सकता था। याचिकाकर्ता अन्य पिछड़ा वर्ग या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की अभ्यार्थी थी। प्रथम चरण में आयोजित परीक्षा में उनके कट ऑफ मॉर्क्स निर्धारित से कम थे। आरक्षित वर्ग का लाभ मिलने के बाद वह दूसरे चरण की फिजिकल परीक्षा में शामिल हुई थीं। याचिकाकर्ताओं ने पहले स्टेज में आरक्षण का फायदा दिया गया है,इसलिए उन्हें अनारक्षित श्रेणी का नहीं माना जा सकता है।

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