Samudrik Shastra: हस्तरेखा शास्त्र में जैसे हथेली की रेखाओं से भविष्य का पता लगाया जाता है, वैसे ही सामुद्रिक शास्त्र में शरीर के विभिन्न अंगों की बनावट देखकर भी किसी व्यक्ति के स्वभाव और भाग्य के बारे में जानकारी मिलती है। हर व्यक्ति की गर्दन की आकृति, लंबाई और चौड़ाई अलग-अलग होती है, जो उसकी व्यक्तिगत पहचान और व्यक्तित्व को दर्शाती है। सामुद्रिक शास्त्र और हस्तरेखा विज्ञान दोनों में ही गर्दन की बनावट को खास महत्व दिया गया है क्योंकि यह व्यक्ति के धन-संपदा और जीवन की सफलताओं का संकेत देती है।
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