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Sehore News: शिवराज की सख्ती का कमाल, 11 दिन से लापता नाबालिग 24 घंटे में सकुशल बरामद, जेल पहुंचे आरोपी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीहोर
Published by: सीहोर ब्यूरो
Updated Wed, 05 Nov 2025 10:08 AM IST
सार
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के सख्त निर्देशों के बाद पुलिस ने 11 दिन से लापता नाबालिग को महज 24 घंटे में सकुशल बरामद कर लिया।
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पीथमपुर से सकुशल लौटी नाबालिग, आरोपी सलाखों के पीछे।
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विस्तार
जिले के भैरुंदा थाना क्षेत्र में नाबालिग बालिका के अपहरण मामले ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया था। 11 दिन बीत जाने के बाद भी जब पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली, तब समाज में रोष फूट पड़ा। रविवार को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी से सीधी बात की और पुलिस को 24 घंटे में कार्रवाई के निर्देश दिए। उनका यह सख्त निर्देश निर्णायक साबित हुआ और पुलिस ने वादा निभाते हुए महज एक दिन में नाबालिग को सकुशल बरामद कर लिया।
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रविवार को भैरुंदा में यदुवंश समाज ने भोपाल-इंदौर हाईवे पर छह घंटे तक चक्काजाम किया था। प्रदर्शन के बीच जब एएसपी सुनीता रावत और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे, तो समाज ने साफ कहा कि यदि 24 घंटे में बच्ची नहीं मिली तो आंदोलन और उग्र होगा। यही चेतावनी पुलिस के लिए अलार्म साबित हुई और उन्होंने मामले में पूरी ताकत झोंक दी।
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थाना प्रभारी निरीक्षक घनश्याम दांगी ने एसडीओपी रोशन कुमार जैन के निर्देशन में विशेष टीम गठित की। टीम ने इंदौर, खुड़ैल और पीथमपुर के मार्गों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की गहन जांच की। एक फुटेज में बाइक सवार युवक के साथ नाबालिग दिखाई दी, जिसके बाद पुलिस ने उस दिशा में खोज तेज की। पीथमपुर के एक मंदिर के पास वही बाइक खड़ी मिली, पुलिस ने इलाके में घेराबंदी कर आरोपी उमाशंकर मेहरा को मौके पर ही पकड़ लिया। उसके साथ नाबालिग भी मौजूद थी, जिसे सुरक्षित पुलिस ने अपने कब्जे में लिया।
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जांच में पता चला कि आरोपी उमाशंकर पिता हब्बूलाल मेहरा बीते दो दिनों से पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया की मजदूर बस्ती में एक झोपड़ी किराए पर लेकर रह रहा था। वह वहीं नाबालिग को छिपाकर रखने और नया ठिकाना बनाने की योजना में था। पुलिस के तकनीकी इनपुट और सक्रिय निगरानी ने उसकी हर चाल को नाकाम कर दिया। जैसे ही वह बाइक लेने लौटा, पुलिस पहले से तैयार थी और उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।
मुख्य आरोपी उमाशंकर के अलावा पुलिस ने तीन अन्य आरोपियों विजेश मेहरा, कांता बाई मेहरा और गायत्री मेहरा को भी गिरफ्तार किया। ये सभी घटना में सह-आरोपी के रूप में शामिल थे। पुलिस ने सभी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। मंगलवार को सभी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस ने कहा कि आगे और भी तथ्य सामने आ सकते हैं, जिसके लिए जांच जारी है।
नाबालिग के सकुशल लौटने पर परिजन भावुक होकर रो पड़े। हर कोई यही कह रहा था कि यदि शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप न किया होता, तो शायद बच्ची की बरामदगी में और देरी होती। यदुवंश समाज के पदाधिकारियों ने भी केंद्रीय मंत्री और पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त किया।