मां लक्ष्मी की उत्पत्ति जल से मानी जाती है। इसलिए उन्हें चंचला भी कहा जाता है। लक्ष्मी जी का स्वभाव चंचल होने के कारण वे एक जगह नहीं ठहरती हैं। हर कोई चाहता है कि मां लक्ष्मी की कृपा उन पर बनी रहें, जिस पर लक्ष्मी जी मेहरबान हो जाएं उसे रंक से राजा बनने में देर नहीं लगती हैं।
भूलकर भी न करें ये काम नहीं तो हो जाएंगे कंगाल
बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि हमें सदैव सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए हमारे शास्त्रों में भी ब्रह्म मुहूर्त में उठना बहुत शुभ माना जाता है। सूर्योदय के बाद भी बहुत देर तक सोना या फिर उठने के बाद आलस की वजह से इधर-उधर लेटे रहना अच्छा नहीं रहता हैं। रात को समय से सोना और प्रातःकाल उठना स्वास्थ के लिए भी अच्छा रहता है।
इसी तरह हमें संध्या के समय जब दोनों बेला मिलती हैं उस समय नहीं सोना चाहिए। यह समय पूजा पाठ करने का होता है। जो लोग सुबह देर तक सोते हैं या संध्या के समय सोते हैं आलस करते हैं ऐसे लोगों के पास लक्ष्मी जी कभी नहीं ठहरती हैं।
कभी भूलकर भी हमें अन्न का अनादर नहीं करना चाहिए जो लोग भोजन छोड़कर उठ जाते हैं, या अन्न का अनादर करते हैं, ऐसे लोग दाने-दाने के लिए परेशान हो जाते हैं, धन या खाने का अत्यधिक उपभोग भी व्यक्ति को दरिद्रता की ओर ले जाता है।
भोजन हमेशा पूरा करने के बाद ही उठना चाहिए, अगर आप किसी कारणवश पूरा भोजन नहीं कर पा रहे हैं तो क्षमा मांगकर ही उठें। नहीं तो मां अन्न पूर्णा नाराज हो जाती हैं और ऐसे लोगों के घर में कभी बरकत नहीं रहती है।
स्त्री को लक्ष्मी और अन्नपूर्णा का स्वरुप माना जाता है, जिन लोगों के घर में महिलाओं का सम्मान नहीं होता है, उन पर लक्ष्मी जी की कृपा कभी नहीं होती हैं। इसलिए सदैव महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। किसी बड़े-बुजुर्ग, या जरुरतमंद व्यक्ति का अपमान भूलकर भी न करें नहीं तो लक्ष्मी जी आपसे नाराज हो जाती हैं।
अक्सर हम लोग जब घर में भोजन कर रहे होते हैं तो यह गलती करते ही हैं किसी के नमक मांगने पर हम हाथ में ही दे देते हैं यह आदत बुहत ही खराब होती है, नमक हमेशा किसी बर्तन में ही दें। ऐसा करने से घर में दरिद्रता आती है। न ही किसी को नमक उधार में देना चाहिए न ही किसी से नमक उधार लेना चाहिए।

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