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MP News: शाहपुर में किसानों ने भरी हुंकार, ट्रैक्टर रैली निकालकर किया शक्ति प्रदर्शन, तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सागर
Published by: सागर ब्यूरो
Updated Mon, 22 Dec 2025 06:08 PM IST
सार
भारतीय किसान यूनियन संघ ने शाहपुर में लंबित मांगों को लेकर ट्रैक्टर रैली निकाली। किसानों ने मक्का की MSP पर खरीदी, बिजली कटौती और खाद संकट का मुद्दा उठाया। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर समस्याओं के शीघ्र समाधान की चेतावनी दी गई।
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प्रदर्शन करते किसान।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
लंबित मांगों और प्रशासन की बेरुखी के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन संघ ने सोमवार को शाहपुर नगर में भारी शक्ति प्रदर्शन किया। सैकड़ों ट्रैक्टरों के साथ निकाली गई इस विशाल रैली ने नगर के मुख्य मार्गों को किसान नारों से गुंजायमान कर दिया। रैली का समापन झंडा चौक स्थित आंबेडकर प्रतिमा के पास एक सभा के रूप में हुआ, जिसके बाद मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर समस्याओं के तत्काल निराकरण की चेतावनी दी गई।
लागत से कम दामों पर मक्का बेचने को मजबूर किसान
यूनियन के पदाधिकारियों और किसानों ने मक्का की गिरती कीमतों पर गहरा रोष व्यक्त किया। किसानों ने बताया कि वर्तमान में मक्का ₹1200 से ₹1300 प्रति क्विंटल के औने-पौने दामों पर बिक रहा है, जबकि इसकी उत्पादन लागत इससे कहीं अधिक है। किसानों ने पुरजोर मांग की है कि मक्का की खरीदी तत्काल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर शुरू की जाए, ताकि उन्हें आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।
बिजली और खाद की किल्लत से बढ़ा आक्रोश
ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने बिजली और खाद की अव्यवस्था को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया। किसानों ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि खेती के लिए निर्धारित 10 घंटे के बजाय मात्र 6 घंटे बिजली दी जा रही है। अघोषित कटौती के कारण रबी सीजन की सिंचाई ठप पड़ी है। रासायनिक उर्वरकों (खाद) की भारी किल्लत है, जिसके कारण किसानों को सारा काम छोड़कर दिन-भर लाइनों में खड़ा रहना पड़ रहा है।
ये भी पढ़ें- 'MP में रिकॉर्ड 95 FIR, इतनी हिंदुस्तान में कहीं नहीं!' शिवराज सिंह की रिपोर्ट पर बोले कृषि मंत्री
स्थानीय व्यवस्थाओं पर भी उठाए सवाल
किसानों ने केवल कृषि ही नहीं, बल्कि तहसील की बुनियादी सुविधाओं में सुधार की भी मांग की है। ज्ञापन में मांग की गई कि तहसील कार्यालय से जुड़े सभी कार्य स्थानीय स्तर पर ही पूर्ण हों। साथ ही क्षेत्र की स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
प्रमुख मांगें
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लागत से कम दामों पर मक्का बेचने को मजबूर किसान
यूनियन के पदाधिकारियों और किसानों ने मक्का की गिरती कीमतों पर गहरा रोष व्यक्त किया। किसानों ने बताया कि वर्तमान में मक्का ₹1200 से ₹1300 प्रति क्विंटल के औने-पौने दामों पर बिक रहा है, जबकि इसकी उत्पादन लागत इससे कहीं अधिक है। किसानों ने पुरजोर मांग की है कि मक्का की खरीदी तत्काल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर शुरू की जाए, ताकि उन्हें आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।
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बिजली और खाद की किल्लत से बढ़ा आक्रोश
ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने बिजली और खाद की अव्यवस्था को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया। किसानों ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि खेती के लिए निर्धारित 10 घंटे के बजाय मात्र 6 घंटे बिजली दी जा रही है। अघोषित कटौती के कारण रबी सीजन की सिंचाई ठप पड़ी है। रासायनिक उर्वरकों (खाद) की भारी किल्लत है, जिसके कारण किसानों को सारा काम छोड़कर दिन-भर लाइनों में खड़ा रहना पड़ रहा है।
ये भी पढ़ें- 'MP में रिकॉर्ड 95 FIR, इतनी हिंदुस्तान में कहीं नहीं!' शिवराज सिंह की रिपोर्ट पर बोले कृषि मंत्री
स्थानीय व्यवस्थाओं पर भी उठाए सवाल
किसानों ने केवल कृषि ही नहीं, बल्कि तहसील की बुनियादी सुविधाओं में सुधार की भी मांग की है। ज्ञापन में मांग की गई कि तहसील कार्यालय से जुड़े सभी कार्य स्थानीय स्तर पर ही पूर्ण हों। साथ ही क्षेत्र की स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
प्रमुख मांगें
- फसलों की अनिवार्य खरीदी समर्थन मूल्य (MSP) पर सुनिश्चित हो।
- अघोषित बिजली कटौती पर तुरंत रोक लगे और 10 घंटे निर्बाध बिजली मिले।
- खाद की पर्याप्त आपूर्ति हो ताकि कतारें न लगें।
- महंगाई पर नियंत्रण कर खेती की बढ़ती लागत को कम किया जाए।
- किसानों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द ही सहानुभूतिपूर्वक विचार नहीं किया गया, तो वे अपने आंदोलन को और उग्र करने के लिए बाध्य होंगे।
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