Longest Surya Grahan: सूर्य ग्रहण खगोल विज्ञान की एक अद्भुत और दुर्लभ घटना है। इसका महत्व केवल विज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि धार्मिक-ज्योतिष शास्त्र में भी इसे विशेष माना गया है। मान्यता है कि, ग्रहण के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन आवश्यक होता है, जिससे इसके संभावित अशुभ प्रभावों से बचाव किया जाता है। खासतौर पर हिंदू धर्म में इस अवधि को अशुभ माना जाता है। परंतु आसमान में होने वाली यह अद्भुत घटना हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचती हैं। कहते हैं कि, जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आकर सूर्य की किरणों को ढक देता है, तब सूर्य ग्रहण लगता है। वहीं आगामी वर्ष 2027 में एक ऐसा सूर्य ग्रहण लगने वाला है, जिसे सदी का सबसे लंबा ग्रहण माना जा रहा है। खगोलविदों का मानना है कि इस ग्रहण का प्रभाव और अवधि बेहद यादगार होगी। ऐसे में आइए इसके समय और भारत पर इसका क्या प्रभाव होगा, जानते हैं।
Longest Surya Grahan: इस दिन लगेगा सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण, जब 6 मिनट 23 सेकंड के लिए छा जाएगा अंधेरा
Longest Surya Grahan: जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आकर सूर्य की किरणों को ढक देता है, तब सूर्य ग्रहण लगता है। यह घटना न केवल खगोल बल्कि ज्योतिष शास्त्र में भी अधिक प्रभावी मानी जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि, सदी के सबसे लंबे सूर्य ग्रहण का क्या महत्व है और इसका भारत पर क्या प्रभाव रहेगा।
कब लगेगा सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण ?
खगोलविदों के मुताबिक, 2 अगस्त 2027 को सूर्य ग्रहण लगने वाला है। लेकिन यह सामान्य नहीं बल्कि अन्य सूर्य ग्रहण से अलग रहेगा। बता दें, 2027 में लगने वाले इस सूर्य ग्रहण को सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण माना जाएगा। विशेष रूप से इसकी अवधि को ध्यान में रखा जाएगा।
माना जा रहा है कि यह 21वी सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा, जिसमें 6 मिनट 23 सेकंड तक गहरा अंधेरा रहेगा। इस समय धरती के कई हिस्सों में दिन में अंधेरा देखने को मिल सकता है। यही नहीं तापमान भी 5 से 10 डिग्री गिर सकता है और हवा की दिशा बदलने की संभावनाएं हैं।
क्या सूर्य ग्रहण भारत में देगा दिखाई ?
खगोलविदों के मुताबिक, 2 अगस्त 2027 में लगने वाला सूर्य ग्रहण अटलांटिक महासागर में शुरू होगा। इस दौरान यह ग्रहण स्पेन से होते हुए आगे बढ़ेगा। इसके बाद यह जिब्राल्टर के ऊपर से होते हुए उत्तरी अफ्रीका में प्रवेश करेगा। इस दौरान मोरक्को, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया और लीबिया के कुछ हिस्सों को यह ग्रहण ढक सकता है। यहां से होते हुए यह मिस्र में एंट्री करेगा। माना जा रहा है कि, सूर्य ग्रहण यहां की महत्वपूर्ण पुरातात्विक साइट लक्सर में अधिक समय के लिए रहेगा। हालांकि, सदी का सबसे लंबा ग्रहण भारत और आसपास के देशों में दिखाई नहीं देगा, जिस कारण इसका सूतक काल भी मान्य नहीं रहने वाला है।
सूर्य ग्रहण का ज्योतिष महत्व
ज्योतिषियों के मुताबिक, 2 अगस्त 2027 को सूर्य ग्रहण लगने वाला है। परंतु इसका प्रभाव भारत में नजर नहीं आएगा। लेकिन इस दिन श्रावण मास की अमावस्या तिथि है। इसे हरियाली अमावस्या भी कहते हैं। ऐसे में अपनी राशि के मुताबिक कुछ उपाय करना लाभकारी हो सकता है।
मेष राशि
उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ
वृषभ राशि
उपाय: मां लक्ष्मी की पूजा, सफेद वस्त्र या चावल दान
मिथुन राशि
उपाय: तुलसी पर जल चढ़ाएं
कर्क राशि
उपाय: दूध में केसर मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
सिंह राशि
उपाय: गेहूं दान करें।
कन्या राशि
उपाय: दुर्गा सप्तशती पाठ।