Chandra Grahan 2026 Date: साल 2026 की शुरुआत एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना के साथ होने जा रही है। नए वर्ष का पहला चंद्रग्रहण आते ही आसमान में एक खास दृश्य दिखाई देगा, जिसे भारत के लोग भी स्पष्ट रूप से देख सकेंगे। यह ग्रहण ग्रस्तोदय रूप में दिखाई देगा, अर्थात जब चंद्रमा उदित होगा, उसी समय वह ग्रहण की स्थिति में होगा। ऐसे में यह घटना खगोल विज्ञान के दृष्टिकोण से तो आकर्षक है ही, लेकिन धार्मिक व सांस्कृतिक मान्यताओं के कारण लोगों में इसके प्रति विशेष उत्सुकता भी रहती है।
Chandra Grahan 2026: साल 2026 का पहला चंद्रग्रहण कब और कहां दिखेगा? जानें तारीख, समय और प्रभाव
Saal 2026 Ka Pahla Chandra Grahan Kab: साल 2026 का पहला चंद्रग्रहण ग्रस्तोदय रूप में पूरे भारत में दिखाई देगा। जानें इस चंद्रग्रहण की तारीख, समय, ज्योतिषीय मान्यताएँ और इससे जुड़े महत्वपूर्ण प्रभाव
होली के दिन लगेगा 2026 का पहला चंद्रग्रहण
साल 2026 का पहला चंद्रग्रहण एक खास संयोग के साथ प्रतीत होगा, क्योंकि यह होली के पर्व पर लगने जा रहा है। यह ग्रहण 3 मार्च 2026, पूर्णिमा तिथि को पड़ेगा। ज्योतिषीय दृष्टि से देखें तो उस समय चंद्रमा सिंह राशि में केतु के साथ स्थित रहेंगे, जबकि राहु की पूर्ण दृष्टि चंद्रमा पर होगी। यही कारण है कि यह चंद्रग्रहण प्रभावी माना जा रहा है। हालांकि ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत में इस खग्रास (पूर्ण) चंद्रग्रहण की शुरुआत, खग्रास प्रारंभ या ग्रहण मध्य किसी भी रूप में दिखाई नहीं देगा। देश में ग्रहण का केवल अंतिम चरण ही लोगों को नजर आएगा।
भारत में कहां दिखाई देगा चंद्रग्रहण 2026?
इस चंद्रग्रहण की आंशिक दृश्यता केवल भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में देखने को मिलेगी। इनमें शामिल हैं-
पश्चिम बंगाल के उत्तर-पूर्वी इलाके, नागालैंड, मिजोरम, असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश आदि क्षेत्र।
इन राज्यों में लोग खग्रास समाप्ति और ग्रहण की अंतिम अवस्था को देख पाएंगे।
बाकी भारत में जब तक चंद्रोदय होगा, तब तक ग्रहण का मुख्य हिस्सा समाप्त हो चुका होगा, और दर्शकों को केवल ग्रहण समाप्ति ही दिखाई देगी।
साल 2026 के चंद्रग्रहण का समय
साल 2026 में होने वाला पहला चंद्रग्रहण दोपहर से शाम तक अलग-अलग चरणों में दिखाई देगा। इसकी समय-सारणी इस प्रकार है:
- ग्रहण स्पर्श (प्रारंभ) – दोपहर 3:20 बजे
- खग्रास प्रारंभ – 4:34 बजे
- ग्रहण का मध्य चरण – शाम 5:04 बजे
- खग्रास समाप्त – 5:33 बजे
- ग्रहण पूरी तरह समाप्त – शाम 6:47 बजे
ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, चंद्रग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले ही लागू हो जाता है। ऐसे में 3 मार्च को सूतक काल सुबह 6:20 बजे से ही प्रारंभ माना जाएगा।
भारत के अलावा किन देशों में दिखेगा यह चंद्रग्रहण?
भारत में जहां केवल ग्रहण का अंतिम चरण दिखाई देगा, वहीं दुनिया के कई देशों में यह चंद्रग्रहण पूरी तरह से देखा जा सकेगा।
कहां दिखाई देगा:
ऑस्ट्रेलिया
न्यूज़ीलैंड
दक्षिण अमेरिका के कई क्षेत्र
रूस के विभिन्न भाग
इन क्षेत्रों में दर्शक ग्रहण के प्रमुख चरणों का खगोलीय दृश्य बेहतर तरीके से देख पाएंगे।